श्री हनुमान जी को गदा कहाँ से और कैसे मिला था?
श्री हनुमान जी को गदा कहाँ से और कैसे मिला थाhttps://jyotishwithakshayji.blogspot.com/2022/02/daily-updates-blog-others-secrets.html |
धर्मराज यम ने भी भगवान हनुमान को एक वरदान दिया जिसमें कहा गया था कि हनुमान जी को कभी भी यम का शिकार नहीं होना पड़ेगा। कुबेर द्वारा भगवान हनुमान को कभी भी किसी युद्ध में परास्त नहीं किया जा सकता है उन्होने हनुमान को ऐसा वरदान दिया था। कुबेर महाराज जी के द्वारा हनुमान जी को गदा दिया था।
हनुमान जी की पूजा सबसे सरल मानी गई है। हनुमान जी चुटकी भर सिंदूर से प्रसन्न हो जाते हैं। मान्यता है कि हनुमानजी आज भी इस धरती पर भ्रमण कर भक्तों की मनोकानाए पूरी करते हैं। बजरंगबली बहुत ही जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। इन्हें संकटमोचक कहा जाता है यानी अगर आप किसी भी बड़ी मुसीबत में है तो सिर्फ हनुमानजी का नाम लेने से संकट कट जाता है। हनुमान भक्तों के लिए हनुमान जयंती का पर्व सबसे बड़ा दिन है। इस दिन हनुमान जी विशेष पूजा करने से सभी तरह की बाधाएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों के अनुसार रुद्रावतार भगवान हनुमान के पास कई तरह शक्तियां और वरदान प्राप्त है। हनुमान जयंती के अवसर पर आइए जानते हैं कुछ खास बातें.....
सूर्य देव
सूर्य देव ने भगवान हनुमान को अपने तेज का सौवां अंश दिया था। इस वरदान को प्राप्त करने के बाद हनुमान जी के सामने को अन्य वक्ता नहीं टिक सकता था।
धर्मराज यम
धर्मराज यम ने भी भगवान हनुमान को एक वरदान दिया जिसमें कहा गया था कि हनुमान जी को कभी भी यम का शिकार नहीं होना पड़ेगा।
कुबेर
कुबेर द्वारा भगवान हनुमान को कभी भी किसी युद्ध में परास्त नहीं किया जा सकता है उन्होने हनुमान को ऐसा वरदान दिया था। कुबेर हनुमान जी को गदा दिया था।
भगवान शंकर
भगवान शंकर ने अपने अंशावतार को किसी भी अस्त्र से न मरने का वरदान दिया था।
इंद्र
इंद्र के प्रहार से बजरंगबली का नाम हनुमान पड़ा था। इंद्र और हनुमान जी से युद्ध के बाद इंद्र ने हनुमानजी को यह वरदान किया था कि उनके व्रज से हनुमानजी पर भविष्य में कोई असर नहीं पड़ेगा।
विश्वकर्मा
देव शिल्पी भगवान विश्वकर्मा ने भी हनुमानजी को वरदान दिया था कि उनके द्वारा बनाए जितने भी शस्त्र हैं उन पर उसका कोई असर नहीं होगा।
वरुण देव
वरुण देव ने भगवान हनुमान को एक महत्वपूर्ण वरदान दिया था जिसमें दस लाख वर्ष की आयु हो जाने पर भी जल से मृत्यु नहीं हो सकेगी।
ब्रह्मा
हनुमानजी को ब्रह्माजी ने दीर्घायु होने का वरदान दिया था। हनुमान जी अपनी इच्छानुसार कोई भी रूप धारण कर कहीं भी जा सकते हैं।
हनुमान जी के आयुधों की व्याख्या में खड्ग, त्रिशूल, खट्वांग, पाश, पर्वत, अंकुश, स्तम्भ, मुष्टि, गदा और वृक्ष हैं. हनुमान जी का बायां हाथ गदा से युक्त कहा गया है. 'वामहस्तगदायुक्तम्'. श्री लक्ष्मण और रावण के बीच युद्ध में हनुमान जी ने रावण के साथ युद्ध में गदा का प्रयोग किया था
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