प्लूटो अर्थात यम का हमारी जन्म कुंडली के सभी 12 भावों में प्रभावों का वर्णन भाग -2
![]() |
प्लूटो अर्थात यम का हमारी जन्म कुंडली के सभी 12 भावों में प्रभावों का वर्णन भाग -2 |
तीसरे भाव में प्लूटो
तीसरे प्लूटो वाले व्यक्ति का दिमाग अस्थिर, बात को दिल में डालने वाला,
हर बात को स्थिर रूप को कहना,
या हर बात का भौतिक कारण से सबूत पेश करने के बाद प्रस्तुत करने
वाला खा जा सकता है। जो भी लोग और घटनायें व्यक्ति के जीवन में आती है, उनको सही रूप में बखान करना,
जो भी कारण और सामने वाले की तस्वीर होती है, उसे गाइड की तरह से बखान करना भी मुख्य माना जा सकता है।
व्यक्ति के अन्दर प्रस्तुतीकरण वाले प्रभाव के कारण वह हर आदमी की बात और काम को
समझने वाला होता है, जिस प्रकार से एक इन्जीनियर मशीन के बारे में जानने के बाद ही
उसका विवेचन करता है, उसी प्रकार से तीसरे प्लूटो वाला जातक कारण को समझ कर ही उसका
विवेचन करता है। व्यक्ति की इसी कारण से जिज्ञासा इतनी बढ जाती है कि वह हर
क्षेत्र में अपनी आदत के अनुसार जानकारी और विद्या को सीखना चाहता है, और जो भी देखता है या सीखता है,
उसे ही हूबहू बखान करने के कोशिश करता है। किसी विषय पर शोध
करना, शोध करने के बाद आंकडे बनाना, पहेलियों को सुलझाने के काम करना,
दिमाग से जुडे खेलों की तरफ़ बहुत ही आकर्षित होना, व्यक्ति की आदत होती है। जिस काम में जासूसी जैसी बाते होतीं
हैं उनको कहने और करने में अक्सर इस प्रकार के लोग अपने को माहिर बना लेते है, और खेल भी जासूसी के खेलते है। इस प्रकार का व्यक्ति कुछ न कुछ
इसलिये खोजता रहता है, कि उसके जीवन के लिये कुछ मिले,
खोजने से जीवन का मतलब मिल जाय,
और उस क्षेत्र को खोजने का भी प्रयास करता है, जिस क्षेत्र में उसकी जिन्दगी दुबारा से शुरु हो सके, या जो सोचा है उसमें कोई नया तत्व शामिल हो सके। झल्लाहट और
दिमागी रूप से भनभनाने की आदत तब और उस व्यक्ति के अन्दर पैदा हो जाती है जब जिस
बात को खोजने के बाद या खोजते समय अथवा किसी काम को करते वक्त कोई रुकावत उसके
सामने आ जाती है। उस व्यक्ति को उस समय यह सब भूल जाना चाहिये, उसे चाहिये कि वह अपने को कुच अच्छा लिखने के लिये प्रयोग करे, कुछ लिखे, जिससे लोग उसकी भाषा और काम को समझ सकें, इस काम को करते ही उसके दिमाग की टेन्सन या झल्लाहट कम हो
जायेगी.और जो लिखा जायेगा, वह उस व्यक्ति के विचारों को गन्दगी से निकालकर साफ़ करने के
काम आयेगा, और जब कोई कुछ लिखने की कोशिश करता है, तो उस लिखने में कुछ न कुछ नये विचार जरूर सामने आते है, और एक बार अगर पहले से चलने वाले विचार और नजरिया अगर किसी
प्रकार से बदल गया, या किसी कारण से छुप गया तो आप उसको हमेशा के लिये खत्म कर
देंगे, जैसे उस विचार और कारण को हमेशा के लिये दे
दिया गया है, जैसे एक कम्प्यूटर में कोई फ़ाइल छुप जाती
है, और खोजने के बाद नहीं मिलती है, तो झल्लाहट के कारण व्यक्ति उसे डिलेट करने के बाद दूसरा
प्रोग्राम या फ़ाइल बनाने की बात करता है।
चौथे भाव का प्लूटो
इस भाव का प्लूटो अपने को सबके सामने
दिखाने के अन्दर एक नम्बर का काम करता है, अपनी छवि को या तस्वीर को बहुत ही उम्दा तरीके से पेश करता है, व्यक्ति के अन्दर अन्तर ज्ञान की बहुत अधिक मात्रा होती है, और वह अपने अन्तर्ग्यान के द्वारा प्रत्येक वस्तु को जानने की
हिम्मत रखता है, और इस प्रकार का व्यक्ति हमेशा घरेलू
वातावर्ण में निवास करना पसंद करता है, उस व्यक्ति के पास जो शक्ति होती है, उस अन्तर्ग्यान वाली शक्ति के कारण उसे अपने आसपास वाले लोगों
से काफ़ी लडाई करनी पडती है, जैसे उस व्यक्ति की इच्छा अपने घर में पतलून पहिनने की होती है, और उस घर में धोती पहिनी जाती है,
तो उसकी वह इच्छा उसके लिये अपने ही घर में परेशानी का कारण बन
जाती है। जैसे गांव के पुराने विचार के लोगों के घरों में जो पुत्रवधुयें आती है, और वे साडी या ग्रामीण परिवेश का पहिनावा छोडकर जीन्स और पेन्ट
पहिनने लगती हैं, तो वह जीन्स और पेन्ट उनके लिये परेशानी का
कारण बन कर अन्तर्ग्यान होते हुए भी समाज से दुत्कार की भावना उनके लिये प्रस्तुत
कर देती है। व्यक्ति के माता पिता या उसके सास ससुर का दखल या तो उसके लिये बहुत
बढिया रहता है, या फ़िर उसकी शारीरिक या मानसिक बीमारी का
कारण बन जाता है। इस भाव के प्लूटो का मिलान बिजली के तेल भरे ट्रांसफ़ारमर से
किया जा सकता है, अगर समय और मौसम के हिसाब से उसमे तेल भरा
हुआ है और जितनी बिजली आ रही और उससे कम मात्रा में उसका प्रयोग किया गया है, तो वह तेल गर्म नहीं होगा, और अगर किसी प्रकार से उस तेल में कोई मिलावट कर दी गयी, या फ़िर जो सप्लाई है उसे कम करके प्रयोग को बढा दिया गया तो वह
ट्रांसफ़ारमर गर्म होकर या तो तेल को उबाल कर बाहर कर देगा और गर्म होकर खत्म हो
जायेगा, या फ़िर धीरे धीरे अपने को टीबी की बीमारी
की तरह से खत्म कर लेगा। पैदा करने वाले माता पिता भी इस कारण को पैदा कर सकते है, और जीवन साथी के माता पिता भी इस प्रकार का व्यवहार कर सकते है, पैदा करने वाले माता पिता तो ट्रांसफ़ारमर में आने वाली बिजली
की सप्लाई की तरह से होते है, और ससुराल वाले माता पिता ट्रांसफ़ारमर से ली जाने वाली सप्लाई
की तरह से होते हैं। इस घर के प्लूटो वाले जातक हमेशा अपने जन्म स्थान पर लगातार
काम करते है, चाहे वह पढाई के रूप में हो या फ़िर बचपन
से ही जिम्मेदारियों के काम सिर पर डालदिये जावें.खुद का बनाया हुआ माहौल और अपनी
प्रकार का क्षेत्र ही दुबारा से संभलने और पनपने का क्षेत्र हो सकता है।
पांचवें भाव में प्लूटो
पांचवें भाव के प्लूटो के द्वारा जातक के
अन्दर बिना काम आने वाली आदतें और योग्यतायें होती है, महान कार्यक्षमता और अपने खुद के द्वारा बखानने की आदत अधिक तर
इस प्रकार के जातकों में पायी जाती है, बच्चे एक मशीन की भांति बन जाते है, जिस प्रकार से व्यक्ति अपने बच्चे को एक बटन की भांति बना लेता
है, उसके कहते ही काम होना चाहिये, उसे बच्चे की मानसिकता से कोई लेना देना नहीं होता है, वह तो केवल उसे प्रयोग करना जानता है। मशीनी विचार रखने वाला
जातक अपने बच्चों को नहीं समझ पाता है, और बच्चे जातक को नहीं समझ पाते हैं, उसकी नजर में वही पढाई काम की होती है, जो साक्षात रूप से अपना प्रभाव दिखा सके, लेकिन उसके लिये उन बातों का कोई महत्व नहीं होता है, जो कि खुद उन बातों से घिरा होता है, जो किसी ने उसके प्रति बनाई होती है, जैसे जातक की माता का विचार होता है, वह भी अपने परिवार को मशीन की भांति ही समझती है, और वह भी कीमत को अपने परिवार के प्यार के अलावा भौतिक धन के
द्वारा नापने में अपनी होशियारी समझती है। इस भाव के प्लूटो वाले जातक संभोग को
अधिक प्रयोग करने के चक्कर में कितने ही कृत्रिम उपायों का प्रयोग करते है, वे अपनी काम शक्ति को बढाने के लिये विभिन्न तरीकों का प्रयोग
करते है, जिनके अन्दर कामोत्तेजक द्रश्य, कामोत्तेजक आवाजें, अश्लील फ़िल्में, अश्लील गाने, आधि मुख्य होते हैं, आगे चल कर यही आदतें उनके शरीर को रोगों से लडने में असमर्थ कर
देती है, और जातक एक मशीन के अन्दर ही अपनी जीवन
लीला को समाप्त कर लेता है।
0 टिप्पणियाँ