G-B7QRPMNW6J Aaj ka Vedic Panchang 24 March 2024: जाने अपने कार्य के लिये आज के शुभ मुहूर्त राहुकाल नक्षत्र और रविवार के अचूक उपाय के साथ होली के उपाय
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Aaj ka Vedic Panchang 24 March 2024: जाने अपने कार्य के लिये आज के शुभ मुहूर्त राहुकाल नक्षत्र और रविवार के अचूक उपाय के साथ होली के उपाय

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Aaj ka Vedic Panchang 24 March 2024 आज दिनांक - 24 मार्च 2024 का वैदिक हिन्दू पंचांग और होली विशेषांक

दिन - रविवार
विक्रम संवत् - 2080
अयन - उत्तरायण
ऋतु - वसंत
मास - फाल्गुन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - चतुर्दशी सुबह 09:54 तक तत्पश्चात पूर्णिमा
नक्षत्र - पूर्वा फाल्गुनी सुबह 07:54 तक तत्पश्चात उत्तरा फाल्गुनी
योग - गण्ड रात्रि 08:34 तक तत्पश्चात वृद्धि
राहु काल - शाम 05:21 से 06:52 तक
सूर्योदय - 06:40
सूर्यास्त - 06:52
दिशा शूल - पश्चिम
ब्राह्ममुहूर्त - प्रातः 05:05 से 05:52 तक
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12:21 से 01:10 तक
निशिता मुहूर्त - रात्रि 12:22 से 01:09 तक
व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा, हुताशनी पूर्णिमा, होलिका दहन, श्री हरि बाबा जयंती (ति.अ.)

विशेष - चतुर्दशी और पूर्णिमा के दिन  तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

मंत्र-साफल्य दिवस : होली
होली रात्रि जागरण - 24 मार्च 2024

होली के दिन किया हुआ जप लाख गुना फलदायी होता है । यह साफल्य – दिवस है, घुमक्कड़ों की नाई भटकने का दिन नहीं है । मौन रहना, उपवास पर रहना, फलाहार करना और अपना-अपना गुरुमंत्र जपना ।

इस दिन जिस निमित्त से भी जप करोंगे वह सिद्ध होगा । ईश्वर को पाने के लिए जप करना । नाम –जप की कमाई बढ़ा देना ताकि दुबारा माँ की कोख में उल्टा होकर न टंगना पड़े । पेशाब के रास्ते से बहकर नाली में गिरना न पड़े । होली के दिन लग जाना लाला- लालियाँ ! आरोग्य मंत्र की भी कुछ मालाएँ कर लेना ।

अच्युतानन्तगोविन्द नामोच्चारणभेषजात ।
नश्यन्ति सकला रोगा: सत्यं सत्यं वदाम्यहम ।।

‘ हे अच्युत ! हे अनंत ! हे गोविंद ! – इस नामोच्चारणरूप औषधि से तमाम रोग नष्ट हो जाते है, यह मैं सत्य कहता हूँ, सत्य कहता हूँ |’ (धन्वंतरि महाराज)

दोनों नथुनों से श्वास लेकर करीब सवा से डेढ़ मिनट तक रोकते हुए मन–ही–मन दुहराना –

नासै रोग हरै सब पीरा ।जपत निरंतर हनुमत बीरा ।।

फिर 50 से 60 सेकंड श्वास बाहर रोककर मंत्र दुहराना । इस दिन जप-ध्यान का फायदा उठाना, काम-धंधे तो होते रहेंगे । अपने-अपने कमरे में गोझरणमिश्रित पानी से पोछा लगाकर  थोडा गंगाजल छिडक के बैठ जाना । हो सके तो इस दिन गोझरण मिला के स्नान कर लेना ।

लक्ष्मी स्थायी रखने की इच्छा रखनेवाले गाय का दही शरीर पर रगड़के स्नान कर लेना । लेकिन वास्तविक तत्त्व तो सदा स्थायी है, उसमें अपने ‘मैं’ को मिला दो बस, हो गया काम !

ब्रम्हचर्य-पालन में मदद के लिए “ॐ अर्यमायै नम:” मंत्र का जप बड़ा महत्त्वपूर्ण है।

रविवार विशेष

रविवार के दिन स्त्री तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

रविवार के दिन आँवला, मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए । (ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

रविवार सूर्यदेव का दिन है, इस दिन क्षौर (बाल काटना व दाढ़ी बनवाना) कराने से धन, बुद्धि और धर्म की क्षति होती है ।

स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए । इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं ।
रविवार के दिन तुलसी पत्ता तोड़ना एवं पीपल के पेड़ को स्पर्श करना निषेध है ।

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