G-B7QRPMNW6J वक्री गुरु : 29 July से मीन राशि में होंगे वक्री सभी 12 राशियों के जीवन में होने वाला है कुछ ख़ास
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वक्री गुरु : 29 July से मीन राशि में होंगे वक्री सभी 12 राशियों के जीवन में होने वाला है कुछ ख़ास

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वक्री गुरु : 29 July से मीन राशि में होंगे वक्री सभी 12 राशियों के जीवन में होने वाला है कुछ ख़ास 

वक्री गुरु : 29 July से मीन राशि में होंगे वक्री सभी 12 राशियों के जीवन में होने वाला है कुछ ख़ास
वक्री गुरु : 29 July से मीन राशि में होंगे वक्री सभी 12 राशियों के जीवन में होने वाला है कुछ ख़ास 


मीन राशि में वक्री गुरु: समय और अवधि

वर्गुतमान में गुरु अपनी स्वराशि मीन में ही स्थित हैं और इसी राशि में 29 जुलाई को वक्री होने वाले हैं। 29 जुलाई, 2022 दिन शुक्रवार की सुबह 1:33 बजे मीन राशि में वक्री गुरु होगा और 24 नवंबर, 2022 दिन गुरुवार को सुबह 4:36 बजे इसी राशि में मार्गी हो जाएगा।

वक्री गुरु: प्रभाव और उपाय

जिन जातकों की कुंडली में वक्री गुरु मौजूद होता है और गुरु पहले से मजबूत अवस्था में होता है ऐसे जातक दूरदर्शी होते हैं, और लोगों को एक साथ लेकर चलने वाले होते हैं। इन्हें भविष्य के बारे में पहले से ही आभास हो जाता है और उन्हें पता होता है कि कौन सा व्यक्ति इन्हें लाभ देगा और कौन इन्हें धोखा दे सकता है।

जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह अशुभ अवस्था में या पापी ग्रहों से पीड़ित बैठा हो और वक्री हो रहा हो ऐसे व्यक्तियों को नकारात्मक परिणाम मिलते हैं। इससे बचने के कुछ उपाय 

विष्णु भगवान की पूजा करें और ब्राह्मणों और जरूरतमंद लोगों को दान करें।

गुरुवार के दिन पूजा में भगवान विष्णु को गुड़ और चने की दाल का भोग लगाएं।

भगवान विष्णु और लक्ष्मी की पूजा करें। उन्होंने हल्दी और पीले चंदन और केसर का तिलक लगाएं।

बृहस्पति से संबंधित वस्तुओं का दान भी वक्री गुरु के अशुभ प्रभाव को दूर करने में सहायक साबित होता है।

वक्री गुरु सभी 12 राशियों के जातकों के जीवन पर भी शुभ और अशुभ प्रभाव अवश्य डालेगा। आपकी राशि पर वक्री गुरु क्या असर डालने वाला है और साथ ही राशि अनुसार उपाय क्या किए जा सकते हैं।

मीन राशि में वक्री गुरु: गोचर फल और उपाय

वैदिक ज्योतिष में वक्री होने का अर्थ

ज्योतिष के अनुसार किसी ग्रह का वक्री होना पिछली स्थिति में वापस जाने की प्रक्रिया को कहा जाता है और इसे आमतौर पर अशुभ माना जाता है। जब कोई ग्रह मार्गी होता है तब वह तेज़ होता है और जब वक्री हो जाता तो वह अपनी मूल अवस्था से धीमा होकर पीछे की ओर चलने लगता है। ऐसे में उस ग्रह की प्राकृतिक प्रवृत्ति मुरझाने सी लगती है। उदाहरण के तौर पर जब शनि ग्रह वक्री होता है तो यह नौकरी व व्यवसाय से जुड़े अपने हानिकर प्रभावों में तीव्र हो जाता है। वहीं यदि बृहस्पति ग्रह वक्री होता है तो यह मांगलिक कार्यक्रमों में देरी करेगा या मांगलिक कार्यक्रमों में अधिक खर्च कराएगा।

सभी 12 राशियों पर वक्री गुरु का प्रभाव:

मेष

कार्यस्थल पर काम के अत्याधिक दबाव के कारण आपको असंतुष्टि महसूस हो सकती है। हो सकता है कि वरिष्ठों के साथ आपके संबंध अच्छे न रहें और आपके सहकर्मी आपका सहयोग करने की बजाय आपके लिए कुछ परेशानी खड़ी कर दें तथा फ़ायदा उठाने की कोशिश करें। ऐसे में इस दौरान आपको जबरन तबादले का सामना भी करना पड़ सकता है।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो यह समय आपके लिए कठिन साबित हो सकता है। आपके सामने अपेक्षा से कम लाभ, धन की कमी या हानि जैसी समस्याएं आ सकती हैं। आर्थिक रूप से देखा जाए तो इस दौरान लाभ होने की संभावना कम है और ज़्यादा ख़र्च होने की संभावना अधिक है। ऐसे में नुकसान से बचने के लिए वित्तीय प्रबंधन करना बहुत ज़रूरी होगा। साथ ही धन से जुड़े बड़े निवेशों से भी बचना होगा अन्यथा आपकी आर्थिक स्थिति नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती है।

उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए यज्ञ करें।

वृषभ

इस दौरान आपको कुछ रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण आप अपने कार्यों को समय पर पूरा नहीं कर पाएंगे। साथ ही वरिष्ठों के साथ संबंध में भी समस्या हो सकती है। ऐसे में स्वाभाविक है कि पदोन्नति तथा अन्य लाभ मिलने की संभावना थोड़ी कम हो जाएगी।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपके लिए 'न लाभ न हानि' (नो प्रॉफ़िट नो लॉस) वाली स्थिति पैदा हो सकती है।आर्थिक रूप से देखें तो आप धन कमाने में सक्षम होंगे लेकिन हो सकता है कि आप अपने ख़र्चे पूरे न कर पाएं चूंकि इस दौरान आपके ख़र्चों में इज़ाफ़ा हो सकता है। ऐसे में अपने ख़र्चों की सही ढंग से योजना बनाना आपके लिए उचित होगा।

उपाय: 3 महीनों तक प्रत्येक गुरुवार के दिन बृहस्पति ग्रह के लिए पूजा करें।

मिथुन

इस अवधि में आपके करियर का विकास थोड़ी धीमी गति से होगा। सहकर्मियों के साथ संबंध में कुछ समस्याएं आ सकती हैं तथा वे आपका फ़ायदा उठाने का प्रयास कर सकते हैं। ऐसे में आपके मन में नौकरी बदलने का ख़्याल आ सकता है।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस दौरान आपको धीमी गति से लाभ प्राप्त होगा। हो सकता है कि आप जितनी उम्मीद कर रहे हों, लाभ उससे थोड़ा कम प्राप्त हो और यह आपकी परेशानी का कारण बन सकता है। आर्थिक रूप से इस समय हानि होने की आशंका अधिक है और यह किसी ग़लत निर्णय के कारण हो सकता है। ऐसे में आपको अपने ख़र्चों को नियंत्रित करने तथा उनकी सही ढंग से योजना बनाने की आवश्यकता होगी ताकि आपको और अधिक परेशानियों का सामना न करना पड़े।

उपाय: गुरुवार के दिन वृद्ध ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उनका आशीर्वाद लें।

कर्क

इस दौरान आप नौकरी में समृद्धि हासिल करेंगे। नौकरी के नए अवसर प्राप्त होंगे और साथ ही ऑनसाइट अवसर संभव भी होंगे। ऐसे में यदि आप पदोन्नति की कगार पर हैं तो यह समय प्रबल है, आपकी पदोन्नति हो सकती है। यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो यह अवधि लाभकारी सिद्ध होगी। इस दौरान आपको नया व्यवसाय शुरू करने या फिर मौजूदा व्यवसाय का विस्तार करने का अवसर प्राप्त हो सकता है। साझेदारी का व्यवसाय भी फलता-फूलता नज़र आएगा। आर्थिक रूप से धन का प्रवाह अच्छा रहेगा। ऐसे में धन की बचत करना संभव हो सकेगा। पैतृक संपत्ति से भी लाभ प्राप्त होने के योग बन रहे हैं। इस दौरान आप आध्यामिकता से जुड़ी चीज़ों पर धन ख़र्च कर सकते हैं।

उपाय: शनिवार के दिन कौवों को भोजन खिलाएं।

सिंह

इस दौरान आपको कुछ समस्याओं जैसे कि कार्यस्थल का अस्त-व्यस्त माहौल, काम का अत्याधिक दबाव तथा अधिक ज़िम्मेदारी आदि का सामना करना पड़ सकता है। जिसके चलते आप इन सब चीज़ों का एकसाथ प्रबंधन करने में असफल हो सकते हैं। सिंह राशि के व्यवसायियों को भी कुछ बाधाओं के कारण 'ना लाभ, ना हानि' की स्थिति से गुज़रना पड़ सकता है। अपने व्यवसाय से जुड़ा कोई भी बड़ा निर्णय लेने या बड़ा निवेश ना करने की सलाह दी जाती है। आर्थिक रूप से इस दौरान कमाई के अप्रत्याशित स्रोत जैसे कि शेयर बाज़ार, पैतृक संपत्ति आदि के माध्यम से लाभ प्राप्त होने की संभावना है।

उपाय: प्रतिदिन 108 बार "ॐ गुरुवे नमः" का जाप करें।

कन्या

आप अपने काम को अच्छी तरह पूरा करें लेकिन आपको उस काम में वह ख़ुशी ना मिले, जो आप चाहते हैं। साथ ही इस दौरान आपके सहकर्मी आपका अधिक सहयोग ना करते हुए आपका फ़ायदा उठाने का प्रयास कर सकते हैं।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में मनमुताबिक लाभ अर्जित करने में कुछ समस्याएं आ सकती हैं। आर्थिक रूप से इस दौरान कमाई के अप्रत्याशित स्रोत जैसे कि शेयर बाज़ार, पैतृक संपत्ति आदि के माध्यम से लाभ प्राप्त होने की संभावना है। 

उपाय: प्रतिदिन “ॐ नमः शिवाय" का जाप करें।

तुला

करियर के लिहाज से यह अवधि थोड़ी कठिन साबित हो सकती है। इस दौरान आपको अपने कार्यस्थल पर कुछ समस्याओं जैसे कि काम का अत्याधिक दबाव, वरिष्ठों द्वारा आपकी कड़ी मेहनत को नज़रअंदाज़ किया जाना, पदोन्नति का विलंबन आदि का सामना करना पड़ सकता है।यदि आप किसी व्यवसाय के स्वामी हैं तो हो सकता है कि आपको उस स्तर का लाभ ना प्राप्त हो, जिसकी आप उम्मीद कर रहे हैं। हानि होने की भी संभावना है।आर्थिक रूप से देखें तो इस दौरान आपके ख़र्चों में वृद्धि होने की संभावना है। हो सकता है कि आपके पास अपने ख़र्चे पूरा करने के लिए भी पर्याप्त धन ना हो। ऐसे में आपको कर्ज़ लेना पड़ सकता है और अधिक कर्ज़ आपको परेशानी में डाल सकते हैं।

उपाय: प्रतिदिन 21 बार "ॐ बृहस्पतये नमः" का जाप करें।

वृश्चिक

आपको सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तरह के परिणाम प्राप्त होंगे। कार्यस्थल पर आप अच्छा प्रदर्शन करेंगे लेकिन प्रोत्साहन, पदोन्नति एवं अन्य लाभ इस वक़्त संभव नहीं हो सकते हैं।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो अपेक्षा से कम लाभ प्राप्त होना आपको थोड़ा निराश कर सकता है। आपको अपने व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने के लिए सही ढंग से योजना बनाने की आवश्यकता होगी। आर्थिक रूप से धन का प्रवाह बेहतर रहेगा। आपके खर्चे पूरे होंगे। धन की बचत करना भी संभव हो सकता है। इस दौरान आप अपने भविष्य की योजना बनाते हुए कोई नया निवेश भी कर सकते हैं।

उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति के लिए तेल का दीपक/दीया जलाएं।

धनु

आपको अपनी नौकरी में काम को लेकर तनाव महसूस हो सकता है। साथ ही आपके सहकर्मियों द्वारा आप पर काम का अधिक दबाव डाला जा सकता है तथा उनके द्वारा आपका विरोध भी किया जा सकता है। ऐसे में आपके सामने नौकरी बदलने की स्थिति तक आ सकती है।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो इस अवधि में आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। साथ ही मुनाफ़े के हिस्से को लेकर साझेदार के साथ भी कुछ समस्याएं हो सकती हैं।आर्थिक रूप से इस दौरान आप आमदनी से अधिक ख़र्चों का सामना करेंगे। ऐसे में बचत कर पाना मुश्किल साबित होगा। संभावना है कि घर के नवीनीकरण के लिए आपका धन व्यय हो सकता है।

उपाय: गुरुवार के दिन बृहस्पति यज्ञ करें।

मकर

इस दौरान नौकरी में बदलाव के साथ-साथ वरिष्ठों के साथ संबंध में कुछ समस्याओं का सामना करना आपके भाग्य में हो सकता है। मुमकिन है कि यह सब वरिष्ठों के साथ संचार में कमी के कारण घटित हो रहा हो। ऐसे में मौजूदा नौकरी में किसी नए स्थान पर स्थानांतरण भी संभव है।यदि आप व्यवसायी हैं तो यह समय विदेश में व्यवसाय शुरू करने के लिहाज से प्रबल है। विदेश से जुड़ा साझेदारी का व्यवसाय भी लाभकारी सिद्ध होगा।आर्थिक रूप से इस अवधि में विरासत तथा स्टॉक से लाभ प्राप्त होने की संभावना है। बाकी आप अच्छी कमाई होने के बावजूद धन की बचत नहीं सकेंगे। इसके अलावा आप नियमित रूप से धन प्राप्त करने में असफल भी हो सकते हैं।

उपाय: गुरुवार के दिन भगवान शिव के लिए यज्ञ करें।

कुंभ

इस दौरान आपको अपने सहकर्मियों एवं वरिष्ठों से अधिक सहयोग नहीं मिल सकता है। ऐसे में बेहतर प्रदर्शन करने के बावजूद आपको सकारात्मक फल की प्राप्ति नहीं हो सकती है।यदि आप ख़ुद का व्यवसाय चला रहे हैं तो यह समय आपके लिए ठीक हो सकता है लेकिन उच्च नहीं रहेगा चूंकि आप इस अवधि में उस स्तर का लाभ अर्जित नहीं सकेंगे, जिसका आप अनुमान लगाए बैठे होंगे। आर्थिक रूप से देखें तो इस अवधि में आपको धन लाभ तो होगा लेकिन यह ज़्यादा मात्रा में नहीं हो सकता है। आपके पास अपने ख़र्चे पूरे करने के लिए पर्याप्त धन रहेगा लेकिन ऐसी स्थिति में भी आपको बड़ी ही समझदारी के साथ अपने ख़र्चों की योजना बनानी होगी।

उपाय: शनिवार के दिन विकलांग लोगों को भोजन दान करें।

मीन

इस दौरान आपको कार्यस्थल के मौजूदा माहौल के कारण नौकरी में अचानक बदलाव का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही वरिष्ठों के साथ वाद-विवाद होने की भी आशंका है। ऐसे में आपको अपनी नौकरी में दबाव महसूस हो सकता है। सहकर्मी भी अधिक सहयोगी नहीं हो सकते हैं।यदि आप किसी व्यवसाय के स्वामी हैं तो इस दौरान आपके सामने 'ना लाभ, ना हानि' की स्थिति आ सकती है। इस अवधि में यदि आप अपने गृह स्थान की बजाय विदेश में व्यवसाय करते हैं तो आपको सकारात्मक फल प्राप्त हो सकते हैं।आर्थिक रूप से देखें तो इस दौरान आप समान रूप से आमदनी और ख़र्चों का सामना कर रहे होंगे। कभी-कभी आपको अपने ख़र्चे पूरे करने में दिक्कत भी आ सकती है। ऐसे में आपको अपने ख़र्चों की सही ढंग से योजना बनाने की आवश्यकता होगी।

उपाय: प्रतिदिन 44 बार "ॐ मंदाय नमः" का जाप करें।

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