20 जनवरी 2022 का पंचांग और मुहूर्त
वार |
गुरूवार, 20 जनवरी 2022 |
तिथि |
द्वितीया 08:04 तक उसके बाद तृतीया |
नक्षत्र |
अश्लेशा 08:24 तक उसके बाद मघा |
पक्ष |
कृष्ण पक्ष |
माह |
माघ |
सूर्योदय |
06:45 AM |
सूर्यास्त |
05:33 PM |
चंद्रोदय |
07:43 P |
चन्द्रास्त |
08:29 |
Auspicious
Timings : आज का शुभ समय जिसमे शुभ मुहूर्त किया
जा सकता है। आज दिनांक गुरूवार 20 जनवरी 2022 का शुभ टाइम।
अगर कोई शुभ कार्य करने जा रहे हैं तो अभिजीत समय में करें।
उसके बाद अन्य में कर सकते हैं जब अभिजीत का समय नहीं हो तो।
अभिजीत मुहूर्त |
11:47 से 12:31 |
अमृत काल मुहूर्त |
कोई नहीं है |
विजय मुहूर्त |
01:57 PM से 02:40 PM |
गोधूलि मुहूर्त |
05:22 PM से 05:46 PM |
सायाह्न संध्या मुहूर्त |
05:33 PM से 06:52 PM |
निशिता मुहूर्त |
11:43 PM से 12:35 AM, Jan 21 |
ब्रह्म मुहूर्त |
04:59 AM, Jan 21 से 05:52 AM, Jan 21 |
प्रातः संध्या |
05:26 AM, Jan 21 से 06:45 AM, Jan 21 |
दुष्टमुहूर्त |
10:21:06 से 11:04:18 तक, 14:40:17
से 15:23:29 तक |
कालवेला / अर्द्धयाम |
16:06:41 से 16:49:53 तक |
कुलिक |
10:21:06 से 11:04:18 तक |
यमघण्ट |
07:28:18 से 08:11:30 तक |
कंटक |
14:40:17 से 15:23:29 तक |
यमगण्ड |
06:45:07 से 08:06:06 तक |
राहुकाल |
13:30:05 से 14:51:05 तक |
गुलिक काल |
09:27:06 से 10:48:06 तक |
भद्रा |
08:31 PM से 06:45 , Jan 21 |
गण्ड मूल |
पूरे दिन |
विशेष मुहूर्त और योग : कुछ शुभ मुहूर्त होते हैं जैसे सर्वार्थसिद्धि,
अमृतसिद्धि, गुरुपुष्यामृत और रविपुष्यामृत योग। जब किसी कार्य को
करना हो और मुहूर्त उस समय नहीं हो तो इन विशेष योग या महूर्त
में शुभ कार्य किया जाता है। यदि सोमवार के दिन रोहिणी, मृगशिरा,
पुष्य, अनुराधा तथा श्रवण नक्षत्र हो तो सर्वार्थसिद्धि योग का निर्माण होता है।
शुभ मुहूर्तों में सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त माना जाता है- गुरु-पुष्य योग। यदि गुरुवार
को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में हो तो इससे पूर्ण सिद्धिदायक योग बन जाता है।
जब चतुर्दशी सोमवार को और पूर्णिमा या अमावस्या मंगलवार को हो तो
सिद्धिदायक मुहूर्त होता है। आज का शुभ योग जिसमे कोई भी मुहूर्त
किया जा सकता है। ये योग बहुत ही शुभ होते है किसी भी शुभ कार्य
को करने के लिए।
Shubh Muhurat – 20 January 2022
अभिजीत मुहूर्त |
11:47 से 12:31 |
सर्वार्थ सिद्धि योग |
कोई नहीं है |
अमृत सिध्दि योग |
कोई नहीं है |
रवि योग |
कोई नहीं है |
द्विपुष्कर योग |
कोई नहीं है |
त्रिपुष्कर योग |
कोई नहीं है |
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