15 अप्रैल से शुरू होंगे विवाह के शुभ मुहूर्त, जुलाई तक लग्न के 56 दिन, देखें पूरी सूची
विवाह के शुभ मुहूर्त 15 अप्रैल से शुरू होंगे जुलाई तक लग्न के 56 दिन |
लग्न के अधिक दिन होने से इस बार शादी का बाजार सज रहा है। खरीदारी के चलते बाजारों में रौनक है।
विवाह के शुभ मुहूर्त 15 अप्रैल से शुरू होंगे जुलाई तक लग्न के 56 दिन
बीते दो वर्षों से कोरोना महामारी के चलते विवाह समारोहों के आयोजन पर बहुत असर पड़ा है। लेकिन इस बार हालात काबू में हैं इसलिए शादी के आयोजन पूरी क्षमता के साथ हो सकेंगे। लग्न को देखते हुए इन दिनों सभी शहर और ग्रामीण इलाके के मंडियों में भी ग्राहकी की रौनक बढ़ गई है। इसी महीने 15 अप्रैल से शादी के मुहूर्त आरंभ हो रहे हैं। यह दौर 56 दिन चलेगा। यानी अप्रैल से जुलाई महीने के बीच 107 दिन होते हैं और इसके बीच 56 दिन ऐसे हैं जब लग्न के शुभ मुहूर्त होंगे। लग्न के अधिक दिन होने से इस बार शादी का बाजार सज रहा है। खरीदारी के चलते बाजारों में रौनक है। वैवाहिक बंधन में बंधने वाले जोड़े के लिए हर तरह की शेरवानी एवं कढ़ाईदार रंगीन लहंगों के अलावा कई डिजाइनों में ज्वेलरी की भी दुकानें सज चुकी हैं।
हलवाई, वाहन, पंडाल सहित अन्य की बुकिंग जोरों पर
इस साल लग्न में तेजी होने के कारण हलवाई, वाहन, पंडाल सहित अन्य सभी अहम सेवाओं की बुकिंग पहले से ही पूरी की जा चुकी है। जून व जुलाई माह की बुकिंग को लेकर अब आयोजक सक्रिय हो गए हैं। हाल ये है कि लोग निर्धारित रेट से भी अधिक दाम देने को तैयार हैं लेकिन इसके बावजूद बुकिंग नहीं मिल पा रही है। कई वर पक्ष के लोग बैंड-बाजा, वाहन, हलवाई की बुकिंग के लिए अब अन्य शहरों का रूख करने लगे हैं।
22 फरवरी से 24 मार्च के बीच देव गुरु बृहस्पति अस्त रहेंगे. देव गुरु बृहस्पति के अस्त होने को सामान्य बोलचाल की भाषा में तारा लगना कहते हैं. तारा लगने पर शादी विवाह (marriage dates in 2022) जैसे कार्य वर्जित रहते हैं. इस बीच होलाष्टक (Holashtak 2022) लग जाएंगे और उसके बाद सूर्य के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे. अगला विवाह मुहूर्त (vivah muhurat 2022) 15 अप्रैल बाद ही शुरू होगा.
22 फरवरी को देव गुरु बृहस्पति अस्त हो जाएंगे. इस बार शादियों (marriage muhurat in 2022) के लिए मई और जून में सबसे ज्यादा मुहूर्त होंगे. 2022 में अक्षय तृतीया और देवउठनी अबूझ मुहूर्त को मिलाकर शादियों के लिए कुल 52 दिन शुभ रहेंगे. इसके बाद करीब डेढ़ माह के लिए विवाह और गृहप्रवेश, मुंडन, नामकरण सहित अन्य मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाएगा क्योंकि 22 फरवरी से गुरु अस्त हो जाएंगे. देवगुरु बृहस्पति को शादी समेत किसी भी मांगलिक कार्य का कारक माना जाता है. इन कार्यों को संपन्न कराने के लिए बृहस्पति का उदय होना बहुत जरूरी है.
वैदिक ज्योतिष में गुरु को शुभ फलदायी ग्रह माना गया है. जन्म कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति शुभ होने पर व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता हासिल होती है. गुरु की कमजोर स्थिति से जातक को मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. गुरु धनु व मीन राशि के स्वामी ग्रह हैं. यह कर्क राशि में उच्च व शनिदेव की राशि मकर में नीच के माने जाते हैं. प्रत्येक गुरुवार शिवजी को बेसन के लड्डू चढ़ाने चाहिए. गुरुवार को व्रत करें. इस दिन पीली वस्तुओं का दान अपने सार्म्थ्यनुसार करें. गुरुवार के दिन विष्णु भगवान को घी का दीपक लगाएं. शास्त्रों के मुताबिक विवाह में गुरु ग्रह को उदय होना आवश्यक माना जाता है. हमारे षोडश संस्कारों में विवाह का बहुत महत्त्व है. विवाह का दिन व लग्न निश्चित करते समय वर एवं वधु की जन्म पत्रिका अनुसार सूर्य, चंद्र व गुरु की गोचर स्थिति का ध्यान रखना अति आवश्यक होता है. जिसे त्रिबल शुद्धि कहा जाता है.
24 मार्च तक अस्त रहेंगे बृहस्पति
देवगुरु बृहस्पति 22 फरवरी से 24 मार्च के बीच अस्त रहेंगे. इस एक माह में कोई शुभ कार्य नहीं होगा. होलाष्टक लग जाएंगे और उसके बाद सूर्य के मीन मलमास शुरू हो जाएंगे. इस तरह 15 अप्रैल तक सभी शुभ कार्यों पर रोक रहेगी. सिर्फ 4 मार्च को फुलेरा दूज होने की वजह से आप उस दिन कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं. फुलेरा दूज (Phulera Dooj 2022) को अबूझ मुहूर्त माना जाता है. इस दिन आप कोई भी मांगलिक कार्य बगैर किसी ज्योतिष से परामर्श लिए भी कर सकते हैं.
गुरु अस्त होने से मार्च में मुहूर्त नहीं
22 फरवरी को गुरु अस्त हो जाने के बाद 17 अप्रैल से शादियों का सीजन शुरू होगा, जो कि 8 जुलाई तक रहेगा. फिर 10 जुलाई को देवशयन होने से चातुर्मास शुरू हो जाएगा और 20 नवंबर तक शादियों के लिए मुहूर्त (marriage muhurat in 2022 hindu calendar) नहीं रहेंगे. इसके बाद 21 नवंबर से 14 दिसंबर तक सिर्फ 9 ही विवाह मुहूर्त होंगे.
शुक्र - गुरु ग्रह के अस्त होने पर विवाह नहीं होते
विवाह मुहूर्त की गणना करते समय शुक्र तारा और गुरु तारा पर विचार किया जाता है। बृहस्पति और शुक्र के अस्त होने पर विवाह और अन्य मांगलिक कार्यक्रम नहीं किए जाते है। इसलिए, इस दौरान कोई विवाह समारोह नहीं किया जाना चाहिए.
सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई-जून में
इस साल अप्रैल में 6 दिन शादियों हो पाएंगी. वहीं, सबसे ज्यादा विवाह मुहूर्त मई में 15 और जून में 12 दिन रहेंगे. इसके बाद जुलाई में 5 दिन और नवंबर में 4 दिन और दिसंबर में 7 विवाह मुहूर्त रहेंगे.
गुरु मंगल के अस्त होने से मौसम में भी होगा बदलाव
22 फरवरी को गुरु और मंगल पश्चिम दिशा में अस्त हो रहे हैं. इनके अस्त होने से इसका प्रभाव मौसम पर भी पड़ेगा. इस दौरान बारिश ओलावृष्टि के योग बनेंगे. इसी प्रकार गुरु अस्त होने के दो दिन पहले से ही विवाह आदि के मुहूर्त बंद हो जाएंगे. मार्च में मीन संक्रांति के कारण विवाह नहीं होंगे. विवाह कार्यों के लिए गुरु बल और शुक्र बल का होना जरूरी है. इसके बाद ही विवाह के योग बनते हैं. गुरु जहां दाम्पत्य जीवन में सुख देता है. वहीं, शुक्र सुख समृद्धि प्रदान करता है. इसलिए इन दोनों में से अगर एक भी ग्रह अस्त होता है तो इस स्थिति में विवाह के योग नहीं बनते हैं.
शुभ विवाह मुहूर्त 2022
अप्रैल-15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 22, 23, 27
मई- 2, 3, 4, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 18, 19, 20, 21, 24, 25, 26, 31
जून- 1, 5, 6, ,7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 16, 17, 21, 22, 23
जुलाई- 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10
नवंबर 25, 26, 28 और 29 नवंबर
दिसंबर 01, 02, 04, 07, 08, 09 और 14 दिसंबर
0 टिप्पणियाँ