हर साल फाल्गुन महीने की पूर्णिमा पर होली जलती है और अगले
दिन रंग लगाकर त्योहार मनाते हैं, लेकिन इस बार पूर्णिमा
तिथि दो दिन तक रहेगी। इसलिए कन्फ्यूजन हुआ है। साथ ही अशुभ भद्रा काल भी रहेगा। इसी
कारण किसी पंचांग में होलिका दहन 6 तो किसी में 7 मार्च को बताया|
पूर्णिमा और भद्रा कब से कब तक रहेगी:-
पूर्णिमा 6 मार्च की शाम तकरीबन साढ़े 4 बजे शुरू होंगी और
7 की शाम लगभग 6:10 तक रहेगी। साथ ही भद्रा 6 मार्च की शाम करीब 4:18 से 7 मार्च की
सुबह सूर्योदय तक रहेगी। इसमें भद्रा का पुच्छ काल 6 और 7 मार्च की दरमियानी रात
12.40 से 2 बजे तक रहेगा।
इस साल होलिका दहन 6 और 7 मार्च की दरमियानी रात में होगाऐसा
इसलिए क्योंकि पूर्णिमा तिथि इन दोनों दिन रहेगी। बनारस के काशी विश्वनाथ और उज्जैन
के महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिरों में 6-7 मार्च की दरमियानी रात 12.40 से सुबह
5.56 के बीच होलिका दहन होगा। मथुरा-वृंदावन में 7 मार्च की शाम होली दहन होगा, लेकिन धुरेंडी यानी
रंग खेलने का दिन पूरे देश में 8 मार्च ही होगा। मतलब देश के ज्यादातर राज्यों में
होली दहन के 24 घंटे बाद ही रंग खेला जाएगा।
0 टिप्पणियाँ