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मोनी माघी अमावस्या 1 फरवरी 2022 Knowledge of the date |
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मोनी माघी अमावस्या 1 फरवरी 2022
मौनी और माधी अमावस्या अबकी बार 1 फरवरी दिन मंगलवार को लग रही है। इसके साथ ही मौनी अमाव्साय के साथ अबकी बार महोदय नामक दुर्लभ योग भी रहेगा। मंगलवार को अमावस्या होने से इसे भौमावती अमावस्या कहा जाएगा। लेकिन भौमवती अमावस्या इस दिन पूरे दिन नहीं रहेगी। तिथियों का ऐसा संयोग बन गया है कि सोमवार को ही अमावस्या लग जा रही है। यही वजह है कि अबकी बार माघ मास में सोमवती और भौमवती अमावस्या का अनोखा संयोग बना है।
इस दिन भूल कर भी ना करें ये काम
मौनी अमावस्या के दिन चंद्रमा के काले साये में नकारात्मक शक्तियां जल्दी जागृत हो जाती हैं, जो इंसान के लिए नुकसानदेय हो सकती हैं। इसलिए इस रात को भूलकर भी सुनसान जगह जैसे श्मशान घाट, कब्रिस्तान या किसी सुनसान जगह के आसपास भी नहीं जाना चाहिए। इस दिन लोग टोने-टोटके भी करते हैं। इसलिए जहां तक हो सके, ऐसी जगहों पर जाने से बचें।
कुछ टोटके जिनसे हो सकता है लाभ
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, मौनी अमावस्या के दिन स्नान, दान, जप और तप करने से सभी दु:ख-तकलीफें दूर हो जाती हैं। क्योंकि यह माघ मास का पवित्र दिन है। माघ मास पर सभी देवी-देवताओं की कृपा रहती है और अपने भक्तों की हर समस्या का समाधान करते हैं। तंत्रशास्त्र में मौनी अमावस्या के दिन कुछ टोटके बताए गए हैं। इन टोटकों के करने से ना केवल धन संबंधित समस्याएं खत्म होती हैं बल्कि जीवन में प्रगति की एक नई दिशा मिलती है। ये टोटके बहुत सरल हैं और इनसे किसी को कोई परेशानी भी नहीं होती, हालांकि कुछ जरूरी चीजों का ध्यान रखना होता है। तंत्रशास्त्र के ये टोटके आपकी सभी समस्या से मुक्ति दिला सकते हैं।
तंत्रशास्त्र के अनुसार, मौनी अमावस्या की रात 5 लाल फूल और 5 ही दीये को बहती नदी में अपनी मनोकामना बताते हुए प्रवाहित कर दें। ध्यान रहे कि ऐसा करते समय कोई आपको देखे ना। इसके अलावा रात के समय रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को रोटी खिला दें। इस टोटके से धन लाभ के योग बनना शुरू हो जाते हैं और करियर में आने वाली बाधा दूर हो जाती हैं।
मौनी अमावस्या तिथि की शुरुआत
पंचांग गणना के अनुसार, सोमवार 31 जनवरी को अमावस्या तिथि की शुरुआत दोपहर में 02 बजकर 19 मिनट पर हो जाएगी। अमावस्या तिथि को लेकर ऐसा माना गया है कि अगर सोमवार को सूर्यास्त से पहले कुछ पल के लिए ही अगर अमावस्या की तिथि लग जा रही है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन अच्छी बात यह है कि यह तिथि दोपहर के समय लग रही है, जिससे पितरों के कार्य भी किए जा सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जिस दिन दोपहर के समय अमावस्या तिथि लग रही हो, उस दिन पितृ पूजन और पितरों के नाम का तर्पण किया जाना चाहिए। जिस दिन सुबह में अमावस्या तिथि लग रही हो उस दिन अमावस्या में देव कार्य यानी देव पूजन का कार्य करना उचित होता है।
अमावस्या 1 फरवरी दिन मंगलवार को सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। मंगलवार को अमावस्या तिथि सुबह से ही है इसलिए इस दिन अमावस्या पूरे दिन रहेगी। इस दिन महोदय नामक शुभ योग भी बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इसके साथ ही मंगलवार की रात को पंचक भी लग रहा है। अमावस्या पर किए जाने वाला स्नान आदि की प्रक्रिया 1 फरवरी को किया जाएगा। मंगलवार को पड़ने के कारण इसे भौमवती अमावस्या कहा जाएगा। इस दिन व्रत, पूजा-पाठ और दान करना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। साथ ही मंगलवार को हनुमानजी की पूजा करने से कुंडली में मंगल ग्रह मजबूत होता है, ऐसा शास्त्रों में बताया गया है।
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