Aaj ka Vedic Panchang 23 March 2024: जाने अपने कार्य के लिये आज के शुभ मुहूर्त
आज दिनांक - 23 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग
दिन - शनिवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - त्रयोदशी सुबह 07:13 तक तत्पश्चात चतुर्दशी
नक्षत्र - पूर्वा फाल्गुनी पूर्ण रात्रि तक
योग - शूल रात्रि 07:35 तक तत्पश्चात गण्ड
राहु काल - सुबह 09:43 से 11:15 तक
सूर्योदय - 06:41
सूर्यास्त - 06:52
दिशा शूल - पूर्व
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:06 से 05:53 तक
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:22 से 01:11 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:09 तक
व्रत पर्व विवरण - शहीद दिवस
विशेष - त्रयोदशी को बैंगन खाने से पुत्र का नाश होता है । चतुर्दशी के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है ।
(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34/38)
अमृततुल्य गोदुग्ध के अनुपम लाभ (भाग-१)
भारतीय नस्ल की गाय के दूध को क्यों कहा गया है अमृत ? क्या कारण है कि चिकित्सक इसे सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए पौष्टिक भोजन के रूप में तथा विभिन्न रोगों से रक्षा के लिए सेवन करने का सुझाव देते हैं ? स्वस्थ शरीर, प्रसन्न मन व तेजस्वी बुद्धि के लिए क्यों आवश्यक माना जाता है यह दूध ?
क्यों यह माँ के दूध के बाद बच्चों के लिए सबसे प्रशस्त माना गया है ? इस दूध की कुछ विशेषताएँ :
(१) इसमें ऐसे अनुपम गुण होते हैं कि इसे खाद्य पदार्थों में उत्तम माना जाता है । खाद्य पदार्थों को पचाने में जितनी ऊर्जा व्यय होती है उससे कम ऊर्जा इसे पचाने में व्यय होती है । इसे शरीर की सभी धातुओं की वृद्धि करनेवाला मधुर रस भी कहा गया है ।
(२) यह आहारमात्र नहीं है, आयुर्वेद में इसे प्रकृति-प्रदत्त रसायन (टॉनिक) माना गया है जो दुर्बल तथा रोगियों को नवजीवन प्रदान करता है ।
(३) यह पोषक तत्त्वों से भरपूर व सात्त्विक होने से माँ के दूध के बाद बच्चों के लिए सबसे उपयुक्त माना गया है । बालकों के शरीर को अच्छी तरह पोषित करता है और उन्हें तंदुरुस्त बनाता है ।
(४) ओज के दस गुणों से युक्त होने से यह जीवनीय शक्ति को बढ़ानेवाले द्रव्यों में सबसे श्रेष्ठ है । रोगी मनुष्य को सबल और पुष्ट करता है तथा वृद्धावस्था को दूर रखता है ।
(५) मस्तिष्क और ज्ञानतंतुओं को पोषण देकर बुद्धि, स्मृति, बल तथा स्फूर्ति बढ़ाने में यह बेजोड़ है ।
(६) यह वात-पित्तजनित रोगों का शमन करता है ।क्षयरोग (T.B.), पुराना बुखार, पेट के रोग, योनिरोग, मूत्रकृच्छ (पेशाब में जलन एवं रुकावट), रक्तपित्त (शरीर के किसी भाग से खून निकलना), भूख-प्यास की अधिकता, मानसिक रोग तथा थकान को दूर करने वाला है ।
(७) बालक, वृद्ध तथा कम वजन एवं प्रदीप्त जठराग्नि वाले व्यक्तियों को इसका सेवन अत्यंत हितकर है । इससे शीघ्र ही वीर्य की वृद्धि होती है और वीर्य गाढ़ा होता है ।
(८) इसके नित्य सेवन से शरीर के विकास के लिए आवश्यक विटामिन ए, बी १, बी २, बी ३, बी ६, बी १२ एवं डी के साथ कैल्शियम, मैग्नेशियम, फॉस्फोरस एवं पोटैशियम आदि खनिज तत्त्वों की पूर्ति सहजता से हो जाती है ।
(९) इसमें प्रोटीन की मात्रा बहुत होती है । प्रोटीन शरीर में नयी कोशिकाओं का निर्माण करके शरीर की वृद्धि एवं विकास करने में सहायक है ।
जिन्हें कफ की समस्या है उन्हें कफ-शमन हेतु दूध में २-३ काली मिर्च तथा आधा से एक ग्राम सोंठ का चूर्ण मिला के सेवन करना विशेष लाभकारी है ।
गाय का दूध सात्त्विक होने से बुद्धि अच्छे विचार तथा अच्छे कर्मों की ओर प्रवृत्त होती है । इससे परिशुद्ध भावना उत्पन्न होती रहती है । इन सभी गुणों के कारण इसे 'धरा का अमृत' कहा जाता है । इसलिए मनुष्यों को नित्य गाय के शुद्ध दूध का सेवन करना चाहिए ।
सावधानी : नया बुखार, त्वचा रोग, दस्त, कृमि, गठिया तथा दमा (asthma), खाँसी आदि कफ-संबंधी एवं आमजनित समस्याओं में दूध का सेवन नहीं करना चाहिए ।
शनिवार के दिन विशेष प्रयोग
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय' मंत्र का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है । (ब्रह्म पुराण)
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है । (पद्म पुराण)
आर्थिक कष्ट निवारण हेतु
एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
(Disclaimer - The information given in this article has been collected from various mediums like Panchang, beliefs, or religious scriptures and has been brought to you. Our aim is only to provide information. For accurate and correct decisions, consult the concerned expert as per your horoscope. must take.)
0 टिप्पणियाँ