व्रत व त्यौहारों का महीना कार्तिक {नवम्बर}
रमा एकादशी {1 नवंबर,
सोमवार }
इस वर्ष 1 नवंबर 2021 को रमा एकादशी होगी। इस पर्व का नाम देवी लक्ष्मी के नाम पर रखा गया है। इस दिन देवी लक्ष्मी के साथ ही केशव स्वरूप में भगवान विष्णु की पूजा का विधान बताया गया है। माना जाता है कि इस पावन दिन व्रत रखने से कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में समृद्धि और धन की प्राप्ति कर सकता है।
धनतेरस {2
नवंबर, सोमवार }
धनतेरस को धनत्रयोदशी और धन्वंतरि जयंती के नाम से भी जाना जाता है और इसे कृष्ण पक्ष के कार्तिक माह के तेरहवें दिन मनाया जाता है। यह त्योहार दिवाली से पहले आता है और लोगों का मानना है कि इस दिन बर्तन और धूपदान जैसे बर्तन खरीदना शुभ होता है।
प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) {2 नवंबर, सोमवार }
प्रदोष व्रत प्रत्येक माह में दो बार मनाया जाता है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार पवित्र व्रत माना गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित है और 13 वें दिन चंद्र पखवाड़े पर मनाया जाता है। यह व्रत साहस,
निर्भयता और जीत का प्रतीक है।
मासिक शिवरात्रि {3 नवंबर, सोमवार }
मासिक शिवरात्रि एक और पवित्र और शुभ फलदायी व्रत है जो प्रत्येक माह के 14वें दिन पड़ता है। मासिक शिवरात्रि दो शब्दों का संयोग है जिसका अर्थ है भगवान शिव की मासिक रात्रि। मासिक शिवरात्रि जहां प्रत्येक माह में एक बार पड़ती है,
वहीं महाशिवरात्रि साल में एक बार मनाई जाती है।
दीवाली
दिवाली या दीपावली सबसे प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है। इस पर्व का आयोजन पांच दिनों तक चलता है। यह त्यौहार पूरे देश,
नेपाल के कुछ हिस्सों और दुनिया के कुछ हिस्सों में भी खुशी,
उत्साह और पूरे जोरोशोरों के साथ मनाया जाता है। इस पावन पर्व पर भगवान गणेश,
देवी लक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा किये जाने का विधान बताया गया है।
नरक चतुर्दशी {4 नवंबर,
सोमवार }
कार्तिक माह में चंद्रमा के 14वें दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इसे रूप चौदास,
काली चौदास और नरक चौदास जैसे अलग-अलग नामों से जाना जाता है। नरक चतुर्दशी दिवाली के पावन पर्व से ठीक एक दिन पहले पड़ती है और इसलिए इसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है।
कार्तिक अमावस्या {4 नवंबर, सोमवार }
कार्तिक अमावस्या कार्तिक माह के कार्तिक पक्ष पर पड़ती है। यह एक महत्वपूर्ण दिन माना जाता है क्योंकि दिवाली का पावन त्योहार भी इसी दिन पड़ता है। यह अमावस्या देवी लक्ष्मी को समर्पित है और माना जाता है कि पितृ पूजा करने,
दान-पुण्य करने और दान करने के लिए यह दिन बेहद ही उपयुक्त होता है।
गोवर्धन पूजा {5 नवंबर, सोमवार }
हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा का पर्व अत्यंत महत्व रखता है। शुक्ल पक्ष के पहले दिन कार्तिक माह में इसे मनाया जाता है। यह पर्व पूरे देश में विशेष रूप से वृंदावन,
मथुरा, गोकुल, नंदगांव और बरसाना सहित उत्तर भारतीय क्षेत्रों में हर्ष और उत्साह के साथ मनाया जाता है। इन स्थानों में,
इस त्यौहार का अलग और खूबसूरत रंग देखने को मिलता है और यही वजह है कि इसे देखने के लिए लोग दूर-दराज़ से इस दिन यहाँ पहुंचते हैं।
भाई दूज {6 नवंबर,
सोमवार }
यह हिंदू त्योहार भाई-बहन के बीच विशेष और पवित्र बंधन का प्रतीक है। भाई दूज के पर्व को भाई तीज,
भ्रात द्वैत्य और यम द्वैतिया के नाम से भी जाना जाता है। रोशनी के त्योहार दिवाली के ठीक दो दिन बाद यह पर्व मनाया जाता है।
छठ पूजा {10 नवंबर,
सोमवार }
सूर्य भगवान को समर्पित इस पर्व को सूर्य षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है और कार्तिक शुक्ल षष्ठी पर पड़ता है। छठ पूजा दिवाली के छह दिन बाद पड़ती है और इसे खुशी और ज़ोरोशोरों के साथ मनाया जाता है। यह बिहार,
उत्तर प्रदेश और झारखंड राज्यों में सबसे अधिक लोकप्रिय है। लोग इस दिन सूर्य देवता और छठ मैया की पूजा करते हैं और सुखी और समृद्ध जीवन के लिए उनका आशीर्वाद मांगते हैं।
देवउठनी एकादशी {14 नवंबर,
सोमवार }
देवउठनी एकादशी कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में पड़ती है और देवउठनी एकादशी,
देवोत्थान एकादशी और प्रबोधिनी एकादशी नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विष्णु इस दिन 4 महीने तक सोने के बाद जागते हैं। इन चार महीनों के दौरान सभी शुभ कार्य रुक जाते हैं।
प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष) {16 नवंबर, सोमवार }
प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है और महीने में दो बार मनाया जाता है। यह एक पवित्र हिंदू व्रत है जिसे लोग बेहद ही समर्पण और भक्ति के साथ मनाते हैं। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
वृश्चिक संक्रांति {16 नवंबर,
सोमवार }
जब सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करता है तो उसे संक्रांति के नाम से जाना जाता है। वृश्चिक संक्रांति तब होती है जब शक्तिशाली ग्रह सूर्य तुला राशि से वृश्चिक राशि की ओर बढ़ता है। इस महत्वपूर्ण घटना को “वृश्चिक संक्रमणम” के
नाम से भी जाना जाता है। वृश्चिक संक्रांति को हिंदू धर्म में पवित्र दिन माना जाता है।
संकष्टी चतुर्थी {23 नवंबर,
सोमवार }
संकष्टी चतुर्थी भगवान गणेश को समर्पित है और यह एक शुभ हिंदू त्योहार है। इस दिन जो कोई भी व्यक्ति समर्पण और सच्चे भक्ति भाव से पूजा करता है तो उसे समृद्धि,
शांति, ज्ञान और
चतुर्थ राज्य की प्राप्ति होती है।
उत्तपन्ना एकादशी {30 नवंबर,
सोमवार }
भगवान विष्णु की अभिव्यक्ति देवी एकादशी का जन्म उत्तपन्ना एकादशी के दिन हुआ था। हिंदू कैलेंडर के अनुसार यह एकादशी कार्तिक माह के दौरान मनाई जाती है। उत्तपन्ना एकादशी या उत्पत्ति एकादशी नवंबर-दिसंबर माह में पड़ती है। यह पर्व संक्रांति की तरह अन्य हिंदू व्रतों की तरह ही शुभ होता है।
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