G-B7QRPMNW6J Mangala Gauri Vrat 2025: आज है सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, इस कथा से पूरी होगी अखंड सौभाग्य वैवाहिक सुख की प्राप्ति, मंगला गौरी व्रत 2025: पूजा विधि
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Mangala Gauri Vrat 2025: आज है सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, इस कथा से पूरी होगी अखंड सौभाग्य वैवाहिक सुख की प्राप्ति, मंगला गौरी व्रत 2025: पूजा विधि

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Mangala Gauri Vrat 2025
Mangala Gauri Vrat 2025

👉आज 15 जुलाई 2025 को सावन का पहला मंगला गौरी व्रत है। यह व्रत माता पार्वती को समर्पित है और सुहागिन महिलाएं अपने अखंड सौभाग्य, सुखमय वैवाहिक जीवन और संतान सुख के लिए इसे रखती हैं। कुंवारी कन्याएं भी मनचाहा वर पाने के लिए यह व्रत कर सकती हैं।

मंगला गौरी व्रत का महत्व

सावन महीने में पड़ने वाले मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाती है। ऐसी मान्यता है कि यह व्रत वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि लाता है और संतान संबंधी बाधाओं को दूर करता है।

🙏🌹मंगला गौरी व्रत कथा🌹👉

मंगला गौरी व्रत की कथा इस प्रकार है:

👉पौराणिक कथा के अनुसार,

पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय की बात है, धर्मपाल नामक एक सेठ था। वह बहुत धनी और समृद्ध था, लेकिन उसे एक ही दुख था कि उसकी कोई संतान नहीं थी। संतान प्राप्ति के लिए धर्मपाल और उसकी पत्नी ने भगवान शिव और माता पार्वती की कठोर तपस्या की। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर माता पार्वती ने उन्हें एक पुत्र का वरदान दिया, लेकिन साथ ही यह भी बताया कि पुत्र की आयु केवल 16 वर्ष होगी।

यह जानकर सेठ और उसकी पत्नी अत्यंत दुखी हुए। जब पुत्र का जन्म हुआ, तो उन्होंने उसका नाम चिरंजीवी रखा। जैसे-जैसे चिरंजीवी बड़ा होता गया, माता-पिता को उसकी अल्पायु की चिंता सताने लगी।

एक दिन, चिरंजीवी के विवाह का समय आया। ज्योतिषियों ने बताया कि चिरंजीवी का विवाह उसी कन्या से होना चाहिए जो मंगला गौरी का व्रत नियमित रूप से करती हो। ऐसी कन्या के पुण्य से चिरंजीवी की आयु बढ़ सकती है।

धर्मपाल ने ऐसी ही एक कन्या की खोज की, जो मंगला गौरी का व्रत श्रद्धापूर्वक करती थी। उस कन्या के पुण्य प्रभाव से चिरंजीवी की अल्पायु का दोष मिट गया और उसे दीर्घायु प्राप्त हुई।

इसीलिए, ऐसी मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत करने से न केवल पति की लंबी आयु होती है, बल्कि सुखी वैवाहिक जीवन और संतान से संबंधित सभी बाधाएं दूर होती हैं।

इस प्रकार, मंगला गौरी व्रत के प्रताप और माता के आशीर्वाद के कारण धर्मपाल के पुत्र को 100 वर्ष की लंबी आयु प्राप्त हुई और वह संकट से बच गया।

इस कथा का पाठ करने से व्रत का पूर्ण फल मिलता है और माता मंगला गौरी की कृपा प्राप्त होती है। आज के दिन पूजा के दौरान इस कथा का श्रवण या पाठ अवश्य करें।

🌹मंगला गौरी व्रत 2025: पूजा विधि🌹

मंगला गौरी व्रत के दिन माता पार्वती के मंगला गौरी स्वरूप की पूजा की जाती है। यह पूजा विधि इस प्रकार है:

 * सुबह स्नान और संकल्प:

* सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। महिलाएं लाल या हरे रंग के वस्त्र पहन सकती हैं, जो शुभ माने जाते हैं।

* पूजा स्थान को गंगाजल या गोमूत्र से शुद्ध करें।

* माता पार्वती का ध्यान करते हुए हाथ में जल लेकर व्रत का संकल्प लें और अपनी मनोकामना बताएं।

 * पूजा की चौकी तैयार करना:

* एक लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं।

* इस पर माता मंगला गौरी (माता पार्वती) की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।

* अगर संभव हो तो भगवान गणेश की भी एक छोटी प्रतिमा रखें, क्योंकि किसी भी शुभ कार्य से पहले गणेश जी की पूजा की जाती है।

 * गणेश जी की पूजा (यदि स्थापित हो):

* सबसे पहले गणेश जी को जल चढ़ाएं, मोदक या लड्डू का भोग लगाएं और 'ॐ गं गणपतये नमः' मंत्र का जाप करें।

 * माता मंगला गौरी की पूजा:

* माता की मूर्ति या तस्वीर पर जल अर्पित करें।

* यदि मूर्ति हो तो पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, चीनी का मिश्रण) से अभिषेक करें और फिर शुद्ध जल से स्नान कराएं।

* माता को लाल रंग की चुनरी या वस्त्र अर्पित करें।

* सोलह श्रृंगार की सामग्री: सुहागिन महिलाएं माता पार्वती को सोलह श्रृंगार की सभी सामग्री (जैसे- सिंदूर, बिंदी, चूड़ियाँ, मेहंदी, आलता, गजरा, चुनरी, काजल आदि) एक-एक करके अर्पित करें।

* विशेष चढ़ावा: माता को 16 लौंग, 16 इलायची, 16 सुपारी, 16 पान के पत्ते, 16 फल, 16 प्रकार की मिठाई (लड्डू विशेष रूप से) और 16 मालाएं अर्पित करें। कमल के फूल की माला चढ़ाना शुभ माना जाता है।

* गेहूं के आटे के 16 दीपक बनाकर उनमें गाय का घी डालकर माता की तस्वीर के सामने प्रज्वलित करें। यह इस व्रत का विशेष अंग है।

* धूपबत्ती और दीप जलाएं।

* 'ॐ गौरी शंकराय नमः' या 'नमो देव्यै महादेव्यै शिवायै सततं नमः। नमः प्रकृत्यै भद्रायै नियताः प्रणताः स्मताम्।।' मंत्र का 108 बार जाप करें।

* कथा श्रवण और आरती:

 * मंगला गौरी व्रत की कथा का पाठ करें या सुनें। (कथा ऊपर दी गई है)

* माता मंगला गौरी की आरती करें।

 * प्रसाद वितरण और क्षमा याचना:

* पूजा के बाद प्रसाद बांटें।

* पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए माता से क्षमा याचना करें।

* नवविवाहिताएं इस दिन अपनी सास को वस्त्र, मिठाई और श्रृंगार सामग्री अर्पित कर उनका आशीर्वाद लेती हैं।

* बड़ों का आशीर्वाद लें।

मंगला गौरी व्रत 2025: शुभ मुहूर्त

आज, 15 जुलाई 2025 को श्रावण कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है।

 * पंचमी तिथि का आरंभ: 14 जुलाई 2025, सोमवार, रात 10 बजकर 38 मिनट से

 * पंचमी तिथि का समापन: 15 जुलाई 2025, मंगलवार, रात 10 बजकर 40 मिनट तक

आज (15 जुलाई 2025) के लिए शुभ मुहूर्त:

 * ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 12 मिनट से सुबह 04 बजकर 52 मिनट तक।

 * अभिजीत मुहूर्त: सुबह 11 बजकर 59 मिनट से दोपहर 12 बजकर 55 मिनट तक। (यह पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त माना जाता है)

 * विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 45 मिनट से दोपहर 03 बजकर 40 मिनट तक।

 * गोधूलि मुहूर्त: शाम 07 बजकर 19 मिनट से शाम 07 बजकर 40 मिनट तक।

 * निशिथ काल: मध्य रात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक (16 जुलाई)।

राहुकाल: आज राहुकाल शाम 03 बजकर 54 मिनट से शाम 05 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। राहुकाल में शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं, इसलिए इस अवधि में पूजा से बचना चाहिए।

आप अपनी सुविधानुसार शुभ मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं।

कुछ महत्वपूर्ण बातें:

 * व्रत के दौरान नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।

 * शरीर पर साबुन या शैम्पू जैसे केमिकल युक्त उत्पादों का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

 * इस दिन फल का सेवन कर सकते हैं।

 * काले, नीले या बैंगनी रंग के वस्त्र धारण करने से बचें, क्योंकि ये रंग शुभ नहीं माने जाते हैं।

मंगला गौरी व्रत आपके वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि और अखंड सौभाग्य लेकर आए!

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🕒 व्रत की तिथियाँ (2025)

- पहला मंगला गौरी व्रत: 15 जुलाई 2025

- दूसरा मंगला गौरी व्रत: 22 जुलाई 2025

- तीसरा मंगला गौरी व्रत: 29 जुलाई 2025

- चौथा मंगला गौरी व्रत: 5 अगस्त 2025

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📜 व्रत के नियम

- व्रत के दिन फलाहार करें या एक समय सात्विक भोजन लें।

- अनाज, लहसुन, प्याज और सफेद नमक का सेवन न करें।

- मासिक धर्म के दौरान महिलाएं व्रत न करें।

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इस व्रत को विधि-विधान से करने से मां गौरी की कृपा प्राप्त होती है, जिससे वैवाहिक जीवन में सुख-शांति और संतान सुख की प्राप्ति होती है। सभी व्रतधारियों को मंगला गौरी व्रत की हार्दिक शुभकामनाएं!                                                                                                                                                                                                                                            🌟 Follow Us Now! for Timeless Wisdom 🌟

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