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Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी पर शीघ्र मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी मिलेगा करे ये उपाय शुभ मुहूर्त
Vivah Panchami 2023: आज विवाह पंचमी है. इसे भगवान श्री राम और माता जानकी के विवाह की वर्षगांठ के तौर पर मनाया जाता है. मार्गशीर्ष मास में श्रीराम-जानकी विवाह हुआ था. आज के दिन श्रीराम और माता सीता की विधि-विधान से पूजा करने से शादी-शुदा जिंदगी खुशहाल रहती है.
वहीं अभिजीत मुहूर्त की बात करें तो यह दोपहर 11.56 बजे से 12.37 बजे तक रहेगा. इस बीच कोई भी अच्छा काम शुरू किया जा सकता है.
Vivah Panchami 2023: जानिए आज का पंचांग
तारीखः 17 दिसंबर
वारः रविवार
तिथिः पंचमी (शाम 5.34 बजे तक इसके बाद षष्ठी तिथि)
पञ्चमी तिथि प्रारम्भ - दिसम्बर 16, 2023 को 08:00 पी एम बजे से.
पञ्चमी तिथि समाप्त - दिसम्बर 17, 2023 को 05:33 पी एम बजे तक.
मासः मार्गशीर्ष
पक्षः शुक्ल
नक्षत्रः धनिष्ठा
करणः बालव (शाम 5.34 बजे तक इसके बाद कौलव करण)
योगः हर्षण
चंद्रमा का अपराह्न 3.45 बजे तक मकर इसके बाद कुंभ राशि में संचरण
सूर्योदयः सुबह 7.05 बजे
सूर्यास्तः शाम 5.26 बजे तक
दिशाशूलः पश्चिम
विक्रमी संवतः 2080
शक संवतः 1945 शोभकृत
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Vivah Panchami 2023: आज का शुभ मुहूर्त:
ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5.18 बजे से 6.13 बजे तक रहेगा. विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजे से 2.42 बजे तक रहेगा. इसके अलावा गोधूलि बेला शाम 5.24 बजे से 5.52 बजे तक रहेगी. वहीं अमृत काल सुबह 8.23 बजे से 9.40 बजे तक रहेगा. निशीथ काल आधी रात 11.50 से 12.45 बजे तक रहेगा. रवि योग दोपह 2.54 बजे से कल सुबह 7.08 बजे तक रहेगा.
Vivah Panchami 2023: आज का अशुभ मुहूर्त:
आज राहुकाल शाम 4.09 बजे से 5.26 बजे तक रहेगा. यमगंड दोपहर 12.16 बजे से 1.34 बजे तक रहेगा. गुलिक काल दोपहर 2.51 बजे से 4.09 बजे तक रहेगा. इसी तरह दुर्मुहूर्त काल शाम 4.04 बजे से 4.45 बजे तक रहेगा.
Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी के दिन अवश्य पढ़ें यह कथा, वैवाहिक जीवन होगा सुखमय:
भगवान राम विष्णु के अवतार माने जाते हैं। उनका जन्म अयोध्या नगरी के राजा दशरथ के सबसे बड़े पुत्र के रूप में हुआ था। वहीं सीता राजा जनक की पुत्री थीं। कहा जाता है कि सीता जी का जन्म धरती से हुआ था। राजा जनक हल चला रहे थे उस समय उन्हें एक नन्ही सी बच्ची मिली थी, जिसका नाम उन्होंने सीता रखा था। यही वजह है कि सीता जी को जनक नंदिनी के नाम से भी जाना जाता है।
कहा जाता है कि एक बार माता सीता ने शिव जी का धनुष उठा लिया था, जिसे परशुराम के अलावा और कोई नहीं उठा सकता था। ऐसे में राजा जनक ने यह निर्णय लिया कि जो भी शिव जी का धनुष उठा पाएगा सीता का विवाह उसी से होगा।
फिर सीता के स्वयंवर के लिए घोषणाएं कर दी गईं। भगवान राम अपने छोटे भाई लक्ष्मण और गुरु विश्वामित्र के साथ गए और देवी सीता के स्वयंवर में प्रतिभाग किया। वहां पर कई और राजकुमार भी आए हुए थे पर कोई भी शिव जी के धनुष को नहीं उठा सका।
वहां पर आए तमाम वीरों ने अपनी ताकत लगाई पर धनुष को जगह से हिला भी नहीं पाए, जिसके बाद गुरु विश्वामित्र की आज्ञा से भगवान राम ने ऐसा कर दिखाया। जैसे ही उन्होंने शिव का धनुष उठाया उसके दो टुकड़े हो गए और वहां मौजूद हर कोई हैरान रह गया। इसके बाद विधि के अनुसार मां सीता का विवाह मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री राम के साथ से हुआ। जिस दिन माता सीता और प्रभु राम का विवाह हुआ था, उस दिन मार्गशीर्ष माह की पंचमी तिथि थी, इसलिए हर साल इस दिन विवाह पंचमी मनाई जाती है।
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Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी पूजा विधि (Vivah Panchami Puja Vidhi)
पंचमी तिथि के दिन प्रातः काल स्नान करके श्री राम विवाह का संकल्प लें.
स्नान करके विवाह के कार्यक्रम का आरम्भ करें.
भगवान राम और माता सीता की प्रतिकृति की स्थापना करें.
भगवान राम को पीले और माता सीता को लाल वस्त्र अर्पित करें या तो इनके समक्ष बालकाण्ड में विवाह प्रसंग का पाठ करें या "ॐ जानकीवल्लभाय नमः" का जप करें.
इसके बाद माता सीता और भगवान राम का गठबंधन करें.
उनकी आरती करें.
इसके बाद गांठ लगे वस्त्रों को अपने पास रखें.
Vivah Panchami 2023: विवाह पंचमी के दिन भूलकर भी न करें ये काम:
#1. विवाह पंचमी के दिन किसी भी शुभ या मांगलिक कार्य को करना वर्जित होता है.
#2. इस दिन आपको तामसिक भोजन जैसे मांसाहार और मदिरा पान नहीं करना है.
#3. विवाह पंचमी के दिन किसी के साथ लड़ाई-झगड़ा करने से बचें.
#4. विवाह पंचमी के दिन किसी का भी अपमान न करें.
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