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shivling swaroop ki pooja ke chamatkaarik labh |
काल सर्प दोष व अन्य कामनापूर्ति में शिवलिंग की पूजा का विधान
भगवान विष्णु का प्रभार संभालेंगे शिवजी
चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु के योग निद्रा में रहने पर सृष्टि की सत्ता चलाने की जिम्मेदारी भगवान शिव के पास रहेगी। इसी दौरान श्रावण मास आएगा और एक माह उनकी विशेष पूजा होगी।
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पौराणिक मान्यता
मान्यताओं के मुताबिक, देवशयनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते हैं। पुराणों के अनुसार, राजा बलि की दयालुता और दानशीलता के भाव से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने बलि के आग्रह पर पाताल लोक जाने का निवेदन स्वीकार किया था।
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विष्णु जी ने राजा बलि को वरदान दिया कि वह हर साल आषाढ़ शुक्ल एकादशी से कार्तिक शुक्ल एकादशी तक पाताल लोक में ही रहेंगे। इसके बाद विष्णु जी बलि को उसकी इच्छा के अनुसार वरदान देकर पाताल लोक चले गए। इस दौरान सृष्टि के संचालक भगवान शिव होते हैं, इसलिए चातुर्मास के समय में भगवान हरि-हर मिलन यानी भगवान विष्णु और शिव की उनके परिवार की पूजा होती है।
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शिवलिंग को विधि पूर्वक स्नान कराकर उस जल को तीन बार आचमन करने से व्यक्ति शारिरिक, मानसिक व वाचिक पाप से मुक्त होता है।
1. पारे का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘महाऐष्वर्य’’ की प्राप्ती होती है।
2. स्वर्ण धातु का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘महामुक्ती’’ की प्राप्ती होती है।
3. अष्टधातु का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘सर्व सिद्धियों’’ की प्राप्ती होती है।
4. नमक का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘सुख-सौभाग्य’’ की प्राप्ती होती है।
5. मिट्टी का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘समस्त-कार्य की सिद्धी’’ की प्राप्ती होती है।
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6. भस्म का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘सभी-फल’’ की प्राप्ती होती है।
7. गाय के गोबर का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘ऐष्वर्य’’ की प्राप्ती होती है।
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8. पुष्पो का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘भूमि के लाभ’’ की प्राप्ती होती है।
9. मिश्री का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘रोगो का नाष व आरोग्य’’ की प्राप्ती होती है।
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10. बांस के वृक्ष पर निकले हुए अंकुरो का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘वंष-वृद्धि’’ की प्राप्ती होती है।
11. गुड़ का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘महावषीकरण’’ की प्राप्ती होती है।
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12. कपूर का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘मुक्ति’’ की प्राप्ती होती है।
13. लहसुनिया पत्थर का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘षत्रुओं को पग-पग पर विघ्न तथा मानहानि’’ की प्राप्ती होती है।
14. अष्टलोहे का शिवलिंग बनाकर पूजन करने से ‘‘कोढ़ नामक से मुक्ति’’ की प्राप्ती होती है।
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