G-B7QRPMNW6J शास्त्रों में वर्जित है बांस [agarbatti] को जलाना, सेहत, विज्ञान को भी ध्यान में रखते हुए भी नुकसानदायक है जानते है केसे
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शास्त्रों में वर्जित है बांस [agarbatti] को जलाना, सेहत, विज्ञान को भी ध्यान में रखते हुए भी नुकसानदायक है जानते है केसे

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 शास्त्रों में वर्जित है बांस को जलाना, सेहत, विज्ञान को भी ध्यान में रखते हुए भी नुकसानदायक है


शास्त्रों में वर्जित है बांस को जलाना, सेहत के लिए भी नुकसानदायक है

· आमतौर पर अगरबत्ती बांस की बनती है अत: इसे जलाना शुभ नहीं होता

· शास्त्रों में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता

शास्त्रों में बांस की लकड़ी को जलाना वर्जित है। किसी भी हवन अथवा पूजन विधि में बांस को नही जलाते हैं। भारतीय सनातन परंपराओं में बांस का जलाना निषिद्ध है। कहा जाता है की यदि बांस की लकड़ी को जलाया जाता है तो इससे वंश नष्ट हो जाता है और पितृ दोष लगता है। इसके पीछे कई वैज्ञानिक तथ्य भी हैं।

बांस में लेड व हेवी मेटल प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। लेड जलने पर लेड-ऑक्साइड बनाता है, जो एक खतरनाक नीरो टॉक्सिक है। हेवी मेटल भी जलने पर ऑक्साइड बनाते हैं। लेकिन जिस बांस की लकड़ी को जलाना शास्त्रों में वर्जित है, यहां तक कि चिता मे भी नहीं जला सकते, उस बांस की लकड़ी को हमलोग रोज अगरबत्ती में जलाते हैं।

इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे। भारतीय वास्तुविज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है। शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाने के पीछे भी यही कारण है। अत: बांस को जलाना शुभ नहीं होता। ऐसा भी माना जाता है कि बांस का पौधा जहां होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं।


ये है वैज्ञानिक कारण बांस की लकड़ी में लेड के साथ अन्य कई प्रकार की धातु होती है। ऐसे में अगर आप इसे जलाकर नष्ट करते हैं तो ये धातुएं अपनी ऑक्साइड बना लेती हैं, जिसके कारण न सिर्फ वातावरण दूषित होता है बल्कि यह आपकी जान भी ले सकता है, क्योंकि इसके अंश हवा में घुले होते हैं और जब आप सांस लेते हैं तो यह आपके शरीर में प्रवेश कर जाता है। इसके कारण न्यूरो और लिवर संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है।


आमतौर पर अगरबत्ती बांस की बनती है। अत: इसे जलाना शुभ नहीं होता। शास्त्रों में पूजन विधान में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धूपबत्ती ही लिखा हुआ मिलता है। अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनाई जाती है जिसका सेहत पर बुरा असर होता है। फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं। यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है, इसलिए उसे जलाना फेंगशुई की दृष्टि से अशुभ है।

धार्मिक धारणाएं

एक और धार्मिक धारणा के अनुसार भगवान श्री कृष्ण अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे, इसलिए बांस की लकड़ी को नहीं जलाया जाता है।

किसी भी हवन अथवा पूजन विधि में बांस को नही जलाते हैं। भारतीय सनातन परंपराओं में बांस का जलाना निषिद्ध है। कहा जाता है की यदि बांस की लकड़ी को जलाया जाता है तो इससे वंश नष्ट हो जाता है और पितृ दोष लगता है। ... अत: बांस को जलाना शुभ नहीं होता।

वास्तुशास्त्र के अनुसार

भारतीय वास्तु विज्ञान के अनुसार भी बांस को शुभ माना जाता है। शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा एवं बांस से मंडप भी बनाया जाता है, इसलिए भी बांस को नहीं जलाया जाता है।

बांस को जलाने से क्या होता है : पहला कारण

भारतीय सनातन परंपराओं में बांस का जलाना निषिद्ध है | कहा जाता है की यदि बांस की लकड़ी से चूल्हा जलाया गया तो वंश नष्ट होने से कोई रोक नहीं सकता | यह भी हो सकता है कि प्राचीनकाल से ही बांस की उपयोगिता रही है | इससे जहां घर बनते थे वहीं इससे टोकरियां, बिछात और बांसुरियां भी बनाई जाती थीं | बांस मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी माने गए हैं | लोग इनका उपयोग जलाने की लकड़ी की तरह नहीं करें, शायद इसीलिए यह अफवाह फैलाई गई कि बांस जलाने से वंश नष्ट होता है |

बांस को जलाने से क्या होता है : दूसरा कारण ( कैंसर अथवा मस्तिष्क आघात )

वैज्ञानिकों अनुसार बांस को जलाने से हमारे स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है | बांस को जलाना घातक होता है | क्योकि बांस में लेड व हेवी मेटल के साथ अन्य कई प्रकार की धातु प्रचुर मात्रा में पाई जाती है | लेड जलने पर लेड ऑक्साइड बनाता है जो कि एक खतरनाक नीरो टॉक्सिक है | जिसके कारण न सिर्फ वातावरण दूषित होता है बल्कि यह इंसानी जान के लिए भी खतरनाक है | इसके अंश हवा में घुले होते हैं और जब हम सांस लेते हैं तो इससे न्यूरो और लीवर संबंधी परेशानियों का खतरा बढ़ जाता है |

बांस को जलाने से क्या होता है : तीसरा कारण

ऐसी मान्यता भी है कि बांस जलाने से भाग्य का नाश हो जाता है | बांस का होना भाग्यवर्धक है लेकिन उसे जलाने से दुर्भाग्य घटित होता है | फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं | यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है इसलिए आप बांस के पौधों का चित्र लगाकर उन्हें शक्तिशाली बना सकते हैं |

बांस को जलाने से क्या होता है : चौथा कारण

माना जाता है कि बांस जलाने से पितृदोष लगता है | जब हम किसी भी काम में बांस की लकड़ी नहीं जलाते तो फिर अगरबत्ती में इसका उपयोग क्यों किया जाता है | आमतौर पर अगरबत्ती बांस की बनती है | अत: इसे जलाना शुभ नहीं होता | शास्त्रों में पूजन विधान में कहीं भी अगरबत्ती का उल्लेख नहीं मिलता सब जगह धूपबत्ती ही लिखा हुआ मिलता है | अगरबत्ती बांस और केमिकल से बनाई जाती है जिसका सेहत पर बुरा असर होता है | फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं | यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है, इसलिए उसे जलाना फेंगशुई की दृष्टि से अशुभ है |

बांस को जलाने से क्या होता है : पांचवा कारण

भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे | भारतीय वास्तु विज्ञान में भी बांस को शुभ माना गया है | शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाने के पीछे भी यही कारण है | अत: बांस को जलाना शुभ नहीं होता | ऐसा भी माना जाता है कि बांस का पौधा जहां होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं |

बांस को जलाने से क्या होता है : छठा कारण ( अर्थी के लिए होता है बांस का प्रयोग )

हिंदू धर्म में अर्थी के लिए बांस की लकड़ी का उपयोग तो करते हैं लेकिन उसे चिता में जलाते नहीं हैं | हिन्दू धर्मानुसार बांस जलाने से पितृ दोष लगता है वहीं जन्म के समय जो नाल माता और शिशु को जोड़ के रखती है, उसे भी बांस के वृक्षों के बीच में गाड़ते हैं ताकि वंश सदैव बढ़ता रहे |

बांस को क्यों नहीं जलाते : सातवा कारण

प्राचीनकाल से ही बांस की उपयोगिता रही है | इससे जहां घर बनते थे वहीं इससे टोकरियां, बिछात और बांसुरियां भी बनाई जाती थीं | बांस मनुष्य जीवन के लिए बहुत ही उपयोगी माने गए हैं | लोग इनका उपयोग जलाने की लकड़ी की तरह नहीं करें, शायद इसीलिए यह अफवाह फैलाई गई कि बांस जलाने से क्या वंश नष्ट हो जाता है |

कौन से पुराण में लिखा है बांस को जलाना वर्जित है

स्कंद पुराण कहता है की बांस जलाने से पितृ दोष लगता है और सेहत के लिए नुकसानदायक है |

बांस से जुड़ी मान्‍यताएं और परंपराएं बांस की लकड़ी के शगुन / शुभ

· जन्म के समय जो नाल माता और शिशु को जोड़ के रखती है, उसे भी बांस के वृक्षो के बीच मे गाड़ते है ताकि वंश सदैव बढ़ता रहे |

· बांस का पौधा जहां होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं

· भगवान श्री कृष्ण हमेशा अपने पास बांस की बांसुरी रखते थे

· हिंदू मान्यता के अनुसार, बांस को शुभ माना गया है | शादी, जनेऊ, मुण्डन जैसे शुभकामों में बांस की पूजा एवं बांस से मण्डप बनाए जाते हैं |

· फेंगशुई में लंबी आयु के लिए बांस के पौधे बहुत शक्तिशाली प्रतीक माने जाते हैं | यह अच्छे भाग्य का भी संकेत देता है इसलिए आप बांस के पौधों का चित्र लगाकर उन्हें शक्तिशाली बना सकते हैं |

· बांस प्रतिकूल परिस्थितियों में भी भरपूर वृद्धि का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी भी प्रकार के तूफानी मौसम का सामना करने का सामर्थ्य रखने के प्रतीक हैं | यह पौधा अच्छे स्वास्थ्य का प्रतीक है |

भारतीय वास्तु विज्ञान के अनुसार भी बांस को शुभ माना जाता है। शादी, जनेऊ, मुण्डन आदि में बांस की पूजा एवं बांस से मंडप भी बनाया जाता है, इसलिए भी बांस को नहीं जलाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार बांस का पौधा जहां भी होता है वहां बुरी आत्माएं नहीं आती हैं।


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