saral vastu tips इस दिशा में बाथरूम, टॉयलेट या स्टोर रूम जीवन पर पड़ सकता है भारी, आपसी कलह से हो जाएंगे तबाह
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वास्तु शास्त्र के अनुसार, उत्तर-पश्चिम दिशा का वास्तु दोष जीवन के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है. साथ ही इस दिशा वास्तु दोष होने पर घर में आपसी कलह हो सकता है
वास्तु शास्त्र में हर दिशा का अलग-अलग महत्व है. वास्तु के मुताबिक उत्तर-पश्चिम दिशा से जुड़ा वास्तु दोष बेहद खतरनाक होता है. इस दिशा में वास्तु दोष होने पर घर में कभी सकारात्मक ऊर्जा का वास नहीं होता है. दरअसल यह दिशा से वायु देवता का संबंध होता है. आइए जानते हैं वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम दिशा) से जुड़े खास वास्तु टिप्स.
उत्तर-पश्चिम दिशा के saral vastu tips
-वास्तु शास्त्र के मुताबिक घर या बिजनेस प्लेस का वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम की दिशा भाग कुछ कटा हुआ हो या दूसरी दिशाओं के मुकाबले कम चौड़ा हो तो उस हिस्से की उत्तरी दीवार में लगभग 4 फुट चौ़ड़ा आईना लगाने से लाभ मिल सकता है.
-वास्तु शास्त्र के मुताबिक उत्तर-पश्चिम का भाग शौचालय, स्टोर रूम, स्नानघर यानी बाथरूम बनाने के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. दरअसल शाम के समय सूर्य की गर्मी से घर के अन्य हिस्से बचे रहते हैं. वहीं ये उष्मा शौचालय और स्नानघर को सूखा रखने में सहायक होती है.
-वास्तु के मुताबिक घर की उत्तर-पूर्व दिशा में बेडरूम होना पति-पत्नी के लिए अच्छा रहता है. दरअसल उत्तर-पूर्व दिशा में देवी-देवताओं का वास होता है. यही कारण है कि बेडरूम उत्तर दिशा में बनवाने का सुझाव दिया जाता है.
-वास्तु के मुताबिक उत्तर-पश्चिम दिशा यानी वायव्य कोण हवा से संबंधित है. ऐसे में इस दिशा में रंग रोगन करने के लिए सफेद, हल्का स्लेटी और क्रीम कलर का इस्तेमाल करना चाहिए. साथ ही इस दिशा में भी नौकर का कमरा होना चाहिए. कुंवरी कन्याओं के लिए उत्तर दिशा का कमरा सबसे शुभ माना गया है. इसके विवाह के योग मजबूत होते हैं.
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