इस पौधे से निकलती है ऐसी सुगंध जो घरों के अंदर सांपों को नहीं होने देगा प्रवेश… खासियत जान रह जाएंगे दंग
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सांपों को घर में प्रवेश होने से दूर भगाने के लिए चमत्कारी गधर नामक वनस्पति |
बरसात के दिनों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सर्पदंश का खतरा बना रहता है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस पौधे को अपने घर के आसपास लगाते है।
इस पौधे से निकलती है ऐसी सुगंध जो घरों के अंदर सांपों को नहीं होने देगा प्रवेश… खासियत जान रह जाएंगे दंग
सांपों को घर से दूर भगाने के लिए
सांपों को घर से दूर भगाने के लिए गधर नामक वनस्पति का प्रयोग अधिकतर लोग कर रहे हैं। यह पौधा एक प्रकार सांपों का दुश्मन माना जाता है और इसके आसपास सांप आना नहीं चाहते। अगर घर के आस-पास इस पौधे को लगाया जाए तो सांप नहीं आते हैं और सर्पदंश का भय भी नहीं रहता है। जिला कृषि विज्ञान के पदाधिकारी अरुण कुमार के बताया कि इस प्रकार के कई पौधे है, जिसमें से एक प्रकार का सुगंध निकलता है जो सांपों को पसंद नहीं आता है। इसलिए सांप इसके पास नहीं आते हैं। यह पौधा घर के आंगन, बागान आदि जगह पर लगाने से केवल सांप ही नहीं बल्कि अन्य विषैले जीव जंतु भी प्रवेश नहीं करते हैं। बरसात के दिनों में अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सर्पदंश का खतरा बना रहता है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग इस पौधे को अपने घर के आसपास लगाते है।
बारिश के साथ ग्रामीण क्षेत्र हो या शहरी क्षेत्र में जहरीले सांपों के निकला आम बात है। इसलिए सर्पदंश का खतरा हमेशा बना हुआ रहता है। सर्पदंश से बचाव के लिए ग्रामीण क्षेत्र के लोग बचाव के लिए गधर पौधा का उपयोग कर रहे हैं। करमाटांड़ के ग्रामीण विनोद कुमार ने बताया कि गधर पौधा घरों में लगाने से सांप नहीं आते हैं। यह पौधा धोखरा, प्रधानखंटा, सिंदरी सहित अन्य ग्रामीण इलाकें के लोग अपने-अपने घरों के आंगन व बागान में लागाए हुए है। इसके अलावा कोई शहरी क्षेत्रों के लोग ग्रामीण क्षेत्र से खरीदारी कर अपने घरों के बालकोनी या बगीचों में सांप आने से बचाव के लिए लगाते हैं।
धोखरा के हरि नर्सरी के हरि मंडल ने बताया कि गधर पौधा सांप भगाने के लिए लोग अपने-अपने घरों में लगाते हैं। बरसात के शुरुआती दौर में यह पैदा कई लोग यहां से खरीदारी कर रही ले गए। यह पौधा लगाने में सबसे अच्छी बात है कि इसे बहुत देखरेख की जरूरत नहीं होती है। इसे धूप और छाया कहीं भी रखा जा सकता है। हालांकि जरूरत से ज्यादा पानी डालने से खराब हो सकता है। इसमें हफ्ते में एक या दो बार पानी देना पर्याप्त होता है।
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