🚩677 साल बाद अहोई अष्टमी पर गुरु पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ योग🚩
👉अहोई अष्टमी का यह पावन व्रत माताएं अपने बच्चों के खुशहाल जीवन के लिए करती हैं। बात करें इस वर्ष अष्टमी व्रत की तो, इस वर्ष 28 अक्टूबर गुरुवार के दिन किया जाएगा, लेकिन इस वर्ष इस दिन को जो बात और भी ज्यादा खास और महत्वपूर्ण बना रही है वह है इस दिन 677 सालों बाद बनने वाला गुरु पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ योग।
👉अहोई अष्टमी 2021: शुभ पूजा मुहूर्त
👉अहोई अष्टमी बृहस्पतिवार, अक्टूबर 28, 2021 को
👉अहोई अष्टमी पूजा मुहूर्त – शाम 05:38 से 06:55 तक
👉अवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्स
👉तारों को देखने के लिये साँझ का समय – 06:02
👉अहोई अष्टमी के दिन चन्द्रोदय समय – 11:28
👉अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 28, 2021 को 12:49 बजे
👉अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 29, 2021 को 02:09 बजे
🚩सालों बाद गुरु पुष्य नक्षत्र का दुर्लभ योग: जानें इसका महत्व🚩
👉अहोई अष्टमी के दिन गुरु पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। इस योग को ज्योतिष में बेहद ही ख़ास और शुभ माना गया है। मान्यता है कि यदि गुरुवार के दिन पुष्य नक्षत्र हो तो पूर्ण सिद्धि योग का निर्माण होता है। शास्त्रों में इस योग का महत्व बताते हुए यहाँ तक लिखा गया है कि, यदि इस शुभ योग में भगवान सूर्य की पूजा की जाये तो व्यक्ति को निरोगी काया का वरदान प्राप्त होता है। इस वर्ष 28 अक्टूबर के पूरे दिन और रात में गुरु पुष्य नक्षत्र रहने वाला है।
👉इससे पहले यह योग 1344 में बना था जिसके 677 सालों बाद यह शुभ योग एक बार फिर 28 अक्टूबर के दिन बन रहा है। इस दिन खरीदारी करने और दान पुण्य का विशेष महत्व बताया गया है। शुभ योगों की बात करें तो 28 अक्टूबर को गुरु बृहस्पति और शनि की युति के चलते गुरु पुष्य नक्षत्र योग का निर्माण हो रहा है। इसके अलावा इस पूरे ही दिन अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग रहने वाला है। यही वजह है कि इस दिन को खरीदारी और निवेश के लिए बेहद ही उपयुक्त माना जा रहा है।
👉इसके अलावा इस दिन गजकेसरी योग का निर्माण भी हो रहा है। इस वर्ष गुरु और शनि मकर राशि में एक साथ मौजूद हैं और यह दोनों ही ग्रह मार्गी अवस्था में हैं और इन पर चंद्रमा की दृष्टि पड़ रही है, जिसकी वजह से गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है। इस योग को भी मंगलकारी माना गया है।
👉इस दिन का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाने के लिए आप किसी गौशाला में गायों को हरी घास का दान कर सकते हैं।
👉आप गायों की देखभाल के लिए धन का दान करते हैं तो इसे भी बेहद ही शुभ माना जाता है।
👉इसके अलावा यदि आप चाहे तो किसी मंदिर में जा कर पूजा की सामग्री, भगवान शिव को बेसन के लड्डू, या फिर शिवलिंग पर चने की दाल और पीले रंग के फूल भी अर्पित कर सकते हैं।
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