G-B7QRPMNW6J साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर बनेगे 3 शुभ योग का महत्व शुभ मुहूर्त
You may get the most recent information and updates about Numerology, Vastu Shastra, Astrology, and the Dharmik Puja on this website. **** ' सृजन और प्रलय ' दोनों ही शिक्षक की गोद में खेलते है' - चाणक्य - 9837376839

साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर बनेगे 3 शुभ योग का महत्व शुभ मुहूर्त

AboutAstrologer

साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर बनेगे 3 शुभ योग का महत्व शुभ मुहूर्त

साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा
साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर बनेगे 3 शुभ योग का महत्व शुभ मुहूर्त


इसके अलावा, इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. इन तीनों शुभ योग मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बहुत खास बना रहे हैं.

साल की अंतिम मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा पर बनेगे 3 शुभ योग का महत्व शुभ मुहूर्त

पूर्णिमा का विशेष महत्व:- 

सनातन धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व बताया गया है. मार्गशीर्ष यानी अगहन माह भगवान श्री कृष्ण को बहुत प्रिय है, इसलिए मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान श्री कृष्ण, भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा बहुत खास मानी जाती है. इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान-धर्म के कार्य बहुत उत्तम माने जाते हैं. मार्गशीर्ष पूर्णिमा इसलिए भी खास है, क्योंकि ये साल की अंतिम पूर्णिमा है. इस साल बार मार्गशीर्ष पूर्णिमा 19 दिसंबर दिन सोमवार को पड़ रही है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का समय:-

इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा 7 दिसंबर को सुबह 08 बजकर 02 मिनट से लेकर अगले दिन 08 दिसंबर को सुबह 09 बजकर 36 मिनट तक रहेगी. लेकिन मार्गशीर्ष पूर्णिमा का व्रत 7 दिसंबर को रखा जाएगा.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर चन्द्रमा की उपासना:-

पूर्णिमा तिथि पर चन्द्रमा पृथ्वी और जल तत्व को पूर्ण रूप से प्रभावित करता है. इस दिन को दैवीयता का दिन माना जाता है. इसे महीनों में सबसे पवित्र माह का अंतिम दिन कहा जाता है. इस दिन ध्यान, दान और स्नान करना विशेष लाभकारी होता है. इस दिन श्री हरि या शिव की पूजा अवश्य करनी चाहिए. इस दिन चन्द्रमा को अमृत से सिंचित किया गया था, इसलिए इस दिन चन्द्रमा की उपासना भी करनी चाहिए.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर तीनों शुभ योग:-

इस साल मार्गशीर्ष पूर्णिमा बेहद खास रहने वाली है. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर सिद्ध योग के साथ पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहने वाला है. इसके अलावा, इस दिन रवि योग का भी निर्माण हो रहा है. इन तीनों शुभ योग मार्गशीर्ष पूर्णिमा को बहुत खास बना रहे हैं. इन शुभ योगों में पूर्णिमा पर दान-धर्म के कार्य करने का फल कई गुना मिल सकता है.

मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर पूजा:-

काल स्नान के पूर्व संकल्प लें और जल में तुलसी के पत्ते डालें. पहले जल को सिर पर लगाकर प्रणाम करें फिर स्नान करना आरम्भ करें. स्नान करने के बाद सूर्य को अर्घ्य दें. साफ वस्त्र या सफेद वस्त्र धारण करें, फिर मंत्र जाप करें. मंत्र जाप के पश्चात सफेद वस्तुओं और जल का दान करें. रात्रि में चन्द्रमा को अर्घ्य जरूर दें. चाहें तो इस दिन जल और फल ग्रहण करके उपवास रख सकते हैं.

Download

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ

Do you have any doubts? chat with us on WhatsApp
Hello, How can I help you? ...
Click me to start the chat...