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manokaamana pooree karenge anokhe yog vaale ye navaraatre |
इस साल की चैत्र नवरात्रि बेहद खास रहने वाली हैं:-
इस साल की चैत्र नवरात्रि बेहद खास रहने वाली हैं. जो की 30 वर्षो बाद आयी है| चैत्र नवरात्रि पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति बेहद शुभ रहने वाली है जो की ये खास योग आपकी मनोकामना पूर्ण करने वाले होंगे | शनि और गुरु अपनी-अपनी राशि पर होंगे साथ में उत्तराभाद्रपद नक्षत्र इस समय रहेगा | इस बार नवरात्रि पूरे 9 दिन की होंगी. चैत्र नवरात्रि चैत्र प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर नवमी तिथि चल चलती है. इस साल चैत्र नवरात्रि 22 मार्च से शुरू होकर 30 मार्च तक चलेंगी. 22 मार्च को घटस्थापना होगी और 30 मार्च को राम नवमी मनाई जाएगी.
आगमन की सवारी:-
इस
बार माता नाव पर सवार हो कर आ रही है जो सब कार्यों में सिद्धि दलने वाला है
गमन की सवारी :-
इस
बार माता के गमन की सवारी मनुष्य की सवारी
हैं जो सुख और सौख्य की वृद्धि करती है
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घटस्थापना मुहूर्त, विधि और नियम:-
चैत्र नवरात्रि 2023 तिथि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि शुरू 21 मार्च 2023, रात 10.52 चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि समाप्त 22 मार्च 2023, रात 08.20 चैत्र नवरात्रि घटस्थापना मुहूर्त 22 मार्च 2023 को सुबह 06 बजकर 29 मिनट से सुबह 07 बजकर 32 मिनट तकर कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त है। घटस्थापना के लिए साधक को 01.10 मिनट का समय मिलेगा। चैत्र नवरात्रि के पहले दिन घटस्थापना करने से 9 दिन की पूजा पुण्य फलदायी होती है।
पुराणों में कलश या घट स्थापना को सुख-समृद्धि, वैभव, ऐश्वर्य और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। मान्यता है कि कलश में सभी ग्रह, नक्षत्रों, तीर्थों, त्रिदेव, नदियों, 33 कोटि देवी देवता का वास होता है। नवरात्रि के समय ब्रह्मांड में उपस्थित शक्तियों का घट में आह्वान करके उसे कार्यरत किया जाता है। इससे घर की सभी विपदादायक तरंगें नष्ट हो जाती हैं तथा घर में सुख-शांति तथा समृद्धि बनी रहती है ।
नवरात्रि में घटस्थापना की विधि:-
• घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त में एक मिट्टी के पात्र में खेत की पवित्र मिट्टी डालें और उसमें सात प्रकार के अनाज बो दें। एक मिट्टी के बर्तन में जौ भी बोएं।
• ईशान कोण में गंगाजल छिड़कर साफ सफाई कर लें | पूजा की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और इस पर मां दुर्गा की तस्वीर स्थापित करें |
• अब एक तांबे या मिट्टी के कलश पर कुमकुम से 3 स्वास्तिक बनाएं और उसमें गंगा जल या स्वच्छ जल भरकर इसमें सिक्का, अक्षत सुपारी, लौंग के जोड़ा, दूर्वा घास, डालें. कलश के मुख पर मौली बांधें और उसे ढक्कन से ढक दें।
• एक नारियल पर लाल चुनरी को मौली से बांध दें। कलश में आम के 5 पत्ते लगाएं, कलश पर ढक्कन को चावलों से भर दें और उसके बीचों-बीच ये नारियल रखे दें ।
• अब जौ वाले पात्र और कलश को मां दुर्गा की फोटो के दायीं ओर स्थापित कर दें। कलश स्थापना पूरी कर मां दुर्गा का आव्हान करें।
घटस्थापना मंत्र:-
ओम आ जिघ्र कलशं मह्या त्वा विशन्त्विन्दवः । पुनरूर्जा नि वर्तस्व सा नः सहस्रं धुक्ष्वोरुधारा पयस्वती पुनर्मा विशतादयः ।।
कलश पर नारियल रखने का मंत्र:-
ओम याः फलिनीर्या अफला अपुष्पा याश्च पुष्पिणी : । बृहस्पतिप्रसूतास्ता नो मुञ्चन्त्व हसः ।।
सप्तधान बोने का मंत्र:-
ओम धान्यमसि धिनुहि देवान् प्राणाय त्यो दानाय त्वा व्यानाय त्वा । दीर्घामनु प्रसितिमायुषे धां देवो वः सविता हिरण्यपाणिः प्रति गृभ्णात्वच्छिद्रेण पाणिना चक्षुषे त्वा महीनां पयोऽसि ।।
नवरात्रि का दिन और समय:-
पहला दिन: 22 मार्च, कलश स्थापना, मां शैलपुत्री
की पूजा
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चैत्र शुक्ल प्रतिपदा
तिथि रात 08:20 बजे तक रहेगी.
दूसरा दिन: 23
मार्च, मां ब्रह्मचारिणी
की पूजा
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चैत्र शुक्ल द्वितीया
तिथि शाम 06:20 बजे तक रहेगी, साथ ही पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा.
तीसरा दिन: 24
मार्च, मां चंद्रघंटा
की पूजा
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चैत्र शुक्ल तृतीया
तिथि शाम 04:59 तक रहेगी, वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:21 से दोपहर
01:22 बजे तक और रवि योग दोपहर 01:22 बजे से अगले दिन तक रहेगा.
चौथा दिन: 25 मार्च, मां कूष्माण्डा
की पूजा
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चैत्र शुक्ल चतुर्थी
तिथि शाम 04:23 बजे तक रहेगी, रवि योग सुबह 06:20 बजे से दोपहर 01:19 तक रहेगा.
पांचवा दिन:
26 मार्च, मां स्कंदमाता की पूजा
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चैत्र शुक्ल पंचमी
तिथि शाम 04:32 बजे तक रहेगी. इस दौरान रवि योग दोपहर 02:01 बजे से अगली सुबह तक रहेगा.
छठा दिन: 27 मार्च, मां कात्यायनी
की पूजा
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चैत्र शुक्ल षष्ठी
तिथि शाम 05:27 बजे तक रहेगी. इस दौरान पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा. साथ ही
रवि योग सूर्योदय से दोपहर 03:27 बजे तक रहेगा. वहीं अमृत सिद्धि योग दोपहर 03:27 बजे
से अगली सुबह तक रहेगा.
सातवां दिन:
28 मार्च, मां कालरात्रि की पूजा
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चैत्र शुक्ल सप्तमी
तिथि शाम 07:02 तक रहेगी, इस दौरान द्विपुष्कर योग सुबह 06:16 बजे से शाम
05:32 तक रहेगा.
आठवां दिन: 29
मार्च, मां महागौरी की
पूजा
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चैत्र शुक्ल अष्टमी
तिथि शाम 09:07 तक रहेगी, इस दौरान रवि योग रात 08:07 बजे से अगली सुबह
तक रहेगा.
नौवां दिन: 30
मार्च, मां सिद्धिदात्री
की पूजा
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चैत्र शुक्ल नवमी
तिथि रात 11:30 तक रहेगी. पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग और गुरु
पुष्य योग रहेगा.
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