G-B7QRPMNW6J 100 साल बाद सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या के दिन बन रहा अनोखा संयोग
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100 साल बाद सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या के दिन बन रहा अनोखा संयोग

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100 साल बाद सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या के दिन बन रहा अनोखा संयोग, इन 3 राशि के लोग भूलकर भी न करें ये गलतियां

100 साल बाद सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या के दिन बन रहा अनोखा संयोग
100 साल बाद सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या के दिन बन रहा अनोखा संयोग 


सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्या एक ही दिन पड़ना बहुत बड़ी घटना है. 30 अप्रैल को साल का पहला सूर्य ग्रहण शनिचरी अमावस्‍या के दिन लगने से 3 राशि वालों को बहुत संभलकर रहना होगा.

सूर्य ग्रहण भारत में कब लगेगा? जानें समय व इसका प्रभाव

सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 30 अप्रैल दिन शनिवार को देर रात 12 बजकर 15 मिनट से प्रारंभ होगा. तथा इसका समापन अगले दिन यानी 01 मई को सुबह 04 बजकर 07 मिनट पर होगा. वैसे भारत में यह आंशिक सूर्य ग्रहण होगा. इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.

इस साल का पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगेगा. यह सूर्य ग्रहण आंशिक सूर्य ग्रहण होगा और भारत में नहीं दिखाई देगा. इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा. हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल, शनिवार को वैशाख महीने के कृष्ण पक्ष की अमावस्या भी है. इस दिन शनिवार है. जब शनिवार के दिन अमावस्या होती है तो हिंदू धर्म शास्त्र में इसे शनिश्चरी अमावस्या कहते हैं.

शनिचरी अमावस्या का हिंदू धर्म में विशेष महत्व बताया गया है और ऐसा माना जाता है कि शनिचरी अमावस्या के दिन नदियों में स्नान करके दान करना अति लाभकारी और पुण्यदायक होता है. शनिश्चरी अमावस्या के दिन स्नान और दान पर सूर्य ग्रहण का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. 

100 साल बाद सूर्य ग्रहण पर अनोखा संयोग! जान लें बेहद काम के ये उपाय

हिंदू पंचांग के अनुसार 30 अप्रैल, शनिवार को वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या है और इसी दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण लग रहा है. शनिवार के दिन जब अमावस्‍या पड़ती है तो उसे शनिचरी अमावस्‍या कहते हैं. शनिचरी अमावस्‍या का हिंदू धर्म में बड़ा महत्‍व है. इस दिन स्नान किया जाता है. दान किया जाता है, पितरों के लिए तर्पण किया जाता है.

सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या एक ही दिन

साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण, शनिचरी अमावस्‍या के दिन लगना महत्‍वपूर्ण घटना है. हालांकि यह सूर्य ग्रहण आंशिक होगा और यह भारत में दिखाई नहीं देगा. इसके चलते इस ग्रहण का सूतक काल मान्‍य नहीं होगा. लिहाजा शनिचरी अमावस्‍या के दिन किए जाने वाले स्‍नान-दान, पूजन-तर्पण में कोई बाधा नहीं आएगी. लेकिन सूर्य ग्रहण और शनिचरी अमावस्‍या का एक ही दिन होना कुछ लोगों की जिंदगी पर बड़ा असर डालेगा. शनिवार शनि देव को समर्पित है, इसलिए इस दिन शनि की विशेष पूजा-उपासना भी की जाती है.

बहुत संभलकर रहें इन राशियों के लोग

मेष- सूर्य ग्रहण का असर मेष राशि वालों पर ठीक नहीं माना जा सकता है. लिहाजा इन लोगों को इस दिन बहुत संभलकर रहना चाहिए. बेहतर होगा कि यात्रा करने से भी बचें. ग्रहण के बाद स्‍नान-दान करें.

कर्क- कर्क राशि वालों को यह सूर्य ग्रहण मानसिक तनाव दे सकता है. बेहतर होगा कि इस दौरान ना तो कोई बड़ा फैसला लें और ना ही किसी से विवाद करें. अपनी सोच का सकारात्‍मक रखने की कोशिश करें.

वृश्चिक- वृश्चिक राशि वाले जातकों के लिए भी यह सूर्य ग्रहण ठीक नहीं है. धैर्य से यह समय निकालें. इस दौरान यात्रा न करें वरना चोट-चपेट का शिकार हो सकते हैं.

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