कुम्भ Rashi में सूर्य और बृहस्पति की चाल बदलने से सभी Rashi पर प्रभाव
क्या है ग्रहों का यह विशेष प्रभाव?
फरवरी का महीना वैसे तो कई ग्रहों के गोचर के लिए बहुत महत्वपूर्ण होने वाला है लेकिन दो बड़े ग्रह अपने प्रभाव और चाल में बदलाव के द्वारा शनि देव के स्वामित्व वाली कुंभ राशि को मुख्य रूप से प्रभावित करने वाले हैं। यह दो ग्रह में सूर्य और बृहस्पति जो आपस में मित्र ग्रह हैं। फरवरी महीने की शुरुआत में सूर्य देव मकर राशि में गोचर कर रहे होंगे लेकिन 13 फरवरी रविवार के दिन प्रातः काल 3:12 बजे सूर्य देव मकर राशि से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे, जहां पर पहले से ही देव गुरु बृहस्पति महाराज विराजमान हैं। इसी राशि में सूर्य देव के गोचर के पश्चात उनके प्रभाव में आने के कारण देव गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे और यह घटना 19 फरवरी 2022 दिन शनिवार को प्रातः 11:13 पर शुरू होगी। गुरु एक शुभ ग्रह हैं और यही वजह है कि गुरु ग्रह का अस्त होना अनुकूल नहीं माना जाता है और गुरु ग्रह के अस्त होने पर सभी शुभ कार्यों पर विराम लग जाता है। यहां तक कि शादियां भी नहीं होती हैं।
इस प्रकार देखा जाए तो सूर्य देव और बृहस्पति देव जी मिलकर कुंभ राशि में विशेष प्रभाव दिखाने वाले हैं। आइये अब देखते हैं कि इस खास संयोग का देश-दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
क्या पड़ेगा देश-देश दुनिया पर सूर्य और बृहस्पति की चाल का प्रभाव?
अर्थव्यवस्था: बृहस्पति एक वृद्धि कारक ग्रह हैं और एक नैसर्गिक रूप से शुभ ग्रह भी हैं। बृहस्पति देव का सूर्य देव के साथ अस्त अवस्था में कुंभ राशि में होना बहुत महत्वपूर्ण स्थिति है क्योंकि यह शनिदेव के स्वामित्व वाली राशि है। ऐसे में वृद्धि कारक ग्रह बृहस्पति और अग्नि तत्व ग्रह सूर्य का वायु तत्व की राशि कुंभ में होना काफी प्रभावी साबित हो सकता है।
जहां तक अर्थव्यवस्था की बात है तो उसमें उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकते हैं। शेयर मार्केट में भी बैंकिंग और फाइनेंशियल सेक्टर के शेयरों में उतार-चढ़ाव काफी अधिक देखने को मिलेगा। इस दौरान गवर्नमेंट की अंडरटेकिंग वाली कंपनियों के शेयरों में तेजी देखने को मिल सकती है।
अर्थव्यवस्था को लेकर यह थोड़ा कमजोर साबित हो सकता है क्योंकि गवर्नमेंट कुछ नए टैक्स लगा सकती है या फिर करों में कुछ बदलाव ला सकती है, जिसका प्रभाव आने वाले समय में दृष्टिगोचर होगा। बृहस्पति के अस्त होने की वजह से सरकार के सलाहकार पूर्ण रूप से सही सलाह नहीं दे पाएंगे और इसका प्रभाव आने वाले समय में देखने को मिल सकता है और कुछ समय के लिए अर्थव्यवस्था पर विपरीत प्रभाव दिखाई दे सकता है लेकिन जैसे ही बृहस्पति अपनी अवस्था से बाहर निकलेंगे, अर्थव्यवस्था फिर से रफ्तार पकड़ सकती है।
स्वास्थ्य व्यवस्था : स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से यह समय अनुकूल कहा जा सकता है क्योंकि वायु तत्व की राशि में सूर्य और बृहस्पति का गठजोड़ स्वास्थ्य समस्याओं में कमी का संकेत लेकर आएगा और इस प्रकार ऐसी संभावना भी कही जा सकती है कि ओमीक्रॉन के संक्रमण में कमी आ सकती है और सरकारी योजनाओं का असर भी दिखाई देगा। लोगों का रुझान टीकाकरण की ओर अधिक देखने को मिलेगा जिसकी वजह से भी यह समय अच्छी स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वास्थ्य दर दिखाएगा। हवा से फैलने वाली बीमारियों में कमी आएगी और वातावरण में गर्मी बढ़ने की संभावना होगी।
राजनीति : यदि राजनीति के स्तर पर देखें तो यह समय अनुकूलता लेकर आएगा क्योंकि सरकार को मजबूती प्राप्त होगी। सरकार की कुछ योजनाएं बहुत ज्यादा लोकप्रिय हो सकती हैं जिसकी वजह से सरकार की लोकप्रियता में बढ़ोतरी होगी। बैंकिंग सेक्टर में कुछ बड़ी योजनाएं देखने को मिल सकती हैं। इसके अतिरिक्त फाइनेंशियल सेक्टर, जीएसटी और टैक्स दरों में भी कुछ बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह आने वाले समय में सरकार की वित्तीय स्थिति को भी मजबूत बनाएंगे।
इस अवधि में भारत की सरकार को भी विश्व पटल पर अच्छा मंच प्राप्त होगा। उनके पदभार में बढ़ोतरी होगी और जो कार्य करेंगे, वह लोगों द्वारा कराए जाएंगे। हालांकि बृहस्पति के अस्त होने की वजह से सरकार कुछ कठोर निर्णय भी लेगी, जिसकी पूरे विश्व में चर्चा हो सकती है।
इस दौरान ऐसी स्थितियों का निर्माण होगा, जिसमें सरकार एक कठोर शासक की तरह भी नजर आ सकती है। हालांकि जब बृहस्पति अस्त अवस्था से बाहर निकल आएँगे, तब इन योजनाओं का अच्छा फल मिलना शुरू हो जाएगा और सरकार की सराहना होगी लेकिन तब तक सरकार को कठोर रूप में देखा जाएगा और उनके कार्यों को कुछ जगह पर विरोध का सामना भी करना पड़ सकता है। न्यायपालिका और कार्यपालिका में टकराव भी हो सकता है। इस दौरान धार्मिक रूप से राजनीति का प्रचार प्रसार काफी अधिक होगा।
मौसम : बृहस्पति और सूर्य के इस संयोग के कारण हवाओं में नमी में कमी आएगी और हल्की गर्मी बढ़ सकती है और जिन क्षेत्रों में ठंड का मौसम चल रहा है, वह उस ठण्ड में कमी आने की संभावना रहेगी और हल्की गर्मी बढ़ेगी, जिससे मौसम खुशगवार नजर आएगा। सैलानियों की संख्या में बढ़ोतरी होगी, जो ठंडे स्थानों पर जाना पसंद करेंगे। धार्मिक स्थलों पर भी लोगों की आवाजाही बढ़ेगी। कुछ जगहों पर आकाशीय बिजली गिरने की संभावना बनेगी।
चूंकि यह विशेष संयोग कुंभ राशि में हो रहा है, ऐसे में आइये अब आपको यह भी बता देते हैं कि कुम्भ राशि के जातकों के जीवन पर इस विशेष संयोग का क्या प्रभाव पड़ने की संभावना है।
क्या पड़ेगा कुम्भ राशि के जातकों के जीवन पर प्रभाव?
कुंभ राशि के जातकों को इस दौरान अपने बड़े निर्णय लेने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान बृहस्पति के अस्त होने से आपको जो राय मिलेगी, वह एक तरफा राय हो सकती है और आप अभिमान से ग्रसित हो सकते हैं और अहंकार से ग्रसित होकर कोई बड़ा और गलत निर्णय ले सकते हैं, जो आने वाले समय में आपको परेशान कर सकता है। नौकरी बदलने को यदि आप प्रयासरत हैं तो इस दौरान नौकरी बदलने से बचना ही बेहतर होगा। आपके स्वास्थ्य में सुधार होगा और समाज में आपको प्रशंसा मिलेगी।
यदि आप मधुमेह की समस्या से परेशान हैं तो इस दौरान अपने स्वास्थ्य का थोड़ा ध्यान रखना जरूरी होगा क्योंकि उस समस्या में बढ़ोतरी हो सकती है। अत्यधिक तनाव अपने ऊपर हावी ना होने दें क्योंकि ऐसा करने से आप का स्वास्थ्य बिगड़ सकता है।
आर्थिक तौर पर यह समय आपके लिए अनुकूल रहेगा और आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होगी। सरकारी क्षेत्र से भी लाभ के योग बनेंगे। यदि आपके विरुद्ध कोई मुकदमा चल रहा है तो उसमें पूर्ण रूप से भागीदारी रखते हुए पूरे ध्यान से आगे बढ़ें, अन्यथा वह आपके विरुद्ध जा सकता है। हालांकि आप अपनी बौद्धिक क्षमता का लाभ उठाते हुए उस से बच सकते हैं और समाज में अच्छा स्थान और मान सम्मान प्राप्त कर पाएंगे।
कुम्भ राशि के जातक करें ये उपाय
कुम्भ राशि के लोगों को उपाय के तौर पर शनिवार के दिन शनि देव जी के मंदिर जाकर सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए या फिर पीपल के पेड़ की जड़ में शाम के समय में सरसों के तेल का दीपक जलाकर सात बार श्री हनुमान चालीसा का पाठ करें। आपके लिए बृहस्पतिवार के दिन पीपल वृक्ष रोपण और उस को जल चढ़ाना ज्यादा अनुकूल रहेगा तथा रविवार के दिन आंकड़े के वृक्ष को जल चढ़ाएं अथवा उगते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं।
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