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jaane kaun hai phalon ka raaja aur kyon |
भारत का राष्ट्रीय फल और फलों का राजा आम:-
क्या आप जानते हैं कि आम केवल खाने के काम नहीं आता बल्कि यह फल ज्योतिष और धार्मिक दृष्टि से भी बहुत उपयोगी है। आम का संबंध सूर्य और मंगल ग्रह से होता है| जिसमे सूर्य ग्रहों के राजा है , और यह राहु और केतु के बुरे प्रभाव को भी दूर करता है। हमारे धर्म शास्त्रों में भी पेड़ और पौधों के माध्यम से बुरी शक्तियों से मुक्ति पाने के बारे में बताया गया है। यहां तक पेड़ की पूजा करने से पितृ दोष जैसे बड़े-बड़े दोष भी दूर हो जाते हैं। अतः इस कारण इसको फलो का राजा कहते है |
फलों के राजा से 14 पीढ़ियों का उद्धार:-
ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति आम के 5 पौधों का रोपण करता है, उसकी अगली 14 पीढ़ियों को इसका लाभ मिलता है और सभी के पाप धुल जाते हैं। हालांकि वास्तु में यह बताया गया है कि कभी भी घर के आंगन में आम का पेड़ नहीं लगाना चाहिए। इस पेड़ के होने से घर के सदस्य अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाते और कई बार उनके बीच कलह तक हो जाती है।
आम के इन भागों का प्रयोग करने से प्राप्त होगी विजय:-
अगर आप किसी जरूरी कार्य से बाहर जा रहे हैं तो आम के पत्ते को कलावे के साथ वस्त्रों के अंदर अपनी बांह पर बांध लें। ऐसा करने से आपकी कभी हार नहीं होगी और आपके कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण होंगे। इसके अलावा आप आम के पेड़ की जड़ को सदैव जेब में रखें तो बाहर जाने पर सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से दूर रहेंगे।
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आम के पेड़ से करें ये उपाय:-
अगर आपका चंद्रमा शनि और राहु से प्रभावित है तो आप काले तिल के दाने लें और एक चम्मच दूध लेकर आम के पेड़ की जड़ में डालें। इस उपाय को हर शनिवार को 11 शनिवार पूर्ण होने तक करें। आपकी ग्रहदशा सुधरेगी और आपको फिर से सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होने लगेगी।
वास्तुशास्त्र में आम को प्रयोग करने का नियम:-
वास्तुशास्त्र में बताया गया है कि कभी भी घर की चौखट को बनवाने में आम की लकड़ी का प्रयोग नहीं करना चाहिए। दरअसल आम को दैवीय और चमत्कारिक वृक्ष माना जाता है। इसलिए चौखट पर चूंकि पांव भी पड़ते हैं, इसलिए चौखट को बनवाने में आम की लकड़ी के स्थान पर शीशम की लकड़ी का प्रयोग कर सकते हैं। आम की लकड़ी से फर्नीचर नहीं बनाने की सलाह दी जाती है।
सफलता पाने हेतु करे ये उपाय :-
अगर आप मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं और उसके बावजूद भी आपको सफलता नहीं मिल रही है तो रोज नहाने के पानी में आम का पत्ता, एक पीपल का पत्ता, दूर्वा के 11 टुकड़े, तुलसी का एक पत्ता और एक बिल्व पत्र डालकर स्नान करें। स्नान करते वक्त महामृत्युंजय मंत्र का जप करते रहें। तो आपको सभी प्रकार की ग्रह पीड़ा से मुक्ति मिलेगी और आपको आपकी मेहनत का फल भी मिलने लगेगा।
दान का सर्वोत्तम फल आम:-
गुरुवार को व्रत रखें और पीले कपडे़ पहनें। इस दिन बिना नमक खाएं और व्रत पूर्ण होने के बाद अगले दिन दान पुण्य के कार्यों में आम के फल को भी शामिल करें।
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जाने क्यों है आम का पेड़ शुभता का प्रतीक:-
आम के पेड़ को दैवीय पेड़ कहा जाता है। कहते हैं कि हिंदू धर्म में पूजा पाठ में आम के पत्तों को तोरण और बंदनवार बहुत शुभ माने जाते हैं। घर में तीज त्योहार हो या कोई पूजा पाठ। शादी हो या मुंडन संस्कार, जब तक घर की चौखट पर आम की बंदनवार ना लगे, आम के पत्तों को पूजा के कलश पर ना रखा जाए, पूजा पूरी नहीं लगती। जी हां आम के पत्ते बहुत ही सात्विक माने गए हैं।
ज्योतिष में आम के पेड़ को मंगल का कारक बताया गया है। यह मेष राशि का पेड़ माना जाता है|
आम के पत्तों को कलश पर रखने का महत्व:-
ज्योतिष शास्त्र में कलश स्थापना औऱ घट स्थापना किसी भी पूजा और मांगलिक काम का सबसे बड़ा काम माना जाता है। जल से भरे कलश पर जब आम के पत्ते लगाए जाते हैं औऱ उस पर नारियल रखा जाता है तो वो देव स्वरूप हो जाता है। कहा जाता है कि ये कलश पूजा पाठ में देवों की उपस्थिति का कारक होता है। आम के पत्तों को भगवान के अंग और नारियल को सिर के तौर पर देखा जाता है।
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