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How is Bhagya-Mahabhagya Rajyog formed in the horoscope, which gives wealth like a king? |
Bhagya-Mahabhagya Rajyog In Kundli:
महाभाग्य योग जब कुंडली में बनता है तो व्यक्ति का भाग्य हमेशा साथ देता है, जिसकी वजह से जीवन के हर क्षेत्र में सफलता मिलती है। लेकिन पुरुष और महिला की कुंडली में कुंडली में यह योग अलग अलग तरह से बनता है। पुरुष की कुंडली में इस योग के बनने के क्या नियम हैं और महिला की कुंडली में यह कैसे बनता है सबसे पहले इसके बारे में जानते हैं...
Bhagya-Mahabhagya-Rajyog
पुरुष की कुंडली में इस तरह बनता है Bhagya-Mahabhagya महाभाग्य योग
अगर किसी पुरुष जातक की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा विषम राशि (मेष, मिथुन, सिंह, तुला, धनु, कुंभ) में हों और कुंडली का लग्न भी विषम राशि का हो तो महाभाग्य योग का निर्माण होता है। ऐसे जातक को बचपन से ही भाग्य का सहयोग मिलता है। सामान्य परिवार में जन्म लेने के बाद भी ऐसे लोग आगे चलकर खूब धन-संपदा एकत्रित करते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, चंद्र और लग्न विषम राशि के होने पर व्यक्ति अपनी भावनाओं को भी सही तरीके से व्यक्त कर पाता है और समझदारी से हर कार्य करता है। वजह यह है कि सूर्य आत्मा का कारक ग्रह है और चंद्रमा मन का। वहीं लग्न आपके शरीर को नियंत्रित करता है। ऐसे में पुरुष की कुंडली में इन तीनों का विषम राशि में होना महाभाग्य प्रदान करता है।
महिला की कुंडली में इस तरह बनता है Bhagya-Mahabhagya महाभाग्य योग
पुरुष के लिए बनने वाले महाभाग्य योग के ठीक विपरीत अगर किसी महिला की कुंडली में सूर्य, चंद्रमा और लग्न सम राशि (वृष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर, मीन) में हैं तो महाभाग्य योग का निर्माण होता है। जो भी महिला महाभाग्य योग में पैदा होती है, उसे जीवन में सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं और सामाजिक रूप से भी इनको काफी सक्रिय और सफल पाया जाता है। ऐसी महिलाएं अपने परिवार को सुव्यवस्थित रखती हैं, इनके साथ विवाह करने वाले पुरुष का भाग्य भी चमक जाता है। साथ ही करियर की दृष्टि से भी यह योग महिलाओं को सफलता प्रदान करने वाला माना जाता है।
Bhagya-Mahabhagya महाभाग्य योग का लाभ
Bhagya-Mahabhagya महाभाग्य योग आपको पारिवारिक, सामाजिक और करियर के क्षेत्र में सफलता दिलाता है और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे लोगों को शारीरिक कष्ट भी बहुत कम होते हैं और हमेशा उच्च पद पर काम करने का अवसर मिलता है। भौतिक सुख-सुविधाएं तो ऐसे लोग पाते ही हैं लेकिन साथ ही आध्यात्मिक क्षेत्रों में भी इनको उन्नति प्राप्त होती है। सामाजिक स्तर पर ये सदाचारी होते हैं और मान-सम्मान व पद-प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। ऐसे लोग सांस्कृतिक और पारंपरिक, रीति-रिवाजों का भी पालन करते हैं। इनके लक्ष्य स्पष्ट होते हैं और लक्ष्य तक पहुंचने में इनकी मेहनत और भाग्य दोनों इनका साथ देते हैं।
इस स्थिति में नहीं मिलता महाभाग्य योग शुभ प्रभाव
1 - कुंडली में जन्म लग्न, सूर्य और चंद्रमा पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि होती है, तब महाभाग्य योग का शुभ प्रभाव नहीं मिल पाता है। वहीं अगर सूर्य और चंद्रमा कुंडली में नीच राशि में होते हैं और उन पर अशुभ ग्रहों की दृष्टि पड़े तब यह योग शुभ फल नहीं देती है।
2- पुरुष की कुंडली में जब सूर्य उच्च राशि में होते हैं, तब इस योग का शुभ प्रभाव मिलता है। सूर्य की उच्च राशि मेष है और नीच राशि तुला। वहीं सूर्य जब नीच राशि में होते हैं तब इस योग का शुभ प्रभाव नहीं मिलता।
3- महिला की कुंडली में जब चंद्रमा उच्च राशि में होते हैं तब यह योग शुभ प्रभाव देता है। चंद्रमा वृषभ राशि में उच्च और वृश्चिक राशि में नीच अवस्था में होते हैं। चंद्रमा जब नीच राशि में होते हैं तब उसका शुभ प्रभाव नहीं मिल पाता।
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