G-B7QRPMNW6J दुनिया के १०% लोग ही Lefty ही क्यों लिखते हैं? Scientific Reason
You may get the most recent information and updates about Numerology, Vastu Shastra, Astrology, and the Dharmik Puja on this website. **** ' सृजन और प्रलय ' दोनों ही शिक्षक की गोद में खेलते है' - चाणक्य - 9837376839

दुनिया के १०% लोग ही Lefty ही क्यों लिखते हैं? Scientific Reason

AboutAstrologer

दुनिया के १०% लोग ही Lefty ही क्यों लिखते हैं? Scientific Reason

दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American
दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American https://jyotishwithakshayji.blogspot.com/2022/03/90-scientific-american.html

इसके पीछे 2 कारण हैं, एक तो है हमारा दिमाग और दूसरा है हमारा DNA. आइए विस्तार से जानते हैं

अधिकतर लोग जब अपने दैनिक कामों को करते हैं तो दाहिने हाथ (Right Hand) का इस्तेमाल करते हैं. हालांकि यह एक ह्यूमन नेचर है जिसके बारे में लोग ज्यादा नहीं जानते हैं. आपको बता दें कि इसके पीछे एक साधारण सा विज्ञान मौजूद है. एक आंकड़े के मुताबिक दुनिया के 90% लोग लिखते समय सीधे हाथ का इस्तेमाल करते हैं. इसके पीछे 2 कारण हैं, एक तो है हमारा दिमाग और दूसरा है हमारा DNA. आइए विस्तार से जानते हैं.

यह मामूली बात तो जानते ही होंगे आप

यह तो लगभग हर किसी ने किताबों में पढ़ा ही होगा कि हमारे दिमाग का Left भाग हमारे शारीर के Right हिस्से और अंगो को कंट्रोल करता है और हमारे दिमाग का Right भाग हमारे शारीर के Left हिस्से और अंगो को कंट्रोल करता है. आसान शब्दों में समझें तो जब भी हम किसी भी नई भाषा को बोलना या फिर लिखना सीखते हैं तो उस स्थिति में हमारे दिमाग का left वाला भाग का काफी ज्यादा इस्तेमाल होता है.

ज्यादातर लोगों के सीधे हाथ से लिखने का कारण

दरअसल हमारे दिमाग की सबसे पहली प्राथमिकता है कम से कम ऊर्जा खर्च करके ज्यादा से ज्यादा काम करना. ज्यादातर लोगों के दिमाग में ऊर्जा प्रबंधन यानी energy management की कला होती है. Left hand से लिखने की स्थिति में अगर हमारा दिमाग सभी भाषा के डाटा को प्रोसेस करके right हिस्से वाले दिमाग में ट्रान्सफर करता है और फिर right side वाला दिमाग उन सिग्नल्स को समझ कर हमारे left hand को लिखने का आदेश देता है तो इस पूरी ही प्रक्रिया में अतिरिक्त उर्जा और समय लगता है. इसी अतिरिक्त उर्जा और समय को बचाने के लिए ज्यादातर स्थिति में हमारा दिमाग परोक्ष रूप से (indirectly) हमें मजबूर करता है कि हम सीधे हाथ से ही लिखें.

कुछ लोगो के बाएं हाथ से लिखने के कारण

Scientific American की एक रिपोर्ट के मुताबिक बाकी बचे लगभग 10% लोग लिखते समय बाएं हाथ यानी left hand का इस्तेमाल क्यों करते हैं. दरअसल बचपन में बहुत से लोगों के दिमाग में energy management के पैटर्न विकसित नहीं होते हैं. इस वजह से उनका दिमाग कभी भी उन्हें Indirectly मजबूर नहीं करता कि वो right hand से लिखें. इस तरह के लोग अधिकतर कामों को Left Hand से ही करते हैं, या फिर किसी भी हाथ से कुछ भी करने में सक्षम होते हैं. उन्हें किसी एक हाथ के इस्तेमाल की बाध्यता नहीं होती है.

Left handed या Right handed होने में DNA का योगदान

साल 2012 में USA में की गई एक रिसर्च के अनुसार ये बात पूरी तरह से साफ हो चुकी है कि अगर किसी बच्चे के माता-पिता दोनों ही अगर right handed होते हैं तो उस बच्चे के left handed होने की संभावना मात्र 9% ही होती है और यदि माता पिता में से कोई एक left handed और दूसरा right handed होता है तो संभावना बढ़ कर 19% हो जाती है. इसके अलावा यदि माता-पिता दोनों ही left handed हों तो बच्चे के left handed होने की संभावना 26% हो जाती है.

अगर आप भी बाएं हाथ से लिखते हैं तो बचपन से ही आपको बहुत से भेदभाव का सामना करना पड़ा होगा. टीचर, पेरेंट्स हर कोई आपके बाएं हाथ से लिखने या खाना खाने की आदत को छुड़वाकर आपको दाएं हाथ से खाने और लिखने के लिए प्रेरित करता होगा. वहीं आपको ऐसा ना कर पाने के चलते डांट और कभी कभी तो मार भी खानी पड़ी होगी. दरअसल सिर्फ भारत ही नहीं, पूरी दुनिया में बाएं हाथ से लिखने वाले लोगों को अपशगुनी माना जाता था. प्राचीन काल में तो ऐसा भी माना जाता था कि ऐसे लोगों पर पिशाच और चुड़ैलों का साया है! हालांकि विज्ञान ने इस अंधविश्वास का खंडन किया और इसे दिमाग के काम करने के तरीके से जोड़ा.

एक हालिया रिसर्च बताती है कि बाएं हाथ से लिखने और दिमाग के काम करने के तरीके में कोई संबंध नहीं है. हम दाएं हाथ से लिखेंगे या बाएं, यह हमारे जन्म से पहले ही तय हो जाता है. 2017 में हुई एक रिसर्च के अनुसार हम किस हाथ का बहुतायत में प्रयोग करते हैं, ये हमारी 'स्पाइनल कॉर्ड' पर निर्भर करता है.

तो अब तक हम झूठ को सच मानते थे!

1980 के दशक में हुई बहुत सी रिसर्चों में कहा गया कि हमारे दिमाग का दायां हिस्सा शरीर के बाएं हिस्से को नियंत्रित करता है और बायां हिस्सा शरीर के दाएं हिस्से को. इसमें आज भी कोई दोराय नहीं है, लेकिन पुरानी थ्योरी के अनुसार हमारे दिमाग का जो हिस्सा अधिक मजबूत होता है, उसके द्वारा नियंत्रित किए गए हाथ का प्रयोग हम अपनी दिनचर्या में ज्यादा करते हैं. उस हिसाब से दाएं हाथ से लिखने वाले लोगों के दिमाग का बायां हिस्सा अधिक मजबूत है और बाएं हाथ से लिखने वालों के दिमाग का दायां.

यह थ्योरी अब पूरी तरह से नकार दी गई है. हमारे तंत्रिका तंत्र में मस्तिष्क के साथ ही एक और बहुत जरूरी और मुख्य अंग होता है जो हमारे शरीर के बहुत से मूवमेंट नियंत्रित रखता है. ये है 'मेरुदंड' या 'स्पाइनल कॉर्ड' जो मस्तिष्क की पूंछ से शुरू होकर हमारी रीढ़ की हड्डी के अन्दर से गुजरता है और कूल्हों तक जाता है. 2017 में हुई एक रीसर्च के मुताबिक हमारा मेरुदंड निर्धारित करता है कि हम किस हाथ से लिखेंगे.

दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American
दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American 

भ्रूण में हुई जांच से सामने आया सच:

जन्म से पहले भ्रूण में ही बच्चे के लेफ्टी या राइटी होने का अनुमान लगाया जा सकता है. वैज्ञानिकों ने 13 हफ्ते के कुछ भ्रूणों का निरीक्षण किया. इसमें सिद्ध हुआ कि बच्चे 8 से लकर 13 हफ्ते में ही अपना दायां या बायां अंगूठा चूसने लगते हैं. जन्म के बाद ये उसी हाथ का अधिक प्रयोग करते हैं जो अंगूठा उन्होंने 13 हफ्ते की भ्रूणावस्था में चूसना शुरू किया था.

दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American
दुनिया के 90% लोग सीधे हाथ से ही क्यों लिखते हैं? Scientific American 

हमारा मस्तिष्क का वो हिस्सा जो हमारे चलने-फिरने और हाथों के प्रयोग को निर्धारित करता है उसे 'मोटर कोर्टेक्स' कहते हैं. यह हिस्सा भ्रूण में 15 हफ्ते के बाद बढ़ना शुरू होता है. इस आधार पर मस्तिष्क नहीं, बल्कि आपकी स्पाइनल कॉर्ड आपके लेफ्टी या राइटी होना निर्धारित करती है.

क्या बाएं हाथ से लिखने वाले अधिक सफल होते हैं:

दुनिया की कुल आबादी में 10 प्रतिशत लोग लेफ्टी होते हैं. यही कारण है कि पुराने जमाने में उन्हें अपशगुनी माना जाता था. चूंकि इन लोगों में दुनिया की 90% आबादी से हटके कुछ होता है, इसी आधार पर अब माना जाता है कि बाएं हाथ से लिखने वाले अधिक सफल होते हैं. लेकिन यह भी एक अंधविश्वास है.

कौन कौन हैं सफल लेफ्टी:

दुनियाभर में ऐसे कई सफ़ल लोग हैं जो लेफ्टी हैं जिनमें अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा शामिल हैं. अमिताभ बच्चन, रॉबर्ट डे नीरो, लक्ष्मी मित्तल और सचिन तेंदुलकर भी लिखने के लिए बाएं हाथ का प्रयोग करते हैं.

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...