G-B7QRPMNW6J अश्विन नवरात्रे में जानेगे माँ के आगमन व् गमन के वाहन, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
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अश्विन नवरात्रे में जानेगे माँ के आगमन व् गमन के वाहन, घट स्थापना का शुभ मुहूर्त

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अश्विन नवरात्रे में जानेगे माँ के आगमन व् गमन के वाहनघट स्थापना का शुभ मुहूर्त


देवी का आगमन किस वाहन पर हो रहा है, यह दिनों के आधार पर तय होता है. हालांकि देवी का मूल  वाहन सिंह है, लेकिन यह तभी उनका वाहन है जब वे युद्ध रत होती हैं. भक्तों के पास आने के लिए मां भगवती अलग-अलग वाहनों का चुनाव करती हैं.

 

शशि सूर्य गजरुढ़ा शनिभौमे तुरंगमे |

गुरौशुक्रेच दोलायां बुधे नौकाप्रकीर्तिता || (देवीपुराण)

रविवार और सोमवार को भगवती हाथी पर आती हैं शनि और मंगलवार को घोड़े पर आती है बुधवार को नाव पर आती हैं गुरुवार या शुक्रवार को नवरात्र शुरू होने पर देवी डोली में बैठकर आती हैं.

 

शशि सूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुज शोककरा ,

शनिभौम दिने यदि सा विजया चरणायुध यानि करी विकला |

बुधशुक्र दिने यदि सा विजया गजवाहन गा शुभ वृष्टिकरा ,

सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहन गा शुभ सौख्य करा ||(देवीपुराण)

भगवती रविवार और सोमवार को महिषा(भैंसा)की सवारी से जाती हैं, शनि और मंगल को पैदल जाती हैं, बुध और शुक्र दिन में भगवती हाथी पर जाती है, गुरुवार को भगवती मनुष्य की सवारी से जाती हैं| इस प्रकार भगवती का आना जाने का प्रभाव यजमान पर ही नहीं पूरे राष्ट्र पर पड़ता है|

 


अश्विन महीने की प्रतिपदा से नवरात्रि शुरू होती हैं. इसी दिन घट स्थापना की जाती है. इस साल 7 अक्टूबर 2021 को घट स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 06:17 मिनट से 10:11 मिनट तक रहेगा. इसके बाद अभिजीत मुहूर्त 11:46 मिनट से 12:32 मिनट तक रहेगा |

प्रतिपदा तिथि प्रारम्भ: 6 अक्टूबर शाम 4 बजकर 35 मिनट से शुरू 

प्रतिपदा तिथि समाप्त: 7 अक्टूबर दोपहर 1 बजकर 46 मिनट तक 

 

7 अक्टूबर- मां शैलपुत्री की पूजा
8
अक्टूबर- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
9
अक्टूबर- मां चंद्रघंटा मां कुष्मांडा की पूजा (तृतीय एवं चतुर्थी तिथि )
10
अक्टूबर- मां स्कंदमाता की पूजा
11
अक्टूबर- मां कात्यायनी की पूजा
12
अक्टूबर- मां कालरात्रि की पूजा
13
अक्टूबर- मां महागौरी की पूजा
14
अक्टूबर- मां सिद्धिदात्री की पूजा
15
अक्टूबर- दशमी तिथि, विजयादशमी या दशहरा

 

विशेष :- घट स्थापना के समय कन्या लग्न रहेगा एवं  गुलिक के १२ वे स्थान पर होने के कारण इसका सभी राशियों पर कुछ प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की सम्भावना है अतः बाधा समाप्ति व् धन-पुत्रादि की प्राप्ति हेतु श्री दुर्गा सप्तशती के १२ वे अध्याय के १३वे श्लोक का पाठ यथाशक्ति करे |

मंत्र :- सर्वबाधा विनिर्मुक्तो धन–धान्य सुतान्वित:। मनुष्यो मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय:।।

  

AKSHAY SHARMA

9837378309-6839




 

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