G-B7QRPMNW6J श्री कृष्ण जन्माष्टमी जल्द: अद्भुत योगों में मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी
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श्री कृष्ण जन्माष्टमी जल्द: अद्भुत योगों में मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी

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श्री कृष्ण जन्माष्टमी जल्द: अद्भुत योगों में मनाई जाएगी श्री कृष्ण जन्माष्टमी

कृष्ण जन्माष्टमी यानी माखन चोर नंद लाल का जन्मोत्सव। प्रत्येक वर्ष भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन कृष्ण जन्माष्टमी का त्यौहार मनाया जाता है। कहते हैं इसी दिन मथुरा नगरी में कंस के कारावास में देवकी ने अपनी आठवीं संतान के रूप में श्री कृष्ण भगवान को जन्म दिया था और तभी से श्री कृष्ण के जन्मदिन को भव्य रूप में मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष अपने आर्टिकल के माध्यम से आज हम जानेंगे इस दिन पूजा के शुभ मुहूर्त के बारे में, इस दिन के महत्व के बारे में, इस दिन बनने वाले शुभ योगों के बारे में|

 

2021 में जन्माष्टमी कब है?

साल 2021 में जन्माष्टमी का त्योहार 30 अगस्त को मनाया जाएगा। अष्टमी तिथि 29 अगस्त को रात 11 बजकर 25 मिनट पर शुरू होगी और 30 अगस्त की रात 1 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी। रोहिणी नक्षत्र 30 अगस्त को सुबह 6 बजकर 39 मिनट पर प्रारंभ होगा, जो कि 31 अगस्त को सुबह 09 बजकर 44 मिनट पर समाप्त होगा।

वैष्णव और स्मार्त सम्प्रदाय के अनुसार तिथि: 30 अगस्त, 2021 सोमवार

 

निशीथ पूजा मुहूर्त

23:59:22 से 24:44:14 तक

अवधि

0 घंटे 44 मिनट

जन्माष्टमी पारणा मुहूर्त

05:57:44 के बाद 31, अगस्त को

 

क्या होता है निशित काल

पौराणिक धार्मिक मान्यता के अनुसार निशित रात्रि के एक कल्पित पुत्र का नाम है, जिसका अर्थ होता है तीक्ष्ण रात्रि। शिवरात्रि पर रात्रि के समय महादेव की पूजा करने के लिए निशित काल सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। पौराणिक मान्यताएं कहती हैं कि जब भगवान शिव शिवलिंग के रूप में पृथ्वी पर प्रकट हुए तब वह समय निशित काल ही था। यही कारण है कि शिव जी के मंदिरों में लिंगोद्भव पूजा का अनुष्ठान इसी समय में किया जाता है। इसके अलावा यह दिन भगवान शिव के विवाह का दिन है इसलिए रात्रि में जागकर चारों प्रहर पूजा करने का विधान है। 

ध्यान रहे कि, वैष्णव और स्मार्त सम्प्रदाय मत को मानने वाले लोग इस त्यौहार को अलग-अलग नियमों से मनाते हैं। मुख्यतौर पर देखा जाए तो जन्माष्टमी का व्रत 2 दिन रखा जाता है। पहले दिन स्मार्त समुदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करते हैं और दूसरे दिन वैष्णव समुदाय के लोग कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत करते हैं। सरल शब्दों में समझाएं तो पहले दिन साधु संत समाज के लोग व्रत करते हैं और दूसरे दिन गृहस्थ जीवन बिताने वाले व्रत करते हैं। 

हालांकि इस वर्ष साधु संत और गृहस्थ दोनों ही लोग 30 अगस्त को जन्माष्टमी का व्रत करेंगे।

 

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन बन रहा शुभ संयोग

अर्द्धरात्रे तु रोहिण्यां यदा कृष्णाष्टमी भवेत्। तस्यामभ्यर्चनं शौरिहन्ति पापों त्रिजन्मजम्।

इस साल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी सोमवार के दिन हर्षण योग बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र में हर्षण योग को बेहद शुभ मंगलकारी माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार हर्षण योग में किए जानें वाले सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। वहीं सूर्य उदय कालीन समय के आधार पर  कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021 सोमवार को प्रातः 6 बजकर 01 मिनट पर कुंडली में चतुसागर योग बन रहा है। 

इसके अलावा श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन कृत्तिका और रोहिणी नक्षत्र भी रहेगा।  जिन जातकों का जन्म इस तिथि को होगा वह राष्ट्र के लिए एक नायक होंगे और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी हमेशा याद रखी जाएगी। इस दिन सूर्य और मंगल सिंह राशि में स्थित होंगे। चंद्र, राहु,केतु उच्च राशि में है। बुध उच्च राशि में है। शनि अपनी राशि में है और बृहस्पति लग्न को देख रहा है।

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा की महत्वपूर्ण सामग्री और पूजन विधि

सामग्री: खीरा, शहद, दूध, दही, एक साफ़ चौकी, पीले या लाल रंग का साफ़ कपड़ा, पंचामृत, गंगाजल, धूप, दीपक, अगरबत्ती, बाल कृष्ण की मूर्ति, चंदन, अक्षत, मक्खन, मिश्री, तुलसी का पत्ता, और भोग की सामग्री

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजन विधि

इस दिन जल्दी उठकर स्नानादि से निवृत्त होने के बाद घर और मंदिर के साफ सफाई करें। पूजा स्थल की साफ सफाई करें और एक साफ चौकी ले लें। इस साफ़ चौकी पर पीले रंग का साफ़ कपड़ा बिछा लें। मंदिर के सभी देवी देवताओं का जलाभिषेक करें और चौकी पर बाल गोपाल की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। इस दिन बाल गोपाल को झूले में बिठाएं। उन्हें झूला झुलायें और उन्हें लड्डू और उनके पसंदीदा वस्तुओं का भोग लगाएं। बाल गोपाल की अपने बेटे की तरह सेवा करें। श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन रात्रि पूजा का विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि श्री कृष्ण का जन्म मध्य रात्रि में हुआ था। ऐसे में मध्यरात्रि में भगवान कृष्ण की विशेष पूजा अर्चना करें। भगवान कृष्ण को मिश्री, घी, माखन इत्यादि का भोग लगाएं। अंत में उनकी आरती उतारें और में सभी को प्रसाद अवश्य वितरित करें।

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर करें ये उपाय

भगवान श्री कृष्ण प्रसन्न होने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और साथ ही निसंतान दंपतियों को संतान सुख भी प्रदान करते हैं। तो आइए जान लेते हैं कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किन बेहद सरल उपायों को करके आप भगवान श्री कृष्ण का आशीर्वाद अपने जीवन में प्राप्त कर सकते हैं।

आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं तो श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन अपने घर पर गाय और बछड़े की मूर्ति ले आयें। संतान प्राप्ति के लिए भी आप गाय और बछड़े की मूर्ति अपने घर में लाकर रख लें। 

श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यदि आप भगवान कृष्ण को परिजात के फूल अर्पित करते हैं तो इससे आपको भगवान श्री कृष्ण की प्रसन्नता हासिल होती है।

समस्त मनोकामना पूर्ति और अपने जीवन में सुख सुविधाओं के लिए श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान कृष्ण को चांदी की बांसुरी अर्पित करें।

वास्तु दोष की समस्या से परेशान हैं तो आपको श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन अपने घर में मोर पंख लाकर रखने की सलाह दी जाती है।

इसके अलावा श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन यदि आप पांच मोर पंख लाकर अपने मंदिर में रख लेते हैं और उनकी प्रति दिन पूजा करते हैं तो उससे आपके जीवन की तमाम आर्थिक परेशानियां दूर होती है और आपके जीवन में धन संपत्ति में वृद्धि होने लगती है।

कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा में अवश्य शामिल करें यह मंत्र 

भगवान कृष्ण का सप्ताक्षर मंत्र :-गोवल्लभाय स्वाहा’

भगवान कृष्ण का मूल मंत्र :-कृं कृष्णाय नमः’

धन-धान्य में वृद्धि करने वाला भगवान कृष्ण का मंत्र :-क्लीं ग्लौं क्लीं श्यामलांगाय नमः’

मनोवाछिंत फल की प्राप्ति के लिए जपें ये मन्त्र :- ॐ नमो भगवते नन्दपुत्राय आनन्दवपुषे गोपीजनवल्लभाय स्वाहा’

 

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन राशि अनुसार लगाएं श्री कृष्ण भगवान को इन चीज़ों का भोग

मेष राशि             :              मिश्री का भोग लगाएं।

वृषभ राशि          :           माखन का भोग लगाएं।

मिथुन राशि         :           दही का भोग लगाएं।

कर्क राशि             :           मक्खन का भोग लगाएं।

सिंह राशि            :           माखन मिश्री का भोग लगाएं।

कन्या राशि         :           लाल फल का भोग लगाएं।

तुला राशि           :           देसी घी का भोग लगाएं।

वृश्चिक राशि       :           खीर का भोग लगाएं।

धनु राशि             :              माखन मिश्री का भोग लगाएं।

मकर राशि          :           सफेद मिठाईयों का भोग लगाएं।

कुंभ राशि             :              पंजीरी का भोग लगाएं।

मीन राशि           :           केले का भोग लगाएं।

 

अक्षय शर्मा 
9837378309-6839

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