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Know what is Gupt Navratri, the auspicious time of Ghatasthapana, the importance, and the sure shot solution? |
Gupt Navratri 2024: रवि और सर्वार्थसिद्धि योग में, गुप्त नवरात्र घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, महत्व और अचूक उपाय?
Magh Gupt Navratri 2024:
हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है। साल में 4 बार नवरात्रि आती हैं। जिसमें दो गुप्त नवरात्रि होती हैं और चैत्र नवरात्रि तथा आश्विन माह की शारदीय नवरात्रि होती है। गुप्त नवरात्रि में 10 महाविद्याओं (मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, माता छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, मां ध्रुमावती, मां बंगलामुखी, मातंगी और कमला देवी) की साधना की जाती है। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी 2024 शनिवार के दिन हो रही है। इस दिन सूर्य और चंद्र दोनों मकर राशि में विराजमान रहेंगे। नक्षत्र धनिष्ठा और योग वरीयान् रहेगा। वहीं इस दिन रवियोग और सर्वार्थसिद्धि योग भी बन रहे हैं। जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है।
माघ गुप्त नवरात्रि में माता के आने और जाने का वाहन और आसान?
माघ गुप्त नवरात्रि की तो इस साल मां घोड़े पर विराजमान होकर आने वाली हैं। इसके अलावा इस नवरात्रि का समापन रविवार के दिन से होने वाला है अर्थात रविवार के दिन मां का विसर्जन हो जाएगा और रविवार का दिन होने के चलते मां का प्रस्थान वाहन होगा भैंसा।
क्या है इसका संकेत?
माता रानी का आगमन वाहन घोड़ा है जो की एक अशुभ संकेत देने वाला वाहन माना गया है। इस दौरान लोगों के अंदर डर बढ़ने की आशंका है। साथ ही युद्ध जैसी स्थिति भी देखने को मिल सकती है।
इसके अलावा माता रानी विदा होंगी भैंसे पर ऐसे में यह भी अशुभ संकेत दे रहा है। इस दौरान लोगों के अंदर बीमारी बढ़ने की आशंका है। लोग बुखार, जुखाम और मौसमी बीमारी से विशेष रूप से प्रभावित नजर आ सकते हैं। साथ ही घर परिवार में अशांति के भी संकेत यह वाहन दे रहा है।
Magh Gupt Navratri 2024 तिथि और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त:-
साल 2024 में माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी शनिवार के दिन से हो रही है। वहीं 18 फरवरी, रविवार के दिन इसका समापन होगा। इन 9 दिनों मां दुर्गा के अलग- अलग रूपों की आराधना की जाती है।
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापित किया जाता है। आपको बता दें कि कलश ईशान कोण में शुभ मुहूर्त में स्थापित किया जाता है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त…
घटस्थापना का समय और गुप्त नवरात्रि तिथि
माघ गुप्त नवरात्रि शुभ घटस्थापना मुहूर्त 2024 (Magh Gupt Navratri Ghatasthapana Muhurat 2024):-
माघ घटस्थापना - 10 फरवरी 2024, शनिवार
घटस्थापना मुहूर्त - 08:45 AM से 10:10 AM
घटस्थापना अभिजित मुहूर्त - 12:13 PM से 12:58 PM
प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ - 10 फरवरी 2024 को 04:28 AM बजे
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 11 फरवरी 2024 को 12:47 AM बजे
मीन लग्न प्रारम्भ - 10 फरवरी 2024 को 08:45 AM बजे
मीन लग्न समाप्त - 10 फरवरी 2024 को 10:10 AM बजे
10 फरवरी 2024 शुभ मुहूर्त (10 February 2024 Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त 05:20 A.M. से 06:12 A.M.
प्रातः सन्ध्या 05:46 A.M. से 07:04 A.M.
अभिजित मुहूर्त 12:13 A.M. से 12:58 P.M.
विजय मुहूर्त 02:26 P.M. से 03:10 P.M.
गोधूलि मुहूर्त 06:04 P.M. से 06:31 P.M.
सायाह्न सन्ध्या 06:07 P.M. से 07:25 P.M.
अमृत काल 11:26 A.M. से 12:50 P.M.
निशिता मुहूर्त 12:09 A.M., फरवरी 11 से 01:01 A.M., फरवरी 11
10 फरवरी 2024 अशुभ समय (10 February 2024 Ashubh Samay)
10 फरवरी को राहुकाल सुबह 09 बजकर 50 मिनट से 11 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। इस दिन पंचक भी रहेगा।
गुप्त नवरात्रि महत्व (Magh Gupt Navratri Significance)
गुप्त नवरात्रि में मां
दुर्गा की 10 महाविद्या प्रकट हुईं
थी. माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी शक्ति के 32 अलग-अलग नामों का जाप, ‘दुर्गा सप्तशती’, ‘देवी महात्म्य’ और ‘श्रीमद्-देवी भागवत’ जैसे धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना सभी
समस्याओं को समाप्त करता है और जीवन में शांति प्राप्त करने में मदद करता है. मान्यता है कि गुप्त नवरात्रि में गई साधना
जन्मकुंडली के समस्त दोषों को दूर करने वाली और धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष देने वाली
होती है.
गुप्त नवरात्रि की 10 महाविद्या (10 Mahavidyas of Gupt Navratri)
1. माता काली
मंत्र - ऊँ क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं दक्षिण कालिके क्रीं क्रीं क्रीं ह्रीं ह्रीं ह्रीं हूं हूं स्वाहा।।
2. देवी तारा
मंत्र - ऐं ऊँ ह्रीं क्रीं हूं फट्।।
3. देवी छिन्नमस्ता
मंत्र - श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं वज्रवैरोचनीयै हूं हूं फट् स्वाहा।।
4. देवी षोडशी
मंत्र - ऊँ ऐं ह्रीं श्रीं क ए ह ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं महाज्ञानमयी विद्या षोडशी मॉं सदा अवतु।।
5. देवी भुवनेश्वरी
मंत्र - ऐं ह्रीं श्रीं।।
6. देवी त्रिपुर भैरवी
मंत्र - हस्त्रौं हस्क्लरीं हस्त्रौं।।
7. देवी धूमावती
मंत्र - धूं धूं धूमावती ठः ठः।।
8. देवी बगलामुखी
मंत्र - ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानाम् वाचं मुखं पदं स्तम्भय-स्तम्भय जिह्वा कीलय-कीलय बुद्धि विनाशाय-विनाशाय ह्रीं ऊँ स्वाहा।।
9. देवी मातंगी
मंत्र - ऊँ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा।।
10. देवी कमला
मंत्र - ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः जगत्प्रसूत्यै नमः।।
Magh Gupt Navratri 2024: माघ गुप्त नवरात्रि के समय अचूक उपाय करेंगे मालामाल:
Magh Gupt Navratri Upaye 2024: हिंदू धर्म में नवरात्रि के त्योहार का बहुत महत्व है। साल में चार नवरात्रि मनाई जाती है। जिसमे से दो गुप्त नवरात्रि होती है। इस दौरान तंत्र साधना करने वाले साधक माता की पूजा करते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गुप्त नवरात्रि के दौरान समय अचूक उपाय करना चाहिए।
Magh Gupt Navratri Upaye 2024 In Hindi : हिंदू धर्म में नवरात्रि का समय देवी दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की पूजा के लिए समर्पित है। हर साल चार नवरात्र मनाए जाते हैं, जिनमें से दो को गुप्त नवरात्र और दो को प्रचलित नवरात्र कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि माघ और आषाढ़ माह में आती हैं। इस साल माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत 10 फरवरी से हो रही है। इस दौरान तंत्र साधना करने वाले साधक माता के नौ रूपों की पूजा- अर्चना करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस समय गुप्त रूप से माता की पूजा करने से साधक को उत्तम फल की प्राप्ति होती है। गुप्त नवरात्रि के समय माता रानी को प्रसन्न करने के लिए कुछ टोटके किये जाते हैं। इस समय के दौरान अचूक उपाय करना चाहिए।
माघ गुप्त नवरात्रि उपाय 2024 (Magh Gupt Navratri Upaye)
गुप्त नवरात्रि के दौरान किसी भी माता मंदिर में जाकर माता रानी की ध्वजा लगानी चाहिए और पंड़ितों को दक्षिणा देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से साधक पर हमेशा माता रानी की कृपा बनी रहती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए पूजा के दौरान कमल के फूल चढ़ाने चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि इससे देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
यदि शत्रु आपके सारे काम बिगाड़ देता है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी के मंदिर में जाकर तेल का दीपक जलाएं और 11 बार "ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे" का जाप करें। माना जाता है कि यह मंत्र व्यक्ति को सभी बाधाओं से बचाता है।
नवरात्रि के दौरान जरूरतमंदों और गरीबों को काले तिल का दान करें। इससे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होगी और आपके घर में धन का आगमन होगा।
अगर आपके पास पैसा नहीं टिकता है तो गुप्त नवरात्रि के दौरान रोज सुबह एक पीपल के पत्ते पर "राम" लिखें और उस पर कुछ मीठा रखकर हनुमान मंदिर में चढ़ा दें। इससे आर्थिक लाभ होगा
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुप्त नवरात्रि के नौ दिनों में घर में कपूर और लौंग से आरती करनी चाहिए। कहा जाता है कि ऐसा करने से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। जो सुख और शांति लाता है
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) की पूजा Vidhi:
Gupt Navratri 2023
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) – Gupt navratri puja vidhi में करें ये अचूक उपाय
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुप्त नवरात्रि में मां दुर्गा को पूजा में लाल पुष्प चढ़ाने से मां प्रसन्न होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नवरात्रि में मां दुर्गा को लाल पुष्प के साथ श्रृंगार का सामान अर्पित करने से मां से सदा सुहागन रहने का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
मनचाहा जीवनसाथी – मनपसंद जीवनसाथी के साथ शादी में परेशानियां आ रही हैं तो गुप्त नवरात्रि की अष्टमी पर मां दुर्गा को नौ लाल रंग के फूल, एक सिक्का, नारियल लाल कपड़े में बांधकर “ॐ श्रीं वर प्रदाय श्री नमः” मंत्र का जप करें, फिर देवी को ये अर्पित करें. इससे शीघ्र ही विवाह के योग बनेंगे.
गुप्त नवरात्रि (Gupt Navratri) puja vidhi:
क्रां क्रीं क्रूं कालिका देविशां शीं शूं मे शुभं कुरु।। 6।। हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं जं जं जम्भनादिनी। भ्रां भ्रीं भ्रूं भैरवी भद्रे भवान्यै ते नमो नमः।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
“ऊँ ह्लीं वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्धि कुरु कुरु फट् स्वाहा।”गुप्त नवरात्रि ( Gupt Navratri ) के किसी भी दिन सुबह स्नान करके 31 बार इस मंत्र का जाप करने से आपको इंटरव्यू में सफलता की संभावना बढ़ जाती है।
माघ गुप्त नवरात्रि के अचूक उपाय जिससे आप के रुके काम बंनेगे:-
माघ गुप्त नवरात्रि के दौरान 13 अध्यायों का पाठ करें, जिनमें से कम से कम एक अर्गला, कीलक, कवच, सतनाम या शापोद्धार होना चाहिए। यदि किसी कारणवश आप इसे पूरा करने में असमर्थ हैं तो प्रतिदिन चौथा अध्याय पढ़ें। यदि आप यह भी करने में असमर्थ हैं तो गुप्त नवरात्रि के सभी दिनों में दुर्गा चालीसा का पाठ करें। साथ ही सुबह और शाम के समय मां दुर्गा की आरती करें। ऐसा कहा जाता है कि इस सौम्य उपचार को करने से, देवी दुर्गा के उपासक निस्संदेह उनके आनंद का अनुभव करेंगे।
माघ गुप्त नवरात्रि 2024: आप की राशि के अनुसार अचूक कारगर उपाय:
मेष राशि: मेष राशि का संबंध मंगल ग्रह से आपस में जुड़े हुए हैं। ऐसे में आपको पूजा में लाल फूल चढ़ाने चाहिए। दुर्गा चालीसा या सप्तशती का पाठ भी करें।
वृषभ राशि: वृषभ राशि के जातकों को मां दुर्गा को सफेद फूल चढ़ाने चाहिए। ललिता सहस्रनाम का पाठ करने से भी आपको सौभाग्य की प्राप्ति होगी।
मिथुन राशि: इस राशि के जातकों को माघ गुप्त नवरात्रि पर देवी दुर्गा को पीले कनेर, गुड़हल या गेंदे के फूल चढ़ाने चाहिए। इसके अतिरिक्त, यह अनुशंसा की जाती है कि आप प्रतिदिन माँ तारा कवच का जाप करें।
कर्क राशि: इस राशि के अंतर्गत जन्म लेने वालों का चंद्रमा से संबंध होता है। इस माघ नवरात्रि में देवी मां को चमेली, सदाबहार और रातरानी के फूल चढ़ाएं। इसके अलावा, आप पाएंगे कि लक्ष्मी सहस्त्रनाम कहना अत्यधिक शुभ है।
सिंह राशि: सिंह राशि के अंतर्गत जन्म लेने वाले लोग सूर्य से जुड़े होते हैं। ऐसे में माघ नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा को कमल के फूल, गुलाब, कर्क या गुड़हल के फूल भेंट करना आपके लिए सौभाग्यशाली रहेगा। इसके अतिरिक्त, आपको मां दुर्गा के मंत्रों का जाप करना चाहिए और विशेष रूप से मां कुष्मांडा की पूजा करनी चाहिए।
कन्या राशि: बुध वह ग्रह है जो कन्या राशि के तहत पैदा हुए लोगों पर शासन करता है। ऐसे में आपको माता रानी को गुलाब, हरसिंगार और गेंदा जैसे फूल भी चढ़ाने चाहिए। साथ ही देवी लक्ष्मी के मंत्रों का विधिपूर्वक जाप करें।
तुला राशि: यदि आप तुला राशि के हैं तो शुक्र को आपका स्वामी माना जाता है। ऐसे में गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी मां को गेंदे के फूल, जूही, हरसिंगार, सफेद कमल और सफेद कनेर के फूल चढ़ाएं। इसके अलावा सप्तशती या काली चालीसा का पहला अध्याय पढ़ना भी काफी फायदेमंद हो सकता है।
वृश्चिक राशि: वृश्चिक राशि के तहत पैदा हुए लोगों पर मंगल ग्रह का शासन माना जाता है। ऐसे में आपको माता रानी को लाल फूल जैसे गुलाब, गुड़हल या लाल गेंदा चढ़ाना होगा। दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।
धनु राशि: धनु राशि के लोग बृहस्पति को अपना स्वामी मानते हैं। ऐसे में आपको गुप्त नवरात्रि के दौरान देवी मां को गुलाब, कनेर और गुड़हल जैसे पुष्प अर्पित करने चाहिए। यथाशक्ति माता का मंत्र अनुष्ठान भी करें।
मकर राशि: मकर राशि के जातकों के स्वामी शनिदेव हैं। ऐसे में मां दुर्गा को अपराजिता, कमल, गुलाब या गुड़हल का फूल चढ़ाना बेहद भाग्यशाली रहेगा। इसके अलावा पूरे गुप्त नवरात्रि में निर्वाण मंत्रों का जाप करें।
कुंभ राशि: शनिदेव को इसलिए कुंभ राशि का स्वामी माना जाता है। ऐसे में आपको मां दुर्गा को गुड़हल, कमल, गुलाब या अपराजिता जैसे फूल भी अर्पित करने चाहिए। देवी कवच का पाठ करना भी आपके लिए बहुत लाभकारी रहेगा।
मीन राशि: राशि का स्वामी बृहस्पति है। ऐसे में माघ नवरात्रि के दौरान देवी मां को कमल, कनेर, गुलाब और गुड़हल जैसे फूल चढ़ाएं। मां बगलामुखी के मंत्रों का जाप भी करें.
गुप्त नवरात्रि: साल की पहली नवरात्रि पर लोगों को मां दुर्गा के अलावा मां सरस्वती और मां नर्मदा की पूजा करने का अनूठा लाभ मिलेगा। कैसे?
9 फरवरी को माघ मास की अमावस्या होने के कारण माना जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है। इसके बाद 14 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का प्राकट्य उत्सव मनाया जाएगा। इसके बाद 16 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जाएगी। इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने का विशेष महत्व है। नवरात्रि के दौरान यह सभी तिथियां नवरात्रि के दौरान पढ़ने वाली है। ऐसे में इस दौरान मां सरस्वती और नर्मदा की विशेष कृपा भी प्राप्त हो सकती है।
क्योंकि 9 फरवरी को माघ मास की अमावस्या होगी इस अमावस्या में कहा जाता है कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान आदि करने से पितरों को शांति मिलती है इसके बाद 14 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का प्रकोत्सव प्रकटोत्सव मनाया जाएगा और फिर 16 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जाएगी इस दिन नर्मदा नदी में स्नान का विशेष महत्व होता है यह सभी तिथियां नवरात्रि के दौरान पढ़ने वाली है ऐसे में इस दौरान मां सरस्वती और नर्मदा का भी विशेष आशीर्वाद व्यक्ति के जीवन पर प्राप्त हो सकता है
गुप्त नवरात्रि साल की पहली नवरात्रि (2024) है, इसमें लोगों को मां दुर्गा, मां सरस्वती और मां नर्मदा की पूजा करने का अतिरिक्त विशेष लाभ मिलेगा। इसका कारण यह है कि 9 फरवरी को माघ मास की अमावस्या रहेगी। इस अमोनिया अमावस्या के बारे में कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों आदि में स्नान करने से पितरों को शांति मिलती है। इसके बाद 14 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन देवी सरस्वती का प्रकटोत्सव मनाया जाता है। मनाया जाएगा, उसके बाद 16 फरवरी को नर्मदा जयंती मनाई जाएगी। इस दिन नर्मदा नदी में डुबकी लगाने का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान इन सभी तिथियों का पाठ जोर-जोर से किया जाता है। ऐसे में इस दौरान व्यक्ति को मां सरस्वती और नर्मदा की विशेष कृपा भी प्राप्त हो सकती है।
Gupt Navratri
सिद्धि और साधना के नजरिये से शारदीय नवरात्रों को ज्यादा महत्वपूर्ण माना गया है. शारदीय नवरात्रों में लोग आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति इकट्ठी करने के लिए कई प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना करते हैं.
कन्या के पैर धो कर उन्हें आसन पर बैठाएं। हाथों में मौली बांधें, माथे पर रोली से तिलक लगाएं। भगवती दुर्गा को उबले हुए चने, हलवा, पूरी, खीर, पूआ व फल आदि का भोग लगाया जाता है। यही प्रसाद कन्या को भी दिया जाता है।
(Disclaimer - The information given in this article has been collected from various mediums like Panchang, beliefs, or religious scriptures and has been brought to you. Our aim is only to provide information. For accurate and correct decisions, consult the concerned expert as per your horoscope. must take.)
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