रुद्राभिषेक का समय
भगवान शिव की प्रसन्नता हेतु आषाढ़ पूर्णिमा से
लेकर सम्पूर्ण श्रावण मास पर्यन्त गोमुख, श्री केदार नाथ, हरिद्वार, नीलकंठ एवं
गंगादी तीर्थो से श्री गंगाजल भर कर भगवान शिव के प्रतिष्ठित मंदिरों, ज्योतिर्लिंगों, विग्रहो
एवं स्वरूपों आदि में शिव भक्त कावड़ियों द्वारा श्री गंगाजल से अभिषेक किया जाता
है|
स्कन्द पुराण के अनुसार श्रावण मास में नियम पूर्वक (नक्त) व्रत करे और महीने
भर प्रतिदिन रुद्राभिषेक करें |
शिवरात्रि का दिन एवं शुभ मुहूर्त
6 अगस्त 2021 प्रातः 6 बज कर 31 मिनट से 8 बज कर 52 मिनट तक एवं सायं 7 बज कर 03
मिनट से 9 बज कर 43 मिनट तक |
7 अगस्त 2021 प्रातः 6 बज कर 51 मिनट से 8 बज कर 48 मिनट तक
रुद्राभिषेक
का महत्व
विविध द्रव्यों से विविध फल की प्राप्ति
हेतु अभिषेक करना चाहिए, जो मनुष्य शुक्लयजुर्वेदीय रुद्राष्टाध्यायी से अभिषेक करता है उस भक्त
पर रुद्र देव प्रसन्न होकर शीघ्र मनोवांछित फल प्रदान करते हैं, जो व्यक्ति जिस
कामना की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक करता है वह उसी प्रकार के द्रव्यों का प्रयोग
करता है.
अर्थात यदि कोई वाहन प्राप्त करने की इच्छा से रुद्राभिषेक करता है तो उसे दही से
अभिषेक करना चाहिए. यदि कोई रोग दुःख से छुटकारा पाना चाहता है तो उसे कुशा के जल
से अभिषेक करना चाहिए.
रुद्र भगवान शिव का ही प्रचंड रूप हैं, इनका अभिषेक करने
से सभी ग्रह बाधाओं और सारी समस्याओं का नाश होता है. रुद्राभिषेक में शुक्ल
यजुर्वेद के रुद्राष्टाध्यायी के मंत्रों का पाठ किया जाता है, अभिषेक के कई
प्रकार होते हैं.
शिव जी को प्रसन्न करने का सबसे श्रेष्ठ
तरीका है रुद्राभिषेक करना अथवा श्रेष्ठ ब्राह्मण विद्वानों के द्वारा कराना, वैसे भी भगवान शिव
को जलधाराप्रिय माना जाता है, क्योंकि वह अपनी जटा में गंगा को धारण किये हुए हैं.
रुद्रहृदयोपनिषद में कहा गया है:
सर्वदेवात्मको रुद्र: सर्वे देवा: शिवात्मका:,
रुद्रात्प्रवर्तते बीजं बीजयोनिर्जनार्दन:.
यों रुद्र: स स्वयं ब्रह्मा यो ब्रह्मा स
हुताशन:,
ब्रह्मविष्णुमयो
रुद्र अग्नीषोमात्मकं जगत्.
अर्थात – यह श्लोक बताता है
कि रूद्र ही ब्रह्मा, विष्णु है सभी देवता रुद्रांश है और सबकुछ रुद्र से ही जन्मा है, इससे यह सिद्ध है
कि रुद्र ही ब्रह्म है, वह स्वयम्भू है.
रुद्राभिषेक से होने वाले
प्रभाव शाली लाभ
आप जिस उद्देश्य की पूर्ति हेतु
रुद्राभिषेक करा रहे हैं उसके लिए किस द्रव्य का इस्तेमाल करना चाहिए इसका उल्लेख
शिव महा पुराण व अन्य शास्त्रों व पुराणों में दिया गया है. मकान, वाहन या पशु आदि की
इच्छा है तो दही से शिवलिंग पर रुद्राअभिषेक करें.
Ø लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से छुटकारा पाने के लिए गन्ने के रस से शिवलिंग
पर अभिषेक करें.
Ø धन में वृद्धि चल अचल संपत्ति की प्राप्ति के लिए जल में शहद डालकर
अभिषेक करें.
Ø कृषि कार्य हेतु यदि वर्षा चाहते हैं तो जल से रुद्राभिषेक करें.
Ø रोग और दुःख से छुटकारा स्वस्थ शरीर दीर्घआयू के लिए कुशा जल से अभिषेक
करना चाहिए.
Ø मोक्ष की प्राप्ति के लिए तीर्थ से लाये गये जल से अभिषेक करें.
Ø बीमारी को नष्ट करने के लिए जल में इत्र, गुलाब जल मिला कर
अभिषेक करें.
Ø पुत्र पौत्र प्राप्ति, रोग शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण करने के लिए गाय के दुग्ध से अभिषेक
करें.
Ø ज्वर रोग, मोसमि बीमारियों से बचने के लिए गंगाजल से अभिषेक करें.
Ø सद्बुद्धि और ज्ञानवर्धन संतति के यश कृति के लिए दुग्ध में मिश्री वा
गुड़ की खंड मिलाकर अभिषेक करें.
Ø वंश वृद्धि, कुल वृद्धि, धन वृद्धि, के लिए घी से अभिषेक करना चाहिए.
Ø शत्रु नाश, कोट कचहरी मुकदमे पर विजय प्राप्त के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें.
Ø पापों से मुक्ति वा किसी भी प्रकार के प्रयाछित के लिए शुद्ध शहद से
रुद्राभिषेक करें.
कहां करना चाहिए रुद्राभिषेक
यदि किसी मंदिर में जाकर रुद्राभिषेक
करेंगे तो बहुत उत्तम रहेगा. किसी सिद्ध पीठ ज्योतिर्लिंग पर रुद्राभिषेक का अवसर
मिल जाए तो इससे अच्छी कोई बात नहीं.
घर
पर पार्थिव के शिव बनाकर अभिषेक करने से ज्योतिर्लिंग बराबर फल की प्राप्ति होती
है. नदी किनारे या किसी पर्वत पर स्थित मंदिर के शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करना अति
उतम कहा गया है.
कोई ऐसा मंदिर जहां गर्भ गृह में शिवलिंग
स्थापित हो वहां पर रुद्राभिषेक करें तो ज्यादा फलदायी रहेगा. घर में भी
रुद्राभिषेक किया जा सकता है.
ध्यान रखें कि रुद्राभिषेक के लिए तांबे
के बर्तन को छोड़कर किसी अन्य धातु के बर्तन का उपयोग करना चाहिए. तांबे के बरतन
में दूध, दही या पंचामृत आदि नहीं डालना चाहिए,माना जाता है तांबे
के बर्तन पर दूध चढ़ाना जहर के समान होता है.
तांबे के पात्र में जल का तो अभिषेक हो
सकता है, लेकिन तांबे के साथ दूध का संपर्क उसे विष बना देता है, इसलिए तांबे के
पात्र में दूध का अभिषेक वर्जित होता, जल से अभिषेक करने
के लिए तांबे के पात्र का उपयोग किया जा सकता है.
अक्षय शर्मा
9837378309 - 6839
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