अक्षय नवमी पर पद्मपुराण के अनुसार ये पूजा और उपाय कर देंगे मालामाल
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अक्षय नवमी पर पद्मपुराण के अनुसार ये पूजा और उपाय कर देंगे मालामाल |
देव उठनी या देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं.
अक्षय नवमी पर पद्मपुराण के अनुसार ये पूजा और उपाय कर देंगे मालामाल
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को आंवला नवमी मनाई जाती है. इसे अक्षय नवमी भी कहते हैं. इस साल अक्षय नवमी या आंवला नवमी कल 2 नवंबर, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने का विधान है इसलिए इस नवमी को आंवला नवमी कहते हैं. मान्यता है कि आंवले के पेड़ में भगवान विष्णु का वास होता है और कार्तिक शुक्ल की नवमी को आंवले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी दोनों प्रसन्न होते हैं. जीवन में खुशी और संपन्नता आती है. आंवला नवमी का पर्व देव उठनी एकादशी से 2 दिन पहले मनाया जाता है. देव उठनी या देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु 4 महीने की निद्रा के बाद जागते हैं.
आंवला नवमी इस साल 2 नवंबर 2022, बुधवार को मनाई जाएगी. इस दिन आंवले के पेड़ की परिक्रमा लगाई जाती है और सूत बांधा जाता है. मान्यता है कि आंवले के पेड़ में इस तरह सूत बांधने से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की अक्षय नवमी तिथि 1 नवंबर 2022 की रात 11 बजकर 04 मिनट से शुरू होकर 2 नवंबर 2022 को रात 09 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. वहीं पूजा के लिए शुभ मुहूर्त-
पद्मपुराण के अनुसार आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ की पूजा करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं इसलिए इसे अक्षय नवमी कहते हैं. साथ ही भगवान विष्णु का वास होने के कारण इस पेड़ की पूजा करने से धन, विवाह, संतान, दांपत्य जीवन से जुड़ी सारी समस्याएं भी खत्म हो जाती हैं. इसके अलावा आंवले का सेवन करने से व्यक्ति सेहतमंद रहता है. आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे बैठकर भोजन करने से और गरीबों को भोजन कराने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.
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