G-B7QRPMNW6J दशको बाद हिंदू वर्ष के प्रथम माह में एक साथ सभी 9 ग्रहों का Rashi-Gochar बन रहा है दुर्लभ महासंयोग
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दशको बाद हिंदू वर्ष के प्रथम माह में एक साथ सभी 9 ग्रहों का Rashi-Gochar बन रहा है दुर्लभ महासंयोग

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दशको बाद हिंदू वर्ष के प्रथम माह में एक साथ सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन ! बन रहा है दुर्लभ महासंयोग 

दशको बाद हिंदू वर्ष के प्रथम माह में एक साथ सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन ! बन रहा है दुर्लभ महासंयोग
दशको बाद हिंदू वर्ष के प्रथम माह में एक साथ सभी 9 ग्रहों का राशि परिवर्तन ! बन रहा है दुर्लभ महासंयोग 


हिन्दू नववर्ष का पहला महीना यानी अप्रैल 2022 इस बार कई मायनों में खास है। दशकों बाद अप्रैल में सभी 9 ग्रहों के राशि परिवर्तन से बहुत ही दुर्लभ महासंयोग बन रहा है।
जैसा कि हम सब जानते हैं, हर ग्रह एक निश्चित समयावधि के बाद ही एक राशि से दूसरी राशि में जाते हैं, जिसे ज्योतिषीय दृष्टिकोण में गोचर कहा जाता है। ज्योतिषशास्त्र में माना जाता है कि ग्रहों के राजा सूर्य से लेकर मायावी ग्रह राहु-केतु तक सभी एक निश्चित अन्तराल में एक राशि को छोड़ कर दूसरी राशि में गमन करते हैं। बृहस्पति और शनि दो ऐसे ग्रह हैं जो किसी भी एक राशि में सबसे ज़्यादा समय व्यतीत करते हैं। हालांकि ये दोनों ही ग्रह अपनी निश्चित समयावधि में गोचर तो करते ही हैं, परन्तु इस दौरान इनकी चाल मार्गी और वक्री होती रहती है।


इतने समय के अन्तराल पर हर ग्रह करता है राशि परिवर्तन


मन का कारक ग्रह कहा जाने वाला चंद्रमा जो मन की तीव्र गति से ही एक ग्रह से दूसरे ग्रह में गोचर करता है। हर सवा दो दिन यानी लगभग 54 घंटो में अपनी राशि बदलता है।

ग्रहों के राजा सूर्य, वाणी के कारक बुध और सुख के कारक शुक्र ग्रह तकरीबन एक माह में परिवर्तन करते हैं।

साहस, पराक्रम और ऊर्जा के कारक मंगल ग्रह 45 दिनों तक एक ही राशि में रहने के बाद गोचर करते हैं।

ज्ञान और समृधि के कारक बृहस्पति एक राशि में लगभग 13 माह का समय बिताने के बाद राशि परिवर्तन करते हैं।

वहीं छाया ग्रह राहु और केतु 18 माह तक एक राशि में रहने के बाद गोचर करते हैं। खास बात यह है कि राहु-केतु हमेशा एक तिथि पर ही राशि परिवर्तन करते हैं।
न्यायदाता शनि सबसे लम्बी समयावधि यानी करीब ढाई साल तक एक राशि में रहने के बाद, बहुत धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं।

विक्रम संवत 2079 में के आरम्भ के साथ ही कुछ इस प्रकार रहेगा ग्रहों का राशि परिवर्तन। जहाँ एक ओर ग्रहों की स्थितियों में होने वाले बदलावों से कुछ राशिवालों के लिए धन राजयोग बन रहा है तो वहीं कुछ राशिवालों के जीवन में बड़े उथल-पुथल की है सम्भावना। सरल शब्दों में यदि कहा जाए तो ग्रहों की चाल में होने वाले इस बदलाव का कुछ राशियों के जातकों पर बहुत ही शुभ प्रभाव देखने को मिलेगा, लेकिन कुछ जातकों को कष्टों का सामना भी करना पड़ सकता है।

तारीख             गोचर

07 अप्रैल, 2022         मंगल का कुंभ राशि में गोचर
08 अप्रैल, 2022         बुध का मेष राशि में गोचर
12 अप्रैल, 2022         राहु का मेष राशि में गोचर
12 अप्रैल, 2022         केतु का तुला राशि में गोचर
13 अप्रैल, 2022         बृहस्पति का मीन राशि में गोचर
14 अप्रैल, 2022         सूर्य का मेष राशि में गोचर
25 अप्रैल, 2022         बुध का वृषभ राशि में गोचर
27 अप्रैल, 2022         शुक्र का मीन राशि में गोचर
29 अप्रैल, 2022         शनि का कुंभ राशि में गोचर

सिर्फ इतना ही नहीं, अप्रैल के महीने में अबतक हिन्दू नववर्ष, उगादी, चैत्र नवरात्रि जैसे बड़े त्यौहार इस महीने की शोभा बढ़ा चुके हैं वहीं आगे भी इस महीने में बैसाखी, हनुमान जयंती, तमिल नववर्ष, गुड फ्राइडे, बंगाली नववर्ष जैसे महत्वपूर्ण त्यौहार मनाये जायेंगे। साथ ही अप्रैल के ही महीने में साल का पहला ग्रहण सूर्य ग्रहण के रूप में 30 अप्रैल, 2022 को लगने वाला है।
हालांकि भारत में यह सूर्यग्रहण आंशिक ग्रहण के रूप में देखा जायेगा लेकिन यकीनन ही इसका कुछ-न-कुछ प्रभाव जातकों के जीवन पर देखने को मिलेगा ही। बात करें इस ग्रहण की दृश्यता की तो, साल का पहला ग्रहण दक्षिण/पश्चिम अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक, अंटार्कटिका में नज़र आएगा।

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