G-B7QRPMNW6J अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु की खरीदारी बेहद शुभ खरीदेने से चमकेगी किस्मत दान से बढेगा पुण्य
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अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु की खरीदारी बेहद शुभ खरीदेने से चमकेगी किस्मत दान से बढेगा पुण्य

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अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु की खरीदारी बेहद शुभ खरीदेने से चमकेगी किस्मत दान से बढेगा पुण्य

अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु
अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु की खरीदारी बेहद शुभ खरीदेने से चमकेगी किस्मत दान से बढेगा पुण्य


मान्यता है कि इस दिन धातु स्वरूप मां लक्ष्मी को घर लाया जाता है. अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. इस साल अक्षय तृतीया 3 मई के दिन पड़ रही है.

क्या आप जानते है ?

भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी का जन्म अक्षय तृतीया को हुआ था इसी दिन ब्रह्मा जी के पुत्र अक्षय कुमार का भी जन्म हुआ था | इसीलिए इसको अक्षय तिथि कहते हैं महाभारत का युद्ध और द्वापर युग की समाप्ति भी अक्षय तृतीया को ही हुई थी 

50 वर्षों बाद ग्रहों का विशेष संयोग


सभी तिथियों में बैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया को विशेष तिथि माना गया है। शास्त्रों में अक्षय तृतीया को विशेष अबूझ मुहूर्त कहा गया है। इस विशेष दिन पर शुभ कार्य करने, शुभ खरीदारी करने और दान करने की विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया पर किया गया शुभ कार्य हमेशा सफल होता है। इस बार अक्षय तृतीया का त्योहार रोहिणी नक्षत्र और शोभन योग में मनाया जाएगा। इसके अलावा मंगलवार और रोहिणी नक्षत्र के संयोग से मंगल रोहिणी योग का निर्माण होने जा रहा है। वहीं इस अक्षय तृतीया पर दो प्रमुख ग्रह स्वराशि और दो ग्रह अपनी उच्च राशि में मौजूद रहेंगे। इस तरह का संयोग 50 वर्षों के बाद बनने जा रहा है।

03 मई को अक्षय तृतीया के दिन चंद्रमा अपनी उच्च राशि यानी वृषभ में मौजूद होंगे और सुख और वैभव प्रदाता ग्रह शुक्र अपनी उच्च राशि मीन में होंगे। इसके अलावा शनि देव अपनी स्वराशि कुंभ में और सदैव शुभ फल देने वाले देवगुरु बृहस्पति स्वराशि मीन में विराजमान रहेंगे। चार बड़े ग्रहों का अक्षय तृतीया के दिन अपने अनुकूल स्थिति में होने से अक्षय तृतीया का महत्व काफी बढ़ गया है। इस तरह का शुभ और मंगलकारी संयोग बनने से अक्षय तृतीया पर शुभ खरीदारी करने और माता लक्ष्मी संग भगवान विष्णु की उपासना करने से विशेष फल की प्राप्ति होगी।

अक्षय तृतीया पर धातु खरीदना होता है बेहद शुभ, राशि अनुसार खरीदेने से चमकेगी किस्मत

हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया का दिन बेहद शुभ माना जाता है. इस दिन सोना, चांदी आदि धातुएं खरीदने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन धातु स्वरूप मां लक्ष्मी को घर लाया जाता है. अक्षय तृतीया का पर्व वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है. इस साल अक्षय तृतीया 3 मई के दिन पड़ रही है.

इस अपने सामर्थ्य अनुसार सोना चांदी या अन्य आभूषण खरीदना शुभ माना गया है. इस अवसर पर अगर आप राशि के अनुसार धातु खरीदते हैं, तो ये आपकी किस्मत को चमका सकता है. आइए जानें किस राशि के जातक को कौन सी धातु खरीदनी उत्तम रहेगी.

अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु
अक्षय तृतीया पर राशि अनुसार धातु की खरीदारी बेहद शुभ खरीदेने से चमकेगी किस्मत दान से बढेगा पुण्य


अक्षय तृतीया पर राशि के अनुसार धातु की खरीदारी

मेष: मेष राशि के जातक इस दिन तांबा या सोना खरीद सकते हैं. बता दें कि इस राशि के स्वामी ग्रह मंगल के लिए शुभ धातु तांबा है.

वृष: इस राशि का स्वामी ग्रह शुक् होने के कारण इन्हें इस दिन चांदी खरीदनी चाहिए. शुक्र के लिए वैसे हीरा रत्न प्रमुख माना जाता है.

मिथुन: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मिथुन राशि के जातकों का स्वामी ग्रह बुध है. इसलिए अक्षय तृतीया के दिन इन्हें कांसे के बर्तन या आभूषण खरीदने चाहिए.

कर्क: कर्क राशि के जातक इस दिन चांदी खरीद सकते हैं. इस राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा होने के कारण चांदी शुभ फलदायी साबित होगी.

सिंह: इन राशि के स्वामी ग्र​​ह सूर्य होने के कारण तांबा या फिर सोना अक्षय तृतीया के दिन खरीदा जा सकता है.

कन्या: इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है और अक्षय तृतीया के दिन इन्हें भी कांसा खरीदना शुभ रहेगा.

तुला: अक्षय तृतीया के शुभ दिन तुला राशि के जातक चांदी की खरीदारी कर सकते हैं. इस राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है.

वृश्चिक: वृश्चिक राशि के लोगों के लिए इस दिन तांबा खरीदना उत्तम रहेगा. इनका स्वामी ग्रह मंगल हैं.

धनु: इनका स्वामी ग्रह देव गुरु बृहस्पति होने के कारण अक्षय तृतीया के दिन धनु राशि के जातकों को पीतल या फिर सोना खरीदना उत्तम रहेगा.

मकर: मकर राशि के जातक अक्षय तृतीया के दिन स्टील या फिर लोहे के बर्तन खरीद सकते हैं. बता दें कि इस राशि के स्वामी ग्रह शनि देव हैं.

कुंभ: कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव होने के कारण इन्हें भी लोहे के बर्तन खरीदने चाहिए.

मीन: मीन राशि के स्वामी ग्रह गुरु हैं. ये लोग अक्षय तृतीया के दिन पीतल की खरीददारी कर सकते हैं. अगर वे चाहें तो सोना भी खरीद सकते हैं.

दान करने से मिलता है पुण्य

शास्त्रों के अनुसार इस माह में प्याऊ लगाना,छायादार वृक्ष की रक्षा करना,पशु-पक्षियों के खान-पान की व्यवस्था करना,राहगीरों को जल पिलाना जैसे सत्कर्म मनुष्य के जीवन को समृद्धि के पथ पर ले जाते हैं। स्कंद पुराण के अनुसार इस माह में जल दान का सर्वाधिक महत्व है अर्थात अनेकों तीर्थ करने से जो फल प्राप्त होता है वह केवल वैशाख मास में जलदान करने से प्राप्त हो जाता है। इसके अलावा छाया चाहने वालों को छाता दान करना और पंखे की इच्छा रखने वालों को पंखा दान करने से ब्रह्मा, विष्णु और शिव तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जो विष्णुप्रिय वैशाख में पादुका दान करता है,वह यमदूतों का तिरस्कार करके विष्णुलोक को जाता है। इस माह में शिवलिंग पर जल चढाने या गलंतिका बंधन करने का(मटकी लटकाना) विशेष पुण्य बताया गया है।  

नीम की कोपल और सत्तू का लगाएं भोग

अक्षय तृतीया के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर गंगा या किसी भी पवित्र नदी अथवा घर में ही स्नान करने के बाद भगवान विष्णु एवं माँ लक्ष्मी की शांत चित्त होकर पूजा करने का विधान है। इस दिन लक्ष्मीनारायण की पूजा सफेद,पीले रंग के कमल या गुलाब के पुष्प से करनी चाहिए। नैवेद्ध में गेहूं,जौ,चने का सत्तू,मिश्री,नीम की  कोपल,ककड़ी और चने की भीगी दाल अर्पित की जाती है। मान्यता है कि इस दिन सत्तू अवश्य खाना चाहिए।

यह तिथि वसंत ऋतु के अंत और ग्रीष्म ऋतु के प्रारम्भ का दिन भी है इसलिए अक्षय तृतीया के दिन जलभरे से घड़े, कुल्हड़, सकोरे, पंखे, पादुका, चटाई, छाता, चावल, नमक, घी, ख़रबूज़ा, ककड़ी, मिश्री, सत्तू आदि गर्मी में लाभकारी वस्तुओं का दान महा पुण्यकारी माना गया है। लक्ष्मीनारायण के साथ-साथ ही सुख-सौभाग्य-समृद्धि हेतु इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती जी का पूजन भी किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान देने वाला प्राणी सूर्य लोक को जाता है। जो इस तिथि को उपवास करता है वह रिद्धि-वृद्धि और श्री से संपन्न हो जाता है।

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