G-B7QRPMNW6J Mahananda Navami 2022: 10 feb 2022 महानंदा नवमी, जानें कैसे करें देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत कथा Daily updates, others
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Mahananda Navami 2022: 10 feb 2022 महानंदा नवमी, जानें कैसे करें देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत कथा Daily updates, others

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Mahananda Navami: 10 feb 2022 महानंदा नवमी, जानें कैसे करें देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना, जानें शुभ मुहूर्त और व्रत कथा

Mahananda Navami 2022
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हिंदू पंचांग के अनुसार माघ मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को महानंदा नवमी के रूप में मनाया जाता है। माघ मास की प्रतिपदा तिथि से गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होती है और इस नवरात्रि की नवमी तिथि को महानंदा नवमी के नाम से जाना जाता है। इस दिन धन की देवी की पूजा का विधान बताया गया है।

माना जाता है कि जो व्यक्ति अपने जीवन में आर्थिक संकट से जूझ रहा हो या कर्ज और ऋण की परेशानी आपके जीवन में निरंतर बनी हुई हो तो उससे राहत पाने के लिए इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा और उपवास करना चाहिए। ऐसा करने से आपको अपनी आर्थिक समस्याओं से राहत अवश्य मिलेगी। इसके अलावा महानंदी नवमी का व्रत करने से व्यक्ति के सभी रुके हुए कार्य पूरे होते हैं और धन में वृद्धि होती है।

महानंदा नवमी मुहूर्त

10-फरवरी-2022

महानंदा नवमी व्रत मुहूर्त नई दिल्ली, भारत के लिए

सप्तमी तिथि 09 फरवरी, 2022 को सुबह 08:31 बजे शुरू होगी

सप्तमी तिथि 10 फरवरी, 2022 को सुबह 11:08 बजे समाप्त होगी

जानकारी: नवमी तिथि 9 फरवरी से शुरू होगी लेकिन नवमी को पहला सूर्योदय 10 फरवरी को होगा इसलिए हम 10 फरवरी को नवमी मनाएंगे लेकिन कभी-कभी क्षेत्रीय मान्यताओं और पंचांगों के अनुसार ये चीजें बदल भी जाती हैं।

महानंदा नवमी के दिन ध्यान रखने योग्य बातें

  • इस दिन ब्रह्मा मुहूर्त में उठकर सबसे पहले अपने पूरे घर को अच्छी तरह से साफ कर लें। इसके बाद घर में बचे हुए कूड़े को सूप में भर कर फेंक दें। कहा जाता है ऐसा करने से घर से अलक्ष्मी का विसर्जन होता है।
  • इसके बाद ब्रह्मा मुहूर्त में स्नान करें। वैसे तो इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व बताया गया है। हालांकि यदि यह मुमकिन ना हो तो आप घर के पानी में ही कुछ बूंद गंगाजल की डाल कर उससे स्नान कर लें। 
  • पूजा के लिए मां लक्ष्मी की मूर्ति को एक चौकी पर स्थापित करें और उन्हें अक्षत, धूप, अगरबत्ती, और भोग आदि अर्पित करें।
  • फिर दीप जलाकर महालक्ष्मी के मंत्र का जाप करें। ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।

महानंदा नवमी से संबंधित पौराणिक कथा

इस दिन से संबंधित पौराणिक कथा के अनुसार बताया जाता है कि, एक साहूकार की बेटी एक शहर में रहती थी। वह स्वभाव से बेहद ही धार्मिक थी। वह प्रतिदिन पीपल के पेड़ की पूजा करती थी और पीपल के पेड़ में मां लक्ष्मी का वास होता था। धीरे-धीरे साहूकार की पुत्री और माता लक्ष्मी की दोस्ती हो गयी।

एक दिन मां लक्ष्मी साहूकार की बेटी को अपने घर ले गईं और उसे बहुत सम्मान दिया। उसे बहुत कुछ खिलाया पिलाया और अंत में उसे उपहार देकर विदा करने लगी। विदा करते समय मां लक्ष्मी ने साहूकार की बेटी से कहा कि, ‘तुम मुझे अपने घर कब बुला रही हो’? इस पर साहूकार की बेटी उदास हो गई और सोचने लगी कि आखिर मैं कैसे देवी मां का स्वागत कर पाऊंगी?

हालांकि साहूकार की बेटी ने मां लक्ष्मी को अपने घर आने का आमंत्रण दे दिया। घर पहुंचकर साहूकार की बेटी ने सारी बात अपने पिता को बताई। साहूकार की बेटी की बात बाद सुनकर उसके पिता भी चिंतित हो गए। उसी समय एक कौवे ने एक हीरे का हार साहूकार के घर में गिरा कर चला गया। इस हार को बेचकर साहूकार की बेटी ने मां लक्ष्मी के लिए एक सोने की चौकी खरीदी और एक दुशाला खरीदी।

जब माता लक्ष्मी श्री गणेश के साथ साहूकार की बेटी के घर आईं, तो उन्होंने महालक्ष्मी और भगवान गणेश की बहुत सेवा की। साहूकार की पुत्री की सेवा से माता लक्ष्मी और गणेश जी प्रसन्न हुए और उन्हें आशीर्वाद दिया।

महानंदा नवमी पर क्या करें-क्या ना करें

  • इस दिन सूर्योदय से पहले उठकर गंगा नदी में स्नान करें। यदि ऐसा मुमकिन नहीं हो तो अपने घर के नहाने के पानी में ही थोड़ा गंगाजल डालकर उससे स्नान करें। ऐसा करने से भी आपके पिछले जन्म के सभी पाप धुल जाएंगे। 
  • इस दिन महालक्ष्मी की पूजा करें, कथा करें। ऐसा करना आपके स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद साबित होता है और आपको मानसिक शांति भी मिलती है। 
  • पूजा स्थल में दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपका भाग्य उज्जवल होगा। 
  • इस दिन रात्रि में महालक्ष्मी के लिए जागरण करें। 
  • माता रानी को लाल चुनरी या वस्त्र, फल, श्रृंगार सामग्री और हलवा पूरी जैसी वस्तुएं चढ़ाएं। ऐसा करने से सौभाग्य की प्राप्ति होगी। 
  • अपने घर के मुख्य द्वार पर आम का पत्ता लगायें। 
  • इस दिन किसी भी तरह के क्रोध और क्रूरता से दूर रहे। 
  • शराब या तामसिक भोजन का सेवन ना करें। 
  • घर में शांतिपूर्ण माहौल बनाकर रखें। 
  • इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना शुभ रहता है।

सुख समृद्धि के लिए महानंदा नवमी पर राशि अनुसार करें ये उपाय

  • मेष राशि: मां लक्ष्मी को लाल रंग के फूल और चुनरी चढ़ाएं। 
  • वृषभ राशि: महालक्ष्मी स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। 
  • मिथुन राशि: युवतियों को हलवा पूरी और उपहार की वस्तुएं भेंट करें। 
  • कर्क राशि: महालक्ष्मी यंत्र को अपने घर में रखें और उसकी पूजा करें। 
  • सिंह राशि: अपने कार्यस्थल पर महालक्ष्मी यंत्र लगाएं और पूजा करें। 
  • कन्या राशि: महालक्ष्मी मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करें। 
  • तुला राशि: मां लक्ष्मी की पूजा करते समय सफेद रंग के कपड़े धारण करें। 
  • वृश्चिक राशि: महालक्ष्मी मंत्र का जाप करते हुए हवन सामग्री के 108 आहुति के साथ हवन करें। 
  • धनु राशि: महालक्ष्मी की पूजा और कथा कहें। 
  • मकर राशि: गरीब लोगों को चने का हलवा बाटें। 
  • कुंभ राशि: पूजा करें और घर और कार्यस्थल पर श्री यंत्र लगायें। 
  • मीन राशि: मंदिर में सफेद मिठाई का दान करें

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