G-B7QRPMNW6J Bharat Ak Khoj: चौकादेने वाले तुलसी की माला के धर्म और विज्ञान से संबंध
You may get the most recent information and updates about Numerology, Vastu Shastra, Astrology, and the Dharmik Puja on this website. **** ' सृजन और प्रलय ' दोनों ही शिक्षक की गोद में खेलते है' - चाणक्य - 9837376839

Bharat Ak Khoj: चौकादेने वाले तुलसी की माला के धर्म और विज्ञान से संबंध

AboutAstrologer

Relationship of Tulsi ki Mala which gives alertness to religion and science
Relationship of Tulsi ki Mala which gives alertness to religion and science


Bharat Ak Khoj: चौकादेने वाले तुलसी की माला के धर्म और विज्ञान से संबंध

Tulsi ki Mala धर्म और विज्ञान तुलसी की माला एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव डालकर कम करती है मानसिक तनाव

👉ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर का कहना है कि वायु प्रदूषण कम करने में मदद करती है तुलसी तुलसी की माला पहनने का जितना महत्व धार्मिक है उतना वैज्ञानिक भी हे। ऐसी मान्यता है कि माला को पहनने से ही आत्मा और मन की शुद्धि होती है। भक्त मानते हैं कि इस माला से जप करने से भगवान उनके और करीब आते हैं। सनातन काल से ही इसे स्वास्थ्य वृद्धि के लिए खास माना गया है। गले में तुलसी माला पहनने से आवाज सुरीली होती है। हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला हृदय व फेफड़े को रोगों से बचाती है। इसे पहनने वाले के स्वभाव में सात्विकता बढ़ती है। तुलसी की माला पहनने से व्यक्तित्व आकर्षक होता है।

👉ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि मेडिटेशन के दौरान आत्मा, शरीर और दिमाग को आपस में जोड़े रखने के लिए तुलसी की माला बहुत खास है। ऑस्ट्रेलियन प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि तुलसी का पौधा वायु प्रदूषण को भी कम करने में मदद करता है।

शरीर में बढ़ता है विद्युतशक्ति का प्रवाह तुलसी के पौधे में कई औषधीय गुण होते हैं जो इसे वैज्ञानिक तौर पर विशिष्ट महत्व देते हैं। इसे पहनने से जरूरी एक्यूप्रेशर पॉइंट्स पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव से बाहर निकलने में मदद मिलती है और सेहत में सुधार होता है। इसको पहनने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों का विद्युतशक्ति धारण करने का सामर्थ्य बढ़ता है। गले में तुलसी माला पहनने से विद्युत तरंगे निकलती हैं जो रक्त संचार में रुकावट नहीं आने देतीं।

👉तुलसी की लकड़ी से बनी माला में एक खास तरह का द्रव्य होता है। जिससे मानसिक तनाव दूर होता है। मन में उत्साह बढ़ता है। तुलसी की लकड़ियों से बनी माला शरीर से लगी रहती है तो ये कफ और वात दोष को दूर करने में मददगार होती है। इससे शारीरिक और मानसिक संतुलित बना रहता है।

ऑस्ट्रेलिया की विक्टोरिया यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर ने एक जर्नल में लिखा है कि मेडिटेशन के दौरान आत्मा, शरीर और दिमाग को आपस में जोड़े रखने के लिए तुलसी की माला बहुत खास है। तुलसी के पौधे वायु प्रदूषण को भी कम करते हैं। इस पौधे की लकड़ी से ही माला बनाई जाती है। जो शारीरिक और मानिसक तौर से महत्वपूर्ण है।

Tulsi ki Mala तुलसी माला की महिमा:-

#1.गले में तुलसी की माला धारण करने से जीवनीशक्ति बढ़ती है, बहुत से रोगों से मुक्ति मिलती है । शरीर निर्मल, रोगमुक्त व सात्त्विक बनता है ।

#2.तुलसी माला से भगवन्नाम जप करने एवं इसे गले में पहनने से आवश्यक एक्यूप्रेशर बिंदुओं पर दबाव पड़ता है, जिससे मानसिक तनाव में लाभ होता है, संक्रामक रोगों से रक्षा होती है तथा शरीर-स्वास्थ्य में सुधार होकर दीर्घायु में मदद मिलती है ।

#3.तुलसी को धारण करने से शरीर में विद्युतशक्ति का प्रवाह बढ़ता है तथा जीव-कोशों का विद्युतशक्ति धारण करने का सामर्थ्य बढ़ता है ।

#4.गले में तुलसी माला पहनने से विद्युत तरंगे निकलती हैं जो रक्त संचार में रुकावट नहीं आने देतीं । प्रबल विद्युतशक्ति के कारण धारक के चारों ओर आभामंडल विद्यमान रहता है ।

#5.गले में तुलसी माला धारण करने से आवाज सुरीली होती है । हृदय पर झूलने वाली तुलसी माला हृदय व फेफड़े को रोगों से बचाती है । इसे धारण करने वाले के स्वभाव में सात्त्विकता का संचार होता है ।

#6.तुलसी की माला धारक के व्यक्तित्व को आकर्षक बनाती है । कलाई में तुलसी का गजरा पहनने से नाड़ी संबंधी समस्याओं से रक्षा होती है, हाथ सुन्न नहीं होता, भुजाओं का बल बढ़ता है ।

#7.तुलसी की जड़ें अथवा जड़ों के मनके कमर में बाँधने से स्त्रियों को विशेषतः गर्भवती स्त्रियों को लाभ होता है । प्रसव वेदना कम होती है और प्रसूति भी सरलता से हो जाती है । कमर में तुलसी की करधनी पहनने से पक्षाघात (लकवा) नहीं होता एवं कमर, जिगर, तिल्ली, आमाशय और यौनांग के विकार नहीं होते हैं ।

#8.यदि तुलसी की लकड़ी से बनी हुई मालाओं से अलंकृत होकर मनुष्य देवताओं और पितरों के पूजनादि कार्य करे तो वे कोटि गुना फल देने वाले होते हैं । जो मनुष्य तुलसी लकड़ी से बनी माला भगवान विष्णु को अर्पित करके पुनः प्रसादरूप से उसे भक्तिपूर्वक धारण करता है, उसके पातक नष्ट हो जाते हैं ।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...