सोमवार, 31 जनवरी 2022 का पंचांग
तिथि चतुर्दशी
02:18 PM तक उसके बाद अमावस्या
नक्षत्र उत्तराषाढा 09:57 PM तक उसके बाद श्रवण
पक्ष कृष्ण
पक्ष
माह माघ
सूर्योदय 06:42 AM
सूर्यास्त 05:41 PM
चंद्रोदय चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त 04:43 PM
Auspicious Timings :
आज का शुभ समय जिसमे शुभ मुहूर्त किया जा सकता है। आज
दिनांक सोमवार 31 जनवरी 2022 का शुभ टाइम। अगर कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो
अभिजीत समय में करें। उसके बाद अन्य में कर सकते हैं जब अभिजीत का समय नहीं हो तो।
अभिजीत मुहूर्त 11:50 AM से 12:34 PM
अमृत काल मुहूर्त 04:12 PM से 05:39 PM
विजय मुहूर्त 02:01 PM से 02:45 PM
गोधूलि मुहूर्त 05:30 PM से 05:54 PM
सायाह्न संध्या मुहूर्त 05:41 PM से 06:59 PM
निशिता मुहूर्त 11:45 PM से 12:37 AM, Feb 01
ब्रह्म मुहूर्त 04:57 AM, Feb
01 से 05:49 AM, Feb 01
प्रातः संध्या 05:23 AM, Feb 01 से 06:41 AM, Feb 01
Inauspicious Timings :
आज का अशुभ समय शुभ कार्य नहीं किया जा सकता है। आज
दिनांक सोमवार 31 जनवरी 2022 का अशुभ समय।
दुष्टमुहूर्त 12:33:34 से 13:17:32 तक, 14:45:27 से 15:29:25 तक
कालवेला / अर्द्धयाम 10:21:41 से 11:05:39 तक
कुलिक 14:45:27 से 15:29:25 तक
यमघण्ट 11:49:37 से 12:33:34 तक
कंटक 08:53:46 से 09:37:44 तक
यमगण्ड 10:49:10 से 12:11:35 तक
राहुकाल 08:04:19 से 09:26:44 तक
गुलिक काल 13:34:01 से 14:56:26 तक
भद्रा
कोई नहीं है
गण्ड मूल कोई
नहीं है
विशेष मुहूर्त और योग :
कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि, अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत
योग। जब किसी कार्य को करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या
महूर्त में शुभ कार्य किया जाता है।
यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा, पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का
निर्माण होता है। शुभ मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है- गुरु-पुष्य
योग। यदि गुरुवार को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो इससे पूर्ण सिद्धिदायक योग
बन जाता है। जब चतुर्दशी सोमवार को और पूर्णिमा या अमावस्या मंगलवार को हो तो
सिद्धिदायक मुहूर्त होता है।
आज का शुभ योग जिसमे कोई भी मुहूर्त किया जा सकता है। ये
योग बहुत ही शुभ होते है किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए।
Shubh Muhurat – 31 January 2022
अभिजीत मुहूर्त 11:50 AM से 12:34 PM
सर्वार्थ सिद्धि योग 09:57 PM से 06:41 AM, Feb 01
अमृत सिध्दि योग कोई
नहीं है
रवि योग
कोई नहीं है
द्विपुष्कर योग कोई
नहीं है
त्रिपुष्कर योग कोई
नहीं है
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